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*रवि मानिकपुरी जिला पुलिस बल कोरबा में पदस्थ है इनके द्वारा अवैध रूप से भ्रष्टाचार कर काली कमाई की गई है जिसकी जांच सेंट्रल जांच एजेंसी सीबीआई एवं परिवर्तन निदेशालय नई दिल्ली या राज्य सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो एसीबी से करने की आवश्यकता है इनके द्वारा ग्राम पंचायत रलिया में अवैध रूप से शासकीय भूमि के कई एकड़ को कब्जा कर अवैध रूप से एसईसीएल गेवरा खदान से मुआवजा राशि लेने के लिए बड़े-बड़े गुणवत्ता हिन मकान बनाकर लाखों रुपए की राशि आहरण किया जा चुका है और वर्तमान में दो बड़े-बड़े अवैध रूप से मुआवजा राशि लेने की जुगत में लगा हुआ है उस मकान का भी सर्वे एसईसीएल के राजस्व विभाग विभाग द्वारा किया जा चुका है मकान का लाखों रुपए की राशि पहले ले चुका है जो पुलिस विभाग के कर्मचारी नौकरी में आने से पहले भारत के संविधान की शपथ लेते हैं वही गलत कार्यों में सम्मिलित रहेंगे और अपनी खाकी वर्दी का धमक दिखाकर जनता को डरा धमका कर गलत कार्य करेंगे तो जनता किस पर भरोसा करेंगी*

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रवि मानिकपुरी जिला पुलिस बल कोरबा में पदस्थ है इनके द्वारा अवैध रूप से भ्रष्टाचार कर काली कमाई की जांच सेंट्रल जांच एजेंसी सीबीआई एवं परिवर्तन निदेशालय नई दिल्ली या राज्य सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो एसीबी से करने की आवश्यकता है इनके द्वारा ग्राम पंचायत रलिया में अवैध रूप से शासकीय भूमि के कई एकड़ को कब्जा कर अवैध रूप से एसईसीएल गेवरा खदान से मुआवजा राशि लेने के लिए बड़ा-बड़ा गुणवत्ता हिन मकान बनाकर लाखों रुपए की राशि आहरण किया जा चुका है और वर्तमान में दो बड़े-बड़े अवैध रूप का मुआवजा राशि लेने की जुगत में लगा हुआ है उसका भी सर्वे एसईसीएल के राजस्व विभाग विभाग द्वारा किया जा चुका है मकान का करोड़ों रुपए की राशि पहले ले चुका है जो पुलिस विभाग के कर्मचारी नौकरी में आने से पहले भारत के संविधान की शपथ लेते हैं वही गलत कार्यों में सम्मिलित रहेंगे और अपनी खाकी वर्दी का धमक दिखाकर जनता को डरा धमका कर गलत कार्य करेंगे तो जनता किस पर भरोसा करेंगी।

रवि मानिकपुरी जब थाना हरदी बाजार एवं थाना दीपका पदस्थ थे उस समय रलिया में शासकीय भूमि में कब्जा कर मकान बनाया गया था तब के थाना प्रभारी द्वारा रवि मानिकपुरी को खुलकर सपोर्ट किया करते थे वही मकान बनाने के लिए जो सामग्री की आवश्यकता पड़ती थी वह भी दो नंबर का हुआ करता था जैसे ईट, गिट्टी, रेत, जो अवैध रूप से कार्य करते थे उनको टारगेट बनाकर पकड़ा जाता था और उस सामग्री को मकान बनाने में इस्तेमाल में लिया जाता था उस वाहन को उस स्थल में खाली कराया जाता था जिस स्थान में मकान का निर्माण होना रहता था उसके बाद उनको खुली छूट चोरी करने के लिए दिया जाता था छड़, सीमेंट का भी जुगाड़ कुछ इसी हिसाब से कुछ पैसे देकर किया जाता था जब रवि मानिकपुरी पुलिस बाल में नौकरी करने के लिए थाना हरदी बाजार, थाना दीपका आया था तब इसके पास रहने के लिए किराए का मकान के अलावा कुछ भी नहीं था आज वह व्यक्ति करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक है आज हरदी बाजार में आलीशान मकान है रतनपुर के पास रानी गांव में कई एकड़ जमीन खरीदी गई है आखिर वह सार पैसा कहां से आया इसकी जांच जब जांच एजेंसी करेगी तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ऐसे भ्रष्टाचार में लिप्त वर्दी धारी से पुलिस की छवि धूमिल होती है।

दलालों के माध्यम से यह सारा खेल खेला जाता रहा है जब वह व्यक्ति रलिया गांव का रहने वाला नहीं है तो उसे व्यक्ति को मुआवजा राशि कैसे मिली है या कोई दलाल है जो इस मुआवजा राशि को अपने नाम से लेकर उस व्यक्ति को दिया है इसकी भी जांच जांच एजेंसी को करने की आवश्यकता है तभी मामले की परतदर-परत का खुलासा हो सकेगा जो व्यक्ति रलिया गांव में नहीं रहता है वह व्यक्ति मौजा राशि के लिए पत्र कैसे हो गया और उनके द्वारा बड़े-बड़े मकान बना लिया गया क्या ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव इन की मिलीभगत थी कैसे उसे व्यक्ति का आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, बना यह समझ से परे है इन सब दस्तावेजों के बिना एसईसीएल में मुआवजा राशि नहीं मिल सकती है आम भूमि विस्थापितों का एक भी दस्तावेज काम हो जाए तो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होते हैं इनके पीछे बड़ा खेल राजस्व विभाग के पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार, अनुविभागी अधिकारी कटघोरा एसईसीएल के राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता जिले के पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर ईमानदार हैं तो ऐसे खुलेआम भ्रष्टाचार कैसे हो रहा है आखिर इस भ्रष्टाचार को अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहे है क्षेत्र की गरीब पीड़ित शोषित, जनता, शासन प्रशासन से गंभीर सवाल पूछ रही है क्या इस गंभीर विषय को तत्काल संज्ञान में अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा या भ्रष्टाचार करने वाला व्यक्ति भ्रष्टाचार कर छूट जाएगा उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी या बड़ा सवाल खड़ा होता है आने वाले दोनों की प्रतीक्षा क्षेत्र की जनता करेंगे।

आपको याद होगा कटघोरा अनुविभागी अधिकारी राजस्व के बाबू मनोज गोविल के ऊपर कई भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं जिनके द्वारा जमीन की हेरा-फेरी कर गलत ढंग से मुआवजा राशि करोड़ों रुपए का दलाल नुमा नेताओं का बनाया गया है इसके बावजूद भी प्रशासन में बैठे अधिकारी उन पर आखिर क्यों मेहरबान है उनको क्यों हटाया नहीं जा रहा है उनके ऊपर जांच क्यों बैठाई नहीं जा रही है यह एक संदेह को जन्म देता है क्या राजस्व विभाग के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत है आपको याद होगा हरदी बाजार निवासी श्यामू जायसवाल के घर में कुछ माह पहले पहले केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई का छापा पड़ा था जिसकी जांच वर्तमान में चल रही है श्यामू जायसवाल के ऊपर 17 से 18 करोड रुपए की मुआवजा राशि गलत तरीके से आहरण करने का आरोप लगा है इसके पीछे एसईसीएल दीपिका राजस्व विभाग के अधिकारी मितेश मधुप का नाम सामने आ रहा है वही दीपिका के तहसीलदार विष्णु पौकरा पदस्थ थे। जो शासन प्रशासन को लाखों करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं शासन को चूना लगा रहे हैं और शासकीय भूमि पर भेजो कब्जा करवा कर मुआवजा राशि दिलवा रहे हैं जब पुरी भूमि खाली पड़ी हुई थी तो उसे समय राजस्व विभाग के अधिकारी, एसईसीएल के अधिकारी धड़ल्ले से मकान बनाने वाले दलालों को क्यों नहीं कर रहे थे उनको क्यों रोक नहीं जा रहा था आज करोड़ों रुपए की मुआवजा राशि देना पड़ रहा है वह सब राशि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती मकान बनाने वाले के ऊपर क्यों करवाई नहीं की जा रही थी। आज उनको मुआवजा राशि के अलावा मालवा धुलाई कभी राशि साथी पुनर्वास की राशि लाखों करोड़ों रुपए देना पड़ रहा है यह सब राशि एसईसीएल प्रबंधन को नहीं देना पड़ता।

अभी आने वाले दोनों में दो निरीक्षक जो वर्तमान में जिले के बाहर किसी अन्य जिले में पदस्थ हैं उनका भी भ्रष्टाचार मामले का खुलासा किया जाएगा जिनके संरक्षण में रवि मानिकपुरी यह सब गलत कार्य का गोरख धंधा का खेल खेला करता था धन्यवाद