*2018,2019,2020, जिला खनिज न्याय मत की जांच (ईडी) प्रवर्तन निदेशालय नई दिल्ली भारत सरकार से करानी चाहिए जिससे किए गए लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार और जमके हुई कमीशन खोरी जनता के बीच सामने आने की जरूरत है*
- 2018,2019,2020, जिला खनिज न्याय मत की जांच (ईडी) प्रवर्तन निदेशालय नई दिल्ली भारत सरकार से करानी चाहिए जिससे किए गए लाखों करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार और जमके हुई कमीशन खोरी जनता के बीच सामने आएगा
वही तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार तत्कालीन जिला खनिज न्याय मद के प्रभारी अधिकारी सूर्य किरण तिवारी डीएमएफ शाखा के लिए आपको बता दें एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था जिसमें लगभग 5 से 6 अधिकारी को चयनित किया गया था जिसमें आर ई एस विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, डिप्टी कलेक्टर, जिला खनिज न्याय के अधिकारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उन सभी के हस्ताक्षर जो प्रपोजल बनाया जाता था उसमें किया जाता था तत्कालीन जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार के पास सभी फाइलें जाता था वहां से हस्ताक्षर होने के बाद फाइनल रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर के पास फाइनल अप्रूवल के लिए प्रस्तुत किया जाया करता था जिला पंचायत में एक शाखा बनाया गया था जहां दलाल नुमा लोग ग्राम पंचायत सहित अन्य विभाग से प्रपोजल लेकर जाया करते थे वहां से कमीशन का खेल शुरू हुआ करता था किस काम में कितना पैसा लगेगा स्वीकृत अमाउंट के ऊपर डिपेंड करता था की कमीशन कितना लेना है उस समय सबसे अधिक शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग पांचों जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारीयों की भूमिका मेन हुआ करती थी उस समय अधिकारी लाखों-करोड़ों के भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी खुलेआम किया गया अब उनको लगता है कि इस भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की जांच नहीं होगी वह चैन की नींद सो रहे हैं लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार (ईडी) प्रवर्तन निदेशालय की नजर बनी हुई है कभी भी इस मामले की बड़ी कार्रवाई हो सकती है और बड़े मछली पकड़ में आ सकते हैं वही तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने पर्यटन स्थल सतरेगा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार उनके समय किया गया उसकी भी जांच होने की आशंका है आपको बता दें (ईडी) प्रवर्तन निदेशालय निदेशालय छत्तीसगढ़ राज्य में 2 आईएएस 3 आईपीएस अधिकारी को राडार में रखी हुई है जिनकी संख्या बढ़ भी सकती है आने वाले कुछ महीने बाद छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले और कई बड़े अधिकारी के ऊपर कारवाई हो सकती हैं जिसमें बड़े नेता दलाल नुमा लोग भी शामिल हैं
तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को भी विस्तार से लिखा जाएगा
समाचार काफी लंबा होने के कारण इस समाचार का दूसरा फिर से अंक प्रकाशित किया जाएगा समय आने पर धन्यवाद👏🏻