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जिला प्रशासन और प्रबंधन द्वारा दिया जा रहा झूठा व भ्रामक आश्वासन

0 अनशन कर रहे भू-विस्थापितों ने ली प्रेसवार्ता
कोरबा। एनटीपीसी के भू-विस्थापितों को मांग पूरी नहीं होने के कारण आमरण अनशन करना पड़ रहा है। एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उक्त बातें तानसेन चौक पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन कर रहे राजन कुमार पटेल, मथुरा कुमार केवट, रामनारायण प्रसाद, घसियाराम और शुभम केंवट ने प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भू-विस्थापितों द्वारा नौकरी व शेष मुआवजा की मांग की जा रही है। नौ माह तक एनटीपीसी कोरबा और जिला प्रशासन के द्वारा झूठा व भ्रामक आश्वासन दिया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि 1978-79 में ग्राम चारपारा की भूमि एनटीपीसी कोरबा द्वारा भू-अर्जन बिलासपुर के के माध्यम से अधिग्रहण किया गया था। 1980 से 1986 तक की शेष मुआवजा एनटीपीसी कोरबा के द्वारा और भू-अर्जन अधिकारी बिलासपुर एवं भू-अर्जन अधिकारी कोरबा के द्वारा ग्राम चारपारा के कुछ किसानों को नहीं दिया गया है। ग्राम चारपारा की संपूर्ण जमीन लगभग 1000 एकड़ भूमि को एनटीपीसी कोरबा के द्वारा अधिग्रहण किया गया है । 650 एकड़ भूमि का मुआवजा दिया गया है, बाकी शेष भूमि का मुआवजा बाकी है।
4 सितंबर 1979 में आम सूचना जारी अनुसार प्रत्येक परिवार को क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान करने आश्वस्त किया गया था। 22 जनवरी 1981 में कलेक्टर द्वारा नौकरी देने के लिए एग्रीमेंट किया उसके अनुसार और एनटीपीसी प्रबंधक 1987 में आम सूचना अनुसार सीपत बिलासपुर के 33 भू-विस्थापितों को ट्रेनिंग कराकर भर्ती किया। एनटीपीसी कोरबा में इसके अनुसार और राज्यपाल के द्वारा आदेश किया गया, इसके अनुसार ग्राम चारपारा के भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, घसिया राम केवट, मथुरा कुमार केवट, रामायण प्रसाद केवट, शुभम केवट के द्वारा 108 घंटे तक आमरण अनशन पर हैं। इसके अलावा प्रशासन और प्रबंधन की ओर से कई बार उन्हें आश्वासन दिया गया। अपर कलेक्टर के द्वारा कमेटी बनाई गई है, जो गुमराह करने का तरीका है। किसानों की उपस्थिति में कमेटी तैयार नहीं होती।
0 मंत्री देवांगन, कलेक्टर को लिख चुके हैं पत्र
अधिग्रहित भूमि के एवज में नौकरी व मुआवजा प्रदान करने के संबंध में वाणिज्य, उद्योग व श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन 20 जनवरी 2024 को व कलेक्टर को पत्र लिख चुके है। पत्र में कहा गया है कि अधिग्रहण किए जाने के पश्चात भी एनटीपीसी द्वारा नौकरी व मुआवजा भू-विस्थापितों के पूर्वजों को नहीं दिया गया, जिससे व्यथित होकर लगातार धरना प्रदर्शन किया गया है। 30 जनवरी से तानसेन चौक पर 5 भू-विस्थापितों द्वारा आमरण अनशन करने की सूचना दी गई है। तथ्यों की जांच कर अधिग्रहित भूमि के एवज में नौकरी व मुआवजा प्रदान करने की उचित कार्रवाई करने का उल्लेख है।