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कोरबा में होने लगा आधुनिक तकनीक से संपूर्ण जोड़ प्रत्यारोपण

0 एनकेएच में अब तक 100 से अधिक मरीज हो चुके हैं लाभान्वित
कोरबा। जोड़ प्रत्यारोपण जैसे जटिल ऑपरेशन की सुविधा अब कोरबा में भी शुरू हो चुकी है। आधुनिकतम तकनीकी से संपूर्ण जोड़ प्रत्यारोपण की सुविधा ने एनकेएच में आने वाले मरीजों को जीवनदान दिया है।
इन्हीं में शामिल एक मरीज जितेंद्र बघेल (62) ग्राम अजगरबहार को विगत 1 साल से दाहिने कूल्हे में दर्द के कारण बहुत परेशानी हो रही थी। उन्हें इतना अत्यधिक दर्द था कि लंगड़ा कर चलने के लिए मजबूर थे। इस तकलीफ के करीब 9 साल पहले इसी स्थिति में मरीज जितेन्द्र बघेल बाएं कूल्हे के दर्द की परेशानी से पीड़ित थे। तब उनके बाएं कूल्हे में खून की सप्लाई नहीं हो पा रही थी जिसे एवस्कुलर नेक्रोसिस कहते हैं। इसी के कारण उनके बाएं कूल्हे का संपूर्ण जोड़ प्रत्यारोपण किया गया था। उसके बाद से मरीज को चलने में या किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई, परंतु विगत 1 वर्ष से जितेंद्र को दाहिने कूल्हे में दर्द से परेशानी होने लगी तब वह पुन: एनकेएच कोरबा में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एस चंदानी से मिलकर सलाह लिए। आवश्यक चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उनको दाएं कूल्हे के सम्पूर्ण जोड़ प्रत्यारोपाण के लिए सुझाव दिया गया।
एनकेएच में मरीज जितेंद्र अपने विगत सर्जरी के विश्वास के कारण इस बार भी तुरंत इस सर्जरी के लिए सहमत हो गए। मरीज को ब्लड प्रेशर की भी परेशानी थी। डॉक्टरों ने उनका बीपी नॉर्मल होने का इंतजार किया तथा फिजिशियन डॉ. अविनाश तिवारी व डॉ. रोहित मजूमदार से फिटनेस तथा पीएसी के बाद ही मरीज के भर्ती दिवस के दो दिन उपरांत संपूर्ण जोड़ प्रत्यारोपण किया गया। इसके पश्चात् मरीज का फिजियोथेरेपी चालू किया गया और धीरे-धीरे सर्जरी के चौथे दिन सहारा देकर उन्हें चलाया-फिराया गया। संपूर्ण उपचार के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। छुट्टी के 10 दिन बाद जब मरीज रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल आए तब पूरी तरह खुद से चल कर आए। अब जितेंद्र को चलने में कोई परेशानी नहीं है व पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और अपनी दैनिक दिनचर्या पूरी कर रहे हैं। जितेंद्र और उनके परिजनों ने दो-दो बार सफल जोड़ प्रत्यारोपण कर तकलीफ से छुटकारा दिलाने के लिए एनकेएच के चिकित्सकों के प्रति आभार जताया है।