*केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के दौरे से पहले कोयला खदान में एक निजी कंपनी के डोजर में आग लग गया इससे पहले फायर ब्रिगेड की गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी लगातार खदान के अंदर घटना घट रही है जिस पर अंकुश लगाने में एसईसीएल प्रबंधन पूरी तरीके से असफल और असहाय नजर आ रही है खदान में काम करने वाले कामगारों में दहशत का माहौल बना रहता है कब क्या हो जाए कोई पता नहीं आरोपी अधिकारियों के खिलाफ डीजीएमएस को करवाई करने की आवश्यकता है जिससे खदान सुचारू रूप से संचालित हो सके बिना घटना दुर्घटना के*
कोरबा एसईसीएल की गेवरा ओपन कोयला खदान में एक निजी कंपनी का डोजर आग की चपेट में आ गया। यह घटना तब हुई जब मशीन डंपिंग कार्य में लगी हुई थी। डोजर चालक बालेश्वर ने मशीन से कूदकर अपनी जान बचाई।
घटना के समय कोल इंडिया की वेलफेयर टीम गेवरा कोयला खदान का निरीक्षण कर रही थी। यह हादसा केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी के 10 अप्रैल के प्रस्तावित दौरे से पहले हुआ है। कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के दौरे को लेकर सतर्क मोड में था। लेकिन लगातार हो रहे हादसे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
प्रारंभिक जांच उपरांत शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है। बताया जा रहा हैं की वाहन में ईंधन लीकेज के कारण आग की लपटें और तेज हो गईं। दमकल विभाग को सूचना दी गई। आग को काबू में करने में ढाई से तीन घंटे का समय लगा। इस घटना में करोड़ों रुपए की मशीन को नुकसान पहुंचा है।
उल्लेखनीय हैं की गेवरा माइंस में यह पहली आगजनी की घटना नहीं घटित हुई है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। इन घटनाओं से एसईसीएल और निजी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के मौसम में इस तरह की घटनाएं अधिक होती हैं। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसके बावजूद एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी सबक लेने को तैयार नहीं है जो खदान के लिए ठीक नहीं है