*दीपका क्षेत्र में सीजीएम कार्यालय के गेट पर किया प्रदर्शन*
(कोरबा) दीपका क्षेत्र में सीजीएम कार्यालय के गेट पर किया प्रदर्शन
कोरबा (ईएमएस) सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया की अनुसांगिक कंपनी एसईसीएल बिलासपुर के अधीन कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना के साथ भु-विस्थापितों की तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। दीपका क्षेत्र में मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के गेट पर उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। वे मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास के मुद्दे पर यहां पर एकत्रित हुए। स्थिति को देखते हुए स्थानीय सुरक्षा बल ने सतर्कता दिखाई।
भु-विस्थापितों ने अपने संगठन के बैनर तले यह प्रदर्शन किया। यह लोग विभिन्न क्षेत्रों के बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार उनकी जमीन साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड दीपका क्षेत्र के द्वारा अपनी कोल माइंस के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई। बताया जा रहा है कि काफी समय इस प्रक्रिया को हो चुका है लेकिन अब तक अधिकांश मामलों में रोजगार नियोजन नहीं हो सका है। पुनर्वास का मसला अटका हुआ है और मुआवजा भुगतान भी लंबित है। भु-विस्थापितों का आरोप है कि उनके मामले में प्रबंधन की ओर से केवल आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं दी जा रही है। इस वजह से हमारी समस्याएं बढ़ती जा रही है और इसके चलते सामाजिक आर्थिक चुनौतियां पेश आ रही है।
सीजीएम कार्यालय गेट पर हुए प्रदर्शन में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी शामिल हुई। इन सभी ने अपने मुद्दे को लेकर कोयला कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने प्रकरणों का निपटारा करने में उपेक्षा बरतने के आरोप लगाए। प्रदर्शन की वजह से कार्यालय पहुंचने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा हैं कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड दीपका क्षेत्र में भू-अर्जन के बाद रोजगार देने की प्रक्रिया में कई तरह की शिकायत प्राप्त हुई। इस दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गंभीर खामियों के उजागर होने पर प्रशासन ने इस पर नजरें तिरछी की। पता चला कि शताधिक मामलों को रोजगार की दृष्टिकोण से खारिज कर दिया गया। इससे पहले कुसमुंडा क्षेत्र में रोजगार के मसले को लेकर महिलाओं ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया था, जिस पर काफी हंगामा हुआ। बाद में प्रबंधन की ओर से कुसमुंडा पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस प्रकार की हरकतों ने अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। इसलिए एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रदर्शन रोकने के लिए कोशिश की जा रही है।