पझरा नाला के उपचार से 21 हेक्टेयर बढ़ा सिचाई रकबा
0 3 ग्रामों के 110 किसान हुए लाभान्वित, मनरेगा से 2496 ग्रामीणों को मिला रोजगार
कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा विकास के कार्यों के सकारात्मक परिणाम जिले में लगातार दिखाई दे रहे हैं। जनपद पंचायत कटघोरा अंतर्गत पझरा नाला में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन की विभिन्न संरचनाओं के निर्माण कराने से 21 हेक्टेयर सिचाई रकबा बढ़ गया है, जिससे 3 गांव के 110 किसानों को सिंचाई सुविधा मिल रही है। किसान अब धान की फसल के साथ ही अरहर दाल और सब्जी उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
पझरा नाला ग्राम पंचायत राल के के ग्राम डोकरीखार से निकलकर डोंगरी, मोहनपुर होते हुए जवाली की ओर बहता है। यह प्राचीन नाला है जो कि तीन ग्राम पंचायतों में करीब 4.26 किलोमीटर लंबा है। इस नाले में पहले आठ-नौ महीने ही पानी रहता था। गर्मी के दिनों में पानी सूख जाता था, जिससे गर्मियों में नाले के समीप किसान चाह कर भी दूसरी फसल नहीं ले पाते थे। मई-जून के महीनों में पानी का संकट ज्यादा गहरा जाता था। मवेशियों को तक पानी मिलना मुश्किल होता था। इस समस्या के समाधान के लिए नरवा उपचार और नरवा विकास के विभिन्न कार्य कराए गए।
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत पझरा नाला में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न संरचनाएं जैसे डबरी निर्माण, चेक डैम, गली प्लग आदि जल संरचनाओं का निर्माण किया गया जिससे अब नाले में साल भर पानी भरा रहता है। नाले में जल संरचनाओं के निर्माण से जहां एक ओर इस क्षेत्र का जल स्तर बढ़ा है वहीं दूसरी ओर मनरेगा से कराये निर्माण कार्यों से 2496 ग्रामीणों को रोजगार मिला है। ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलने से वे खुश हैं। ग्राम पंचायत राल के सरपंच रामकुमार कंवर का कहना है कि ग्राम विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा विकास योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत परम्परागत जल स्रोतों का संरक्षण और विकास किया जा रहा है, जिसका लाभ किसानों की आर्थिक मजबूती के रूप में मिल रहा हैं। इसके साथ ही सभी को पानी की सुविधा मिल रही हैं।