फरवरी में ही मांग पहुंची 5200 मेगावाट, हांफने लगी इकाइयां
कोरबा। इस बार बिजली की डिमांड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। फरवरी में ही बिजली की मांग 5200 मेगावाट के पार पहुंच गई। इधर बिजली की मांग बढ़ी तो उधर उत्पादन कंपनी के संयंत्र हांफने लगे हैं। दर्री स्थित एचटीपीपी की एक इकाई को तकनीकी कारण से शटडाउन के लिए बंद रखा गया है, तो दूसरी ओर बिजली की डिमांड पूरा करने कोयले की कमी से जूझ रहे मड़वा की बंद इकाई को चालू करना पड़ा। इसके बाद भी सेंट्रल सेक्टर से 3000 मेगावाट से अधिक बिजली लेनी पड़ रही है।
गर्मी की अभी शुरुआत हुई है और राज्य में पीक अवर्स में बिजली की मांग 5210 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है। हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम एचटीपीपी की 500 मेगावाट विस्तार परियोजना को हाइड्रोजन लीकेज के कारण बंद करना पड़ गया। तकनीकी कर्मियों ने सुधार कार्य शुरू कर दिया है। सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को प्रदान किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने से बिजली की मांग में भी इजाफा होने लगा है। फरवरी माह का अंतिम सप्ताह चल रहा है और बिजली की मांग रोजाना पांच हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच रही है। मार्च, अप्रैल व मई माह में आंकड़ा छह हजार मेगावाट के करीब पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। राज्य में संकट की स्थिति निर्मित न हो, इसलिए सेंट्रल सेक्टर से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है। इससे राज्य में विद्युत कटौती की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। शनिवार की शाम सात बजे बिजली की मांग 5210 मेगावाट थी। इसे पूरा करने के लिए लगभग तीन हजार मेगावाट बिजली सेंट्रल सेक्टर से ली जा रही है। विद्युत कंपनी के संयंत्रों से कुल 1957 मेगावाट उत्पादन हो रहा है, वहीं आईपीपी व सीपीपी से मिलने वाली बिजली के बाद कुल उपलब्धता 2025 मेगावाट है। एचटीपीपी 500 मेगावाट विस्तार परियोजना बंद होने से 1340 मेगावाट के इस संयंत्र से 683 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। 500 मेगावाट के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र से 473 मेगावाट तथा एक हजार मेगावाट मड़वा संयंत्र से 763 मेगावाट बिजली मिल रही है। उत्पादन कंपनी ने बांगो स्थित जल विद्युत की एक इकाई चालू कर 40 मेगावाट बिजली भी उपलब्ध करा रहा है। हालांकि इसके बावजूद कंपनी के संयंत्रों से कम बिजली उत्पादन हो रहा है। एचटीपीपी विस्तार इकाई में तकनीकी अमला सुधार कार्य कर रहा है। बावजूद इकाई चालू होने में दो दिन का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है।