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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने रैली निकालकर डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

कोरबा। ट्रेड यूनियनों के आव्हान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कोरबा जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं भी शामिल हुईं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच-छत्तीसगढ़ से संबद्ध सभी संगठनों के निर्णय अनुसार जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन व सामूहिक अवकाश आंदोलन के तहत सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं धरना प्रदर्शन में शामिल हुईं।
संघ की कोरबा जिलाध्यक्ष वीणा साहू ने बताया कि पहली बार राज्य की सरकारों तथा केंद्र सरकार से अपने लिए सरकारी कर्मचारी घोषित करने एवं अन्य मांगों के लिए मैदान में आंगनबाड़ी कर्मी उतरे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, मिनी आंगनबाड़ी एवं क्रेश कार्यकर्ताओं ने धरना उपरांत कलेक्टोरेट तक रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। इसके उपरांत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर दिनेश कुमार नाग को ज्ञापन सौंपा गया।
यह हैं प्रमुख मांगें- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे। शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक श्रम कानून के तहत न्यूनतम पारश्रमिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिनी कार्यकर्ता को कम से कम प्रति माह 21000 रुपये और सहायिका को कार्यकर्ता के मानदेय 21000 रुपये का 85 फीसदी राशि 17850 रुपये स्वीकृत किया जावे। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को नि:शर्त पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जावे, तब तक समान काम का समान वेतन दिया जावे। समाजिक सुरक्षा के रूप में आंगनबाड़ी-मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 लाख सेवानिवृत्ति लाभ और 10000 रुपये मासिक पेंशन व ग्रेच्युटी, इसी तरह से सहायिकाओं को इसका 85 फीसदी के अनुपात में 4 लाख 25 हजार सेवानिवृत्ति लाभ और 8 हजार पांच सौ मासिक पेशन के अनुपात में एवं सहायिका, ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ देने हेतु नीति निर्धारण किया जावे। सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पदों पर कार्यकर्ताओं को बिना उम्र बंधन और परीक्षा के सीधे पदोन्नति दिया जावे। इसी तरह कार्यकर्ता के रिक्त शत प्रतिशत पदों पर सहायिकाओं को पदोन्नत किया जावे और इस हेतु विभागीय सेवा भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन किया जावे। क्रेश कार्यकर्ताओं को कार्यकर्ता के पद पर समायोजित किया जावे सहित अन्य कई मांग शामिल हैं।