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*लिमिटेड का खेल अनलिमिटेड गेवरा ओपन कोल परियोजना के सीजीएम एसके मोहंती के द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का एक और मामला उजागर हुआ है अपने चाहते ठेकेदार को वर्षा ऋतु के समय तालाब डिशसेटिंग . मिट्टी हटाने के कार्य हेतु 89.61 लाख का ठेका देने का मामला सामने आया है इसकी केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी प्रवर्तन निदेशालय को जांच करने की आवश्यकता है जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारि के ऊपर कारवाई हो सके और परतदार परत पोल खुल सके ऐसे लिमिटेड ठेके के माध्यम से अपने चाहते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए 2023 से 2024 के बीच में 7 से 8 लिमिटेड टेंडर के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया जा चुका है ऐसा हमारे विशेष सूत्र बता रहे*

लिमिटेड का खेल अनलिमिटेड गेवरा ओपन कोल परियोजना के सीजीएम एसके मोहंती के द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का एक और मामला उजागर हुआ है अपने चाहते ठेकेदार को वर्षा ऋतु के समय तालाब डिशसेटिंग . मिट्टी हटाने के कार्य हेतु 89.61 लाख का ठेका देने का मामला सामने आया है इसकी केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी प्रवर्तन निदेशालय को जांच करने की आवश्यकता है जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारि के ऊपर कारवाई हो सके और परतदार परत पोल खुल सके ऐसे लिमिटेड ठेके के माध्यम से अपने चाहते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए 2023 से 2024 के बीच में 7 से 8 लिमिटेड टेंडर के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया गया है

एसईसीएल गेवरा एरिया के सीजीएम एसके मोहंती अपने नौकरी कार्यकाल का पूरा समय गेवरा, कुसमुंडा, दीपका, में किए हैं लगभग उनको 20 या 25 साल यह हो चुके हैं आप अनुमान लगा सकते हैं कि इनको इन स्थानों में कितना मोह है क्योंकि यहां खुला भ्रष्टाचार करने का मौका मिलता है यहां किसी प्रकार का कोई रोक-टोक नहीं है राजनीति दबाव नहीं है ठेकेदार को सेटिंग के माध्यम से पूरा काम दिए जाते हैं खासकर के लिमिटेड टेंडर का पूरा काम सीजीएम एसके मोहंती अपने चाहते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाते हैं और खूब पैसा कमीशन के रूप में लेते हैं। एक और काम 27.9.2024 को टेंडर ओपन होना है इसमें मिट्टी कटिंग का कार्य किया जाना है जिसके लिए 20 लख रुपए की राशि तय की गई है अब देखना है कि अपने किस चाहते ठेकेदार को कार्य आवंटन करते हैं

लिमिटेड टेंडर का नाम फीलिंग एंड डिसलेटिंग आंफ जे पाउंड अंडर गेवरा प्रोजेक्ट एरिया दिनांक 8.7.2024 को कार्य आवंटन किया गया है
सीजीएम के द्वारा तालाब में मिट्टी सफाई करने का काम के लिए अपने चाहते ठेकेदार को 89.61 लाख का काम दिया गया है वहीं काम ओपन टेंडर द्वारा निविदा निकाला जाता तो 45 से 50 लख रुपए में हो सकता था और यह कार्य कोई अति आवश्यक की श्रेणी में नहीं आता है 8.7.2024 में वर्क आर्डर ठेकेदार को दिया गया है लगभग ₹100 क्विक मीटर के हिसाब से वही राजेंद्र इंफ्रा टेक ठेका कंपनी₹35 क्विक मीटर में उसके दूसरे स्थान में कार्य कर रहा है उस काम को ओपन टेंडर के जरिए कंपटीशन में काम लिया गया था आप अनुमान लगा सकते हैं कितना बड़ा खेल खेला जा रहा है और अभी तक राकेश इंटरप्राइजेज के द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया है क्योंकि वर्षा ऋतु के समय कार्य करना संभव है
यह कार्य हर वर्ष गर्मी के मौसम में किया जाता है जिस समय तालाब में पानी कम होता है उस पानी का इस्तेमाल एसईसीएल अपने स्प्रिंकलर के माध्यम से सड़कों में छिड़काव करते हैं पानी टैंकर के माध्यम से विभिन्न कामों में उपयोग में लिया जाता है आखिर वर्षा ऋतु में ठेकेदार को ठेका देना समझ से परे है वही खदान के अंदर वर्षा ऋतु के समय ऊपर खेत का पानी खदान के अंदर आ गया था यहां यह बताना जरूरी है यह भी सीजीएम की घोर लापरवाही का नतीजा था वर्षा ऋतु के पहले खदान के ऊपर नाली का निर्माण किया जाता है जिस खेत,या भाटा, मैदानी क्षेत्र का पानी खदान के अंदर ना आ सके इस कार्य को समय रहते सीजीएम के द्वारा नहीं कराया गया था जिसका नतीजा खदान के अंदर पानी घुस आया इसकी भी जांच एजेंसी को करने की आवश्यकता है

वही पर अगर ए. सो सिविल के माध्यम से काम कराया जाए तो ओपन टेंडर के माध्यम से काम कंपटीशन के आधार में ठेकेदार को मिलता है जिसमें कोई भी ठेकेदार पार्टिसिपेट क्वालीफाई कर सकता है उस ठेकेदार का दस्तावेज सही होना चाहिए और सभी ठेकेदार से रेट बिलों होना चाहिए।
गेवरा कोल प्रोजेक्ट के अंदर तालाब डिशसेटिंग मिट्टी हटाने का कार्य 89.61 लाख का वर्क आर्डर वर्षा ऋतु के समय ठेकेदार को ठेका देने का आदेश किया गया यह समझ से परे हैं वर्षा ऋतु में जब तालाब मे पानी भर जाएगा तो तालाब के अंदर से कोयल का चुरा डस्ट मिट्टी नीचे जमे हुए गंदगी को कैसे ठेकेदार बाहर निकलेगा ना तालाब के अंदर मशीन जा सकते ना डंपर जा सकते यह समझ से परे हैं हो सकता है कुछ थोड़ा सा फॉर्मेलिटी निभा कर 89.61 लाख को सीजीएम एसके मोहंती और अपने चाहते ठेकेदार के साथ मिलकर बंदर बाट कर लिए होंगे इसकी जांच होना बहुत जरूरी है तभी पूरा मामला सामने आएगा ऐसे ही बहुत से और मामले हैं जिसकी पुरी जानकारी हमारे पास उपलब्ध है धीरे-धीरे परत दर परत खुलता जाएगा एसके मोहंती जहां-जहां पदस्थ थे वहां-वहां किए गए उनके द्वारा भ्रष्टाचार का समाचार निरंतर प्रकाशित किया जाएगा जिससे ऐसे भ्रष्ट अधिकारी एसईसीएल को चुना और,कथा दोनों लगा रहे है और एसईसीएल को आर्थिक छाती पहुंच रहे हैं जिस थाली में खा रहा है उसी थाली में छेद कर रहे है उनके पास लाखों करोड़ों रुपए की अवैध भ्रष्टाचार कर कमाए हुए संपत्ति है इस सब की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी को करने की आवश्यकता है अगर जांच होती है तो कोल इंडिया का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला उजागर होगा। धन्यवाद