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एचटीपीपी में 1320 मेगावाट क्षमता का बनेगा नया विद्युत संयंत्र

0 राज्य बनने के बाद होगा चौथा नया पावर प्लांट
कोरबा। राज्य सरकार कोरबा के हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीपी) परिसर में 1320 मेगावाट क्षमता का एक और नया बिजली संयंत्र स्थापित करेगा। नवीन संयंत्र का निर्माण भारतीय पद्धति से किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) को दी जाएगी। प्रति मेगावाट लगभग 9.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस आधार पर 13 हजार करोड़ की अनुमानित लागत का आंकलन किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद यह कंपनी का चौथा नया संयंत्र होगा।
सबसे पहले 500 मेगावाट की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र 11 दिसंबर 2007 में शुरू हुआ। इसके बाद एचटीपीपी परिसर में ही स्थापित की गई 500 मेगावाट विस्तार इकाई से पांच सितंबर 2013 से उपभोक्ताओं को बिजली मिलने लगी। जांजगीर-चांपा जिले के मड़वा में एक हजार मेगावाट क्षमता का संयंत्र 31 जुलाई 2016 को परिचालन में आया। पर्यावरणीय अनुमति समेत अन्य वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण करने में करीब डेढ़ साल का वक्त लगेगा, उसके बाद ही निर्माण के लिए आधारशिला रखी जाएगी। यहां बताना होगा कि अभी अधिकतम मांग 5300 मेगावाट तक दर्ज की गई है। आने वाले पांच साल में राज्य में बिजली की मांग करीब आठ हजार मेगावाट पहुंच जाएगी। वर्तमान में कंपनी की 2980 मेगावाट उत्पादन क्षमता है। क्षमता बढ़ाने एचटीपीपी में 660-660 मेगावाट की दो इकाई स्थापित की जाएगी। संयंत्र का निर्माण करीब 200 एकड़ जमीन में किया जाएगा। इतनी ही जमीन परिसर में और उपलब्ध है। पहले से संचालित 1340 मेगावाट संयंत्र के लिए साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान से कोयले की आपूर्ति की जा रही है। इसके लिए 13 किलोमीटर लंबे कंवेयर बेल्ट सिस्टम खदान व संयंत्र के बीच तैयार किया गया है। कुसमुंडा खदान से ही कोयला आपूर्ति नए संयंत्र को की जाएगी। लगभग 16 हजार टन कोयले की प्रतिदिन आवश्यकता पड़ेगी। वर्ष 2024 में निर्माण कार्य शुरू होने व 2029-30 तक संयंत्र से बिजली आपूर्ति की संभावना जताई जा रही। राज्य का यह एकमात्र ऐसा स्थल है जहां प्रति यूनिट महज 3.35 रुपये खर्च पर बिजली तैयार हो सकेगी। आमतौर पर नए संयंत्र स्थापना से पांच से छह रुपये प्रति यूनिट लागत आती है।