*दीपिका ओपन कोल परियोजना में कलिंगा कमर्शियल कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी उड़ीसा के द्वारा मिट्टी खनन (ओवर बडन) एवं कोयला उत्खनन का कार्य कुछ माह से इनके द्वारा किया जा रहा है जिसमें बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों को पहले प्राथमिकता के आधार पर काम दिया जा रहा है वही हमारे क्षेत्र के लोकल मजदूर एवं भू विस्थापितों के साथ उपेक्षा किया जा रहा है जिससे क्षेत्र में काफी आक्रोश देखने को नजर आ रहा है,एसईसीएल के अधिकारी बने मुक दर्शक, कलिंगा के सीनियर मैनेजर विकास दुबे के गुंडागर्दी से क्षेत्र वासीयों में दहशत का माहौल है, कब करेगा शासन प्रशासन इन पर कार्रवाई, कब क्षेत्रवासी को मिलेगा न्याय*
दीपिका ओपन कोल परियोजना में कलिंगा कमर्शियल कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी उड़ीसा के द्वारा मिट्टी खनन (ओवर बडन) एवं कोयला उत्खनन का कार्य कुछ माह से इनके द्वारा किया जा रहा है जिसमें बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों को पहले प्राथमिकता के आधार पर काम दिया जा रहा है वही हमारे क्षेत्र के लोकल मजदूर एवं भूमि स्थापितों के साथ उपेक्षा किया जा रहा है जिससे क्षेत्र में काफी आक्रोश देखने को नजर आ रहा है।
वही रविवार को मिलने वाली सैलरी मजदूरों को कलिंगा कंपनी द्वारा नहीं दिया जाता है जिसे श्रम विभाग को तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
वही दीपिका एसईसीएल का कार्य को कलिंगा कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास दुबे के द्वारा किया जा रहा है जो निर्माता नियमता: बिल्कुल गलत है इनके गुंडागर्दी से क्षेत्र की आम जनता में काफी आक्रोश व्याप्त है इनके गुंडागर्दी को शासन प्रशासन अगर समय रहते इन पर अंकुश नहीं लगता है तो कोई बड़ी अप्रिय घटना घट सकती है इसकी पुरी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी दीपिका खदान में हजारों संख्या में मजदूर एवं भारी वाहन मशीनरी काम कर रहे हैं जिसका कलिंगा कंपनी द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन को कोई रिकॉर्ड मुहैया नहीं कराया गया है ऐसे हमारे विशेष सूत्र बता रहे हैं और ना ही स्थानी पुलिस प्रशासन के पास उनका कोई रिकॉर्ड है कोई बड़ी घटना घट जाती है उसे वक्त शासन प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं रहता है शिवाय जांच के जिस पर पुलिस प्रशासन को शक्ति दिखाते हुए कितने मजदूर काम करते हैं उनका नाम पता किस राज्य के रहने वाले हैं उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड और कहां रहते हैं उनका पूरा जांच कर वेरीफिकेशन करने की आवश्यकता है साथ ही जितने भी खदान के अंदर और बाहर कलिंगा कंपनी की वाहन चल रही है उनका भी डिटेल पुलिस प्रशासन को रखने की आवश्यकता है जब से कलिंगा कंपनी दीपिका खदान में आए हैं तब से क्षेत्र में आम नागरिक विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों का शिकार हो रहे हैं मुख्य रूप से जैसे सांस लेने में दिक्कत होना दमा सांस फूलना, बाल झड़ना, शरीर में खुजली एवं इन्फेक्शन होना सांस लेने में दिक्कत होना जो छोटे बच्चे हैं और जानवरों को भी इस प्रकार के गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है इसके मुख्य वजह खदान से निकलने वाली धूल और कोयल का डस्ट को बताया जा रहा है जिस पर पर्यावरण विभाग को संज्ञान लेने की आवश्यकता है वही कंपनी के द्वारा आसपास के क्षेत्र में और खदान एरिया में पानी का छिड़काव नहीं करना मुख्य वजह बताया जा रहा है इसके लिए शासन प्रशासन को एक कमेटी का गठन कर जांच करने की आवश्यकता है और पर्यावरण द्वारा प्रदूषण जांच करने के लिए प्रदूषण मापक यंत्र लगाकर जांच करने की आवश्यकता है की क्षेत्र में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण कितना अधिक है जिस इंसान सुरक्षित जीवन यापन कर सकें शुद्ध वायु और शुद्ध पानी मिल सके जो क्षेत्रवासियों का अधिकार है।
भूमि अधिग्रहण का कार्य शासन प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन का होता हैं जिस कार्य को कलिंगा कंपनी के द्वारा इंटरफेयर कर मशीन लेकर अधिग्रहण करने के लिए गांव पहुंच जाते हैं क्या यह गुंडागर्दी नहीं है।
वही कलिंगा कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास दुबे के खिलाफ उनके गुंडागर्दी और अभद्र व्यवहार को लेकर थाना हरदी बाजार थाना कुसुंडा कोरबा वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों के पास में कई बार लिखित शिकायत किया जा चुका है जिस पर पुलिस विभाग द्वारा शिकायत का निराकरण कर जांच नहीं किया जा रहा है और नाही उन पर ठोस कार्रवाई कर रही है जिससे उनका हौसला बुलंद होता जा रहा है आखिर इस व्यक्ति को शासन प्रशासन के उच्च पद में बैठे अधिकारी द्वारा बचाने में लगे हुए हैं क्या शासन प्रशासन कोई अप्रिय घटना का इंतजार कर रही है वही गांव के सीधे-साधे भोले भाले लोगों को आपस में लड़ना भिड़ाना इस व्यक्ति का काम रह गया है फुट करो और राज करो जो काम अंग्रेजी लोग किया करते थे वही काम उनके द्वारा अमगांव और हरदी बाजार में किया जा रहा है जिससे ग्रामीणों का जमीन को जल्द से जल्द खदान के लिए हड़प्पा जा सके।
आपको बता दें वर्तमान में दीपिका ओपन कोल परियोजना खदान को कोल इंडिया द्वारा निर्धारित लक्ष्य 40 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है जिसे दीपिका खदान द्वारा कोयला उत्खनन करने का लक्ष्य को पूरा कर पाना असंभ्व नजर आ रहा है जिसके लिए एसईसीएल द्वारा विकास दुबे को खुला संरक्षण प्रदान किया गया है कैसे खदान को आगे बढ़ाना है और कैसे लक्ष्य को पूरा कर सकें जो की बिल्कुल गलत है एसईसीएल का काम एसईसीएल के अधिकारी करें ना की ठेकेदार के गुंडे ग्रामीणों को जाकर धमकी चमकी दे एसईसीएल दीपिका के पास खदान को बढ़ाने के लिए भूमि नहीं है खदान के ठीक सामने मालगांव के बाद हरदी बाजार एक घनी आबादी के रूप में आता है जो बड़ा कस्बा है जिसे अधिग्रहण करने में प्रबंधन को माथे की पसीना निकलना लाजमी है मालगांव से लगे हुए हरदी बाजार कॉलेज,कामदगिरी उद्यान के हजारों फलदार वृक्षों को कटाई करने के बाद खदान से उड़ने वाली धूल और डस्ट सीधा हरदी बाजार गांव में जा रहा है जिससे वहां के रहने वाले स्थानीय लोगों का जीना दुबर हो गया है वही दीपिका खदान द्वारा भारी भरकम हैवी ब्लास्टिंग किया जा रहा है जिससे वहां के कुआं और बोर से गंदा पानी निकल रहा है कई बोर और कुआं तालाब का जलस्तर सूख चुका है यह कुछ दिनों में सूख जाएगा जिससे गर्मी के मौसम में लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
इस संबंध में कलिंगा कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास दुबे से व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई रिप्लाई नहीं आया अगर आता तो उनके वक्तव्यो को पूरे प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता धन्यवाद