*SECL प्रबंधन के नए कारनामा, खदान विस्तार के लिए ग्रामीणों के बिजली को काटा,पारा, मोहल्ले में रात गुजारने पर ग्रामीण हुए मजबूर,कड़ाके की ठंडी में छोटे छोटे बाल बच्चे घर में रखे सामान लेकर कहां जाएं ग्रामीण इंसानियत नाम का कोई चीज प्रबंधन के पास नहीं बची सिर्फ और सिर्फ कोयला खनन को दे रहा है बढ़ावा नौकरी ना मुआवजा, व्यवस्थापन शासन प्रशासन बना मुख दर्शन सीधे-साधे भोले भाले आदिवासीयों के साथ अन्याय कब लेगी शुद जिला प्रशासन*
*SECL प्रबंधन के नए कारनामा, खदान विस्तार के लिए ग्रामीणों के बिजली को काटा,पारा, मोहल्ले में रात गुजारने पर ग्रामीण हुए मजबूर कड़ाके की ठंडी में छोटे छोटे बाल बच्चे घर में रखे सामान लेकर कहां जाएं ग्रामीण इंसानियत नाम का कोई चीज प्रबंधन के पास नहीं बची सिर्फ और सिर्फ कोयला खनन को दे रहा है बढ़ावा नौकरी ना मौज, व्यवस्थापन शासन प्रशासन बना मुख दर्शन सीधे-साधे भोले भाले आदिवासीयों के साथ अन्याय कब लेगी शुद जिला प्रशासन*
*प्रबंधन के कर्मचारी द्वारा कलेक्टर, एसडीएम का भय व डर दिखा कर, घर मकान से जबरन ग्रामीणों को कराया जा रहा है बेदखली*
*बिजली विभाग SECL के अधिकार क्षेत्र में नहीं, मुआवजा रोजगार बसाहट की समस्याओं की निराकरण पर प्रबंधन को कोई चिंता नहीं:- स्थानी ग्रामीणों ने कहा*
*इन सब समस्याओं को लेकर प्रशासन के उच्च अधिकारियों से करेंगे शिकायत जरूरत पड़े तो खनन कार्य को करायेंगे बंद*
*गेवराकोरबा*
साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड एसईसीएल गेवरा ओपन कोल परियोजना के द्वारा ग्राम पंचायत अमगांव को तीन पाठ में भूमि एवं मकान अर्जन किया गया था अर्जन करने के बाद एसईसीएल गेवरा ने खदान की खनन व विस्तार कार्य को एसईसीएल दीपका को सौंप दिया खनन व विस्तार कार्य को दीपका प्रबंधन के द्वारा अंतिम रूप देने के लिए हर हद की सीमा को पार करते हुए अपनी सीमाएं लांघते चले गए अंतिम पाठ का हिस्सा जोकाही, डाबरी, दर्राखांचा, अमगांव, के रह रहे प्रभावित ग्रामीण को प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर, एसडीएम का भय व डराकर जबरन के एसईसीएल प्रबंधन के कर्मचारी अनिल पाटले ने ग्रामीणों के घर में लगे बिजली लाइन को काट दिया गया और गुंडागर्दी करते हुए मकान खाली करने के लिए दबाव प्रभावित ग्रामीणों के ऊपर बनाया जा रहा है ।
वही यहां तक प्रभावित हुए भू स्थापितों को जाति निवास, नामांतरण पंजी, का सुधार नहीं किया जा रहा है और ना ही कोई दस्तावेज राजस्व विभाग और प्रबंधन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है 2018 में पोडी के ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा भारी संख्या में पुलिस बल लाकर लाठी के बाल में हटाकर कब्जा किया गया था और सभी मकानों को मशीनों से ध्वस्त कर के खदान को आगे बढ़ाया गया था लगता है वही नीति यहां अपना ने में प्रबंधन लगी हुई है ऐसा वर्तमान की स्थिति को देखते हुए प्रतीत होता है। जिसका ग्रामीणों को जोरदार विरोध करने की आवश्यकता है वहीं कुछ दूरी मे हरदी बाजार का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामपंचयत भवन पानी टंकी लगा हुआ है जो पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो चुका है हैवी बस्टिंग होने के कारण लोगों मे दहशत का माहौल बना रहता है शासन का नियम है गांव से खदान की दूरी कम से कम 200 मीटर होनी चहिए लेकिन गांव के ही किनारे मे बड़ी-बड़ी मशीन लेकर खुदाई कार्य एसईसीएल प्रबंध कर रहा है।
खदान विस्तार के लिए एसईसीएल प्रबंधन के कर्मचारियों की गुंडागर्दी*
बता दें कि ग्राम पंचायत अमगांव के जोकाही डबरी, दर्राखांचा, और अमगांव के मेन पुरानी बस्ती के लगभग कुल 70 मूल खातेदारों के परिवारों की रोजगार का प्रकरण अभी भी लंबित है जिसका निराकरण के लिए एसईसीएल और शासन प्रशासन से ग्रामीण लगातार गुहार लगा रहे हैं और अधिकारियों के चक्कर काटने में मजबूर है पूरी व्यवस्थाओं व समस्याओं का निराकरण के नाम से एसईसीएल प्रबंधन को कोई चिंता व फिक्र नहीं है सिर्फ सिर्फ उन्हें खदान विस्तार व खनन कार्य को ज्यादा अहमियत दे रही है इसके लिए प्रबंधन के द्वारा कुछ किसानों के ऊपर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराकर तरह-तरह के हथकंडे और प्रताड़ित करने में लगे हैं प्रभावित ग्रामीणों के घर मकान को खाली करने का नए-नए प्रयोग कर रहे हैं सीधे-साधे ग्रामीण अपने अधिकार व अपनी हक की मूल व्यवस्था को पाने के लिए कई मर्तबा विवश होकर खदान और हैवी ब्लास्टिंग को ग्रामीणों के द्वारा बंद कराया गया है जिसका निराकरण प्रबंधन के द्वारा आज पर्यंत तक नहीं किया गया है इन ग्रामीणों को एसईसीएल प्रबंधन के कर्मचारी अनिल पाटले और कुछ अन्य लोगों के द्वारा कलेक्टर, एसडीएम के नाम पर डरा धमकाकर प्रभावित ग्रामीणों के घर मकान से खाली कराया जा रहा है स्थानी प्रभावित ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।
*एसटी, एससी बहुमूल्य क्षेत्र, देव धामी, जैतखम्भ की प्रतिमा को प्रबंधन के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है अपमानित और खंडित*
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला आदिवासी, दलित समुदाय का बहुमूल्य गढ़ माना जाता है यहां के लोग देव पूजा के लिए अपनी देवता धामी को विधि विधान से पूजा अर्चना सदियों से करते आए हैं साथ ही दलित समुदाय के लोग भी अपने जैतखाम विधिवत पूजा अर्चना कर मनाते हैं लेकिन एसईसीएल प्रबंधन के कर्मचारी अनिल पाटले और कुछ उनके अन्य साथियों के द्वारा ग्रामीणों के घर मकान पर स्थापित देवधामी जैतखाम को नुकसान पहुंचा कर अपमानित किया जा रहा है एसईसीएल से प्रभावित समुदाय के लोगों का कहना है कि जिस तरह से प्रबंधन की कार्य शैली है इससे ग्रामीण और समुदाय में काफी नाराजगी व भारी आक्रोश है पहले रोजगार, मुआवजे, बसाहट और पुर्नवास की पूरी व्यवस्थाओं के साथ प्रबंधन को पहले निराकरण कर लेना चाहिए था उसके बाद ही खदान को विस्तार किया जाना चाहिए तथा 2013 छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के तहत पहले पूरी व्यवस्थाओं के साथ अर्जन ग्राम का निराकरण का कानून में प्रावधान है लेकिन एसईसीएल प्रबंधन इस नियम के जस्ट उल्टा काम कर रही है और कानूनों का खुला उल्लंघन लगातार करते आ रही है ।
*बिजली विभाग एसईसीएल के अधिकार क्षेत्र में नहीं*
अमगांव पंचायत के दर्राखांचा के ग्रामीणों के बिजली को एसईसीएल प्रबंधन के इशारे पर कर्मचारी अनिल पाटले और कुछ उनके अन्य साथी ने घर में लगे बिजली को काट दिया गया ग्रामीणों ने मना भी किया लेकिन प्रबंधन के कर्मचारी अनिल पाटले ने नहीं माना और ग्रामीण के घर में लगे बिजली को काट दिया गया यह घटना दिनांक 13 दिसंबर शुक्रवार की है ग्रामीणों का कहना है कि लाइन काटना लाइन जोड़ना बिजली विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है एसईसीएल प्रबंधन के कर्मचारी अनिल पाटले आपका कोई अधिकार नहीं है हमारे घर में लगे लाइन को काटने का ऐसे कहते हुए ग्रामीणों ने मना भी किया लेकिन अनिल पाटले नहीं माना और बिजली तार काट दिया ग्रामीणों ने आगे कहा रात के अंधेरे में विवश होकर मोहल्ले के पारा में रात गुजारना पड़ रहा है
जबकि जमुना बाई पति जोहन का रोजगार का प्रकरण लंबित है निराकरण के लिए एसईसीएल प्रबंधन से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी तक गुहार लग चुकी है लेकिन अब तक प्रबंधन के द्वारा कोई निराकरण आज पर्यंत तक नहीं कर पाया है जमुना बाई के घर के नजदीक एसईसीएल प्रबंधन खदान को लाकर टिका दिया है रात को मोहल्ले के पारा में सोने चले जाते हैं दिन को अपने घर पर रहते हैं हैवी ब्लास्टिंग के कारण एसईसीएल प्रबंधन मकान खाली करने के लिए मजबूर और अपने कर्मचारियों से दबाव बनाया जा रहा है ।
*समस्याओं को लेकर उच्चअधिकारियों से करेंगे शिकायत*
दरअसल एसईसीएल गेवरा ने ग्राम पंचायत अमगांव का अधिग्रहण कर दीपका को सौंपकर खनन व विस्तार कार्य को आगे बढ़ा रही है मुआवजे रोजगार बसाहट और पुनर्वास की समस्याओं का निराकरण करने के लिए जिला प्रशासन से अनेक बार पत्राचार ग्रामीणों द्वारा किया जा चुका है और आंदोलन भी किए हैं समस्याओं का निराकरण अब तक नहीं हुआ है दिन प्रतिदिन प्रबंधन अपना आपा खो दिया है और ग्रामीणों के ऊपर तरह-तरह के अत्याचार शोषण अंग्रेजों की तरह कर रही है सिर्फ दर्राखांचा, जोकही डबरी, अमगांव के ग्रामीणों को घर मकान से खाली करने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारी और कोर्ट से लीगल नोटिस जैसे घटनाओं को एसईसीएल दीपका प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है ग्रामीणों ने कहा कि इन सब विषयों को लेकर मुख्यमंत्री सहित उच्च अधिकारियों छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विजिलेंस डीजीएमएस आयोग कलेक्टर पुलिस अधीक्षक के पास मामले की शिकायत किया जाएगा ।