भावना समूह की महिलाओं को मत्स्य पालन से मिला आर्थिक लाभ
0 मत्स्य पालन बना आजीविका का माध्यम
0 1.50 क्विंटल मछली बेचकर कमाए 25 हजार रूपए
कोरबा। पाली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बसीबार में भावना स्व-सहायता समूह की महिलाएं गांव में ही मछली पालन करके आर्थिक लाभ कमा रही हैं। मछली पालन समूह की महिलाओं को आजीविका संवर्धन का माध्यम बन गया है। बीते सप्ताह समूह की महिलाओं ने डेढ़ क्विंटल मछली बेचकर 25 हजार रुपये कमाए हैं।
कलेक्टर संजीव कुमार झा की ओर से जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम जिले में देखने को मिल रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 11 हजार महिला स्व-सहायता समूह का गठन किया गया है। इसमें से 58 हजार महिलाएं कृषि, गैर कृषि, वनोपज, कृषि आधारित गतिविधियों से जुड़कर सतत् आजीविका से लाभान्वित हो रही हैं।
ग्राम पंचायत बसीबार की 12 महिला सदस्यों ने भावना स्व-सहायता समूह का गठन किया है, जिसकी अध्यक्ष कलेश्वरी बाई हैं। समूह की महिला सदस्य आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए विभिन्न गतिविधियां अपना रही हैं। इस समूह की महिलाएं गौठान से भी जुड़ी हैं। समूह की सदस्य रीमा कंवर ने बताया कि समूह के सदस्य बीते वर्ष से टारबांध के तालाब में मछली पालन कर रहे हैं। मछली पालन करने के लिए मत्स्य विभाग से उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि गांव के ही बांध में उन्होंने माह जुलाई में मछली बीज डाला था, जिसकी पर्याप्त देखरेख की गई तथा उन्हें पर्याप्त दाना दिया गया। तालाब में रोहू, कतला, मृगल, पेटली आदि का मत्स्य पालन किया जा रहा है। अब मछलियां विकसित होकर एक से डेढ़ किलो तक वजन की हो गई हैं। समूह ने बीते सप्ताह डेढ़ क्विंटल मछली जाल से पकड़ी, जिसे गांव में ही बेचकर 25 हजार रुपये कमाए। बसीबार गांव में ही तथा आसपास के गांव नुनेरा, बांधाखार, जमनीमुड़ा, रैनपुर, केराकछार आदि के ग्रामीणों ने खरीदी की। रमला कंवर कृषि मित्र ने बताया कि समूह की महिलाएं गौठान से जुड़कर गोबर बेचकर, खाद बनाकर आर्थिक लाभ तो प्राप्त कर रही रहीं हैं, इसके साथ ही गांव के ही तालाब में मत्स्य पालन करके लाभ प्राप्त कर रहीं हैं।