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*अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल, जिला कोरबा के अध्यक्षता में दीपक एसईसीएल एवं ग्राम वासियों के बीच होने वाली त्रिपक्षी वार्ता को ग्राम वासियों ने निरस्त करने के लिए तहसीलदार हरदी बाजार को सरपंच सहित हस्ताक्षर युक्त प्रभावित भू स्थापितों ने पत्र सौंपा इससे पहले जिला प्रशासन ने बंदूक और लाठी के जोर में कई बार सर्वे का प्रयास किया जा चुका है प्रशासन का रवैया हिटलर की तरह*

अपर कलेक्टर, जिला कोरबा, छत्तीसगढ के अध्यक्षता में एसईसीएल एवं ग्राम वासियों के बीच होने वाली त्रिपक्षी वार्ता को ग्राम वासियों ने निरस्त करने के लिए तहसीलदार हरदी बाजार को सरपंच सहित हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा।

अपर कलेक्टर की ओर से 8/10/2025 को जनसामान्य को सूचित करते हुए । हरदी बाजार स्थित जमीन एवं उस पर बनी परिसंपत्तियों का नापी [सर्वे] किया जाना है जिसका त्रिपक्षी वार्ता तहसील हरदी बाजार में होने की सूचना ग्राम पंचायत सरपंच को दिया गया था। ग्राम पंचायत हरदी बाजार सरपंच एवं ग्राम वासियों ने इस वार्ता को निरस्त करने के लिए पत्र तहसीलदार को सोपा है ।
ग्राम वासियों का कहना है पूर्व की गई मांगों को पूरा करने के पश्चात् ही किसी प्रकार की बैठक या वार्ता में शामिल होना संभव होगा ।

हमेशा से भू स्थापितों के साथ शासन प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन द्वारा छल किया जाता रहा है जिससे पूरे क्षेत्रवासी नाराज है अगर ऐसी ही स्थिति निर्मित रहेगी तो कोई बड़ी घटना भविष्य में घट सकती है इस पर शासन प्रशासन को गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए प्रभावित भू स्थापितों के साथ में मिलकर सकारात्मक रूप से बातचीत के माध्यम से रास्ता निकाला जा सके जिनको  उचित  मुआवजा राशि नौकरी पुनर्वास 2004 से 2010 के बीच जो हरदी बाजार में रजिस्ट्री हुआ है उनको भी बराबर-बराबर का हक मिलना चाहिए जिससे सभी प्रभावित व्यक्ति को सही व्यवस्था और लाभ मिल सके जब ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं होता है तो ग्रामीण  बार-बार आंदोलन करने के लिए  मजबूर होते हैं वैसे भी कोरबा कलेक्टर की हिटलर शाही को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय है वही एसईसीएल प्रबंधन के पक्ष में ही कार्य करना चाहते हैं प्रभावित ग्रामीण से उनका कोई लेना-देना नहीं है उनको लाठी डंडे अब बंदूक के नोक में डरा धमका कर घरों को मकान को जमीनों को नपवाने सर्वे का कार्य किया जा रहा है जो भारत के संविधान के खिलाफ है संविधान ने सबको बराबर का मौलिक अधिकार दिया है अपनी बातों को बोलने का लिखने पढ़ने का ब्यूरोक्रेट को यह बात को समझना चाहिए की जनता की सेवा के लिए सरकार ने उन्हें कुर्सी में बैठाया है ना की जनता को प्रताड़ित करने के लिए जनता देश  हित में में कोयला निकालने के लिए अपना घर दुकान मकान जमीन सब कुछ देने को तैयार है लेकिन उनकी भी समस्या का समाधान शासन प्रशासन को करने की जरूरत है। आगे हमारी नजर इस खबर पर निरंतर बनी रहेगी और निष्पक्ष रूप से हम समाचार को प्रकाशित करते रहेंगे धन्यवाद