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*मनरेगा के तहत युक्तधारा पोर्टल से जिले की 355 ग्राम पंचायतों के लेबर बजट की कार्ययोजना तैयार,वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए 03 हजार से अधिक कार्यों की बनाई गई योजना,वाटर बजटिंग को दी गईं है प्रथमिकता*

कोरबा,

12 दिसंबर 2025/ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, मनरेगा अंतर्गत निर्माण कार्यों की योजना प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने हेतु कोरबा जिले में महत्वपूर्ण पहल की गई है। वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए जिले की 355 ग्राम पंचायतों के लेबर बजट की कार्ययोजना युक्तधारा पोर्टल के माध्यम से सफलतापूर्वक तैयार कर ली गई है। पोर्टल के जरिए 3,000 से अधिक कार्यों की व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें वाटर बजटिंग को प्रथमिकता दी गई है जिसके तहत गांवों में जल सरंक्षण एवं जल संवर्धन संबंधी कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे। शेष ग्राम पंचायतों में कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।

मनरेगा के तहत योजनाओं के निर्माण और निगरानी में युक्तधारा पोर्टल एक मजबूत तकनीकी सहयोगी के रूप में उभरकर सामने आया है। इसके माध्यम से योजना निर्माण, परिसंपत्ति विकास, जियो-टैगिंग, डेटा संकलन, डिजिटल डाक्यूमेंटेशन तथा पारदर्शिता को नई दिशा मिलेगी। यह प्लेटफॉर्म भू-स्थानिक डेटा आधारित अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है, जिसके कारण ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यों के चयन से लेकर निगरानी तक की प्रक्रिया अधिक सटीक और पारदर्शी बनती है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी  दिनेश कुमार नाग ने बताया कि युक्तधारा पोर्टल योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वे इस तकनीकी प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग कर वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए एक आदर्श एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें, ताकि ग्रामीण हितग्राहियों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

*क्या है युक्तधारा पोर्टल?*

युक्तधारा पोर्टल, मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कार्ययोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन के लिए विकसित भू-स्थानिक नियोजन प्लेटफॉर्म है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
यह पोर्टल रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक का उपयोग कर परिसंपत्तियों का जियो-टैगिंग करता है, जिससे योजनाओं की पारदर्शिता, दक्षता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होता है। साथ ही, यह कार्यों के दोहराव या अनियमितता की संभावनाओं को भी न्यूनतम करता है।