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*आज 15,9,2025 हरदी बाजार में बंदूक और लाठी के जोर में नहीं हो सका सर्वे, एसईसीएल के अधिकारी, शासन, प्रशासन पुलिस, सीआईएसएफ, एवं ठेका कंपनी कालिंगा को लेकर पहुंचे थे ग्रामीणों को जैसे जानकारी मिली की सर्वे कार्य करने के लिए पहुंच चुके हैं तो धीरे-धीरे पूरे गांव वाले इकट्ठा होने लगे और सर्वे करने का जमकर विरोध करने लगे स्थानी ग्रामीणों ने कहा की जो त्रिपक्षी वार्ता अनुविभागीय अधिकारी पाली के समक्ष सात बिंदु में तय हुई थी उस मांग को पूरा करने के बाद ही हम लोग हरदी बाजार में सर्वे करने देंगे अन्यथा कभी भी सर्वे कार्य आरंभ नहीं हो पाएगा नेता मंत्री की जुबान हुई बंद*

आज हरदी बाजार में एसईसीएल के अधिकारी, शासन, प्रशासन पुलिस, सीआईएसएफ, एवं ठेका कंपनी कालिंगा को लेकर पहुंचे थे ग्रामीणों को जैसे जानकारी मिली की सर्वे कार्य करने के लिए पहुंच चुके हैं तो धीरे-धीरे पूरे गांव वाले इकट्ठा होने लगे और सर्वे करने का जमकर विरोध करने लगे स्थानी ग्रामीणों ने कहा की जो त्रिपक्षी वार्ता अनुविभागीय अधिकारी पाली के समक्ष सात बिंदु में तय हुई थी उस मांग को पूरा करने के बाद ही हम लोग हरदी बाजार में सर्वे करने देंगे अन्यथा कभी भी सर्व कार्य आरंभ नहीं हो पाएगा सुबह से बारिश होने के कारण प्रबंधन और शासन प्रशासन के अधिकारी दोपहर लगभग 2:00 बजे हरदी बाजार गांव पहुंचे थे और सर्वे करने के लिए टेप निकाल कर कार्य आरंभ कर रहे थे वैसे ही काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण इकट्ठा होकर सर्वे कार्य का विरोध करने लगे यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि बिना मुआवजा राशि, नौकरी, पुनर्वास, की अभी तक कोई भी सहमति ग्रामीण और एसईसीएल प्रबंधन के बीच सहमति नहीं बनी है और सर्वे करने के लिए एसईसीएल प्रबंधन दलबल लेकर हरदी बाजार गांव पहुंच गई थी जिससे ग्रामीण काफी आक्रोशित नजर आए अगर ऐसा ही स्थिति भविष्य में पुर्नवृत्ति होती है तो कोई भी बड़ी घटना घट सकती है जिसे लेकर आज हरदी बाजार के समस्त ग्रामवासी मिलकर हरदी बाजार के थाना में जाकर लिखित में शिकायत किए हैं जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन और पुलिस प्रशासन, एसईसीएल की होगी एसईसीएल जैसे पहले आदिवासी गांव मालगांव आमगांव और कुछ जमीन सुआभोङी का धमकी चमकी देकर जबरदस्ती बलपूर्वक उनके मकानों को तोड़ दिया गया उनकी जमीनों में बुलडोजर चला दिया गया वैसा ही स्थिति हरदी बाजार में करने की रवैया पर शासन प्रशासन एसईसीएल प्रबंधन कलिंगा कंपनी द्वारा कार्य कर रही है लेकिन हरदी बाजार में पढ़े लिखे संपन्न और सभ्य लोग रहते हैं बड़े-बड़े व्यापारी हैं।

कंवर समाज, राठौर समाज, डिक्सेना समाज जयसवाल, यादव समाज, सतनामी समाज, कुम्हार समाज पटेल समाज, पंडित समाज सहित सभी समाज के लोगों निवास करते हैं हरदी बाजार की लगभग 5000 से अधिक की जनसंख्या वर्तमान में निवास करती है यहां उनकी दाल नहीं गल रही है हर गांव में कुछ दलाल नुमा व्यक्ति होता है वैसे ही हरदी बाजार में भी कुछ दलाल नुमा लोग हैं जिनके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है जो एसईसीएल प्रबंधन ऑफिस में जाकर लिखित में दिए थे सर्वे करने के लिए जिसमें प्रथम नाम टांकेश्वर जायसवाल, रोहित राठौर इनको गांव वालो का आक्रोश का सामना करना पड़ा इनको काफी खरी खोटी ग्रामीणों ने सुनाया है इसके बाद उन लोग भी शांत हो गए जब तक पूरा गांव के लोग एक स्वर से नहीं बोलेगा कि हम सर्वे करवायेंगे तब तक आप सर्वे का कार्य नहीं कर सकते अभी वर्तमान की यही स्थिति नजर आ रही है और दलाल नुमा लोगों पर गांव के लोगों का पौनी नजर भी बना हुआ है ऐसे लोगों को चिन्ह अंकित कर ठीक करने का भी प्रयास किया जा रहा है आगे की रणनीति पूरे गांव वाले मिलकर बड़ी बैठक कर कर निर्णय लेने की बात कह रहे हैं जिससे किसी भी गांव वालों का कोई नुकसान ना हो इस बात की विशेष ध्यान रखा जा रहा है और उनकी जमीन मकान का मुआवजा राशि एवं नौकरी सही से मिल सके 2004 से लेकर 2010 के बीच में जिन्होंने हरदी बाजार में जमीन की खरीदी की है और रजिस्ट्री करवाया है ऐसे लोगों को भी पूरा लाभ एसईसीएल प्रबंधन से मिलना चाहिए यही सबसे बड़ी हरदी बाजार की समस्या है क्योंकि छोटे-छोटे मकान और जमीन मालिकों की संख्या बहुत अधिक है जिसको एसईसीएल प्रबंधन शासन प्रशासन को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए समस्या का समाधान करते हुए स्थानीय गांव वालों को न्याय मिलना चाहिए।

कटघोरा  विधायक प्रेमचंद पटेल के कार्यशैली को लेकर क्षेत्र की जनता नाराज नजर आ रही है ऐसी स्थिति बनी रहेगी तो इनको काफी दिक्कत होगा  भविष्य के विधानसभा चुनाव में असर पड़ सकता है क्षेत्र की जनता यह भी पूछ रही है कि कोरबा लोकसभा की सांसद कहां है नेता मंत्री सब की जुबान क्यों बंद है चुनाव के समय बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और इन्हीं भू स्थापितों से वोट हासिल कर नेता मंत्री विधायक बनते हैं।

सीआईएसएफ जवानों की तैनाती कोयला खदान के अंदर सुरक्षा की दृष्टि से रखा गया है उनका गांव के अंदर आने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन एसईसीएल प्रबंधन सीआईएसएफ के जवानों को हथियार, डंडा लेकर गांव में लेकर ग्रामीणों को धमकाने के लिए आ रहे हैं यह बिल्कुल ठीक नहीं है जहां उनका तैनाती करने का आदेश केंद्र सरकार के द्वारा निश्चित किया गया है उस सीमा क्षेत्र में वह अपनी तैनाती दें गांव में आकर दहशत फैलाने का कार्य न करें इस बात को ध्यान रखने की आवश्यकता है सीआईएसएफ के जवानों को और उनके अधिकारियों को।

2 दिन पहले अनुविभागीय अधिकारी पाली सीमा पात्रे के द्वारा हरदी बाजार में बैठक कर सर्वे का कार्य करने की बात की गई थी इसके बाद सर्वे करने के लिए एसईसीएल प्रबंधन पूरे दल बल लेकर आज 15 तारीख को पहुंची थी लेकिन सर्वे का कार्य नहीं हो सका शासन प्रशासन को सीख लेने की आवश्यकता है कि भविष्य में इस प्रकार से बीना गांव वाले के सहमति लिए बगैर ऐसा कोई भी निर्णय या आदेश ना दे जिसका परिपालन ना हो सके हरदी बाजार की आम जनता को उतना ही अधिकार है जितना देश के राष्ट्रपति, न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, नेता, मंत्री,आईएएस, आईपीएस अधिकारीगण को अधिकार है इस देश के संविधान ने सबको बराबर का अधिकार दिया है और अपने अधिकार के लिए विरोध करने का भी अधिकार हमारे कानून में लिखा हुआ है इसे कोई भी दबा नहीं सकता अपनी बातों को हर मंच से बोल सकते है विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं यही हमारे भारत देश के संविधान की खूबसूरती है और यहां जस्ट उल्टा नजर आ रहा है आपको याद होगा जब अंग्रेज हमारे हिंदुस्तान में राज करते थे वही नियम कानून को एसईसीएल प्रबंधन ग्रामीणों के ऊपर थोपना चाहती है जो आज के 21वीं शताब्दी के दौर में संभव नहीं है आप बंदूक, डंडे के बल पर कब तक खदान चलाएंगे कब तक लोगों को दबाने का प्रयास करेंगे जितना आप दबाएंगे उतना लोग आक्रोशित होते जाएंगे और ज्वालामुखी की तरह फटते हुए नजर आएंगे।

जब इस देश से 200 साल राज करने वाले अंग्रेजों को भागना पड़ा, 600 साल मुसलमान की सल्तनत को हमारे भारत देश छोड़कर कर जाना पड़ा तो यह लोग तो भारत के ही रहने वाले हैं और अपने लोगों पर ऐसा जुल्म अत्याचार करना यह कानून का खुला उल्लंघन है अपने पद और पावर का खुला दुरुपयोग कर रहे हैं अधिकारी जिस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

3,5, 2025 को कलेक्टर ऑफिस के सभागृह में कलेक्टर के अध्यक्षता में जिला पुनर्वास समिति दीपिका क्षेत्र की बैठक रखी गई थी जिसमें एसईसीएल दीपका क्षेत्र के सीजीएम संजय कुमार मिश्रा, पत्थर चटर्जी, मधुप एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे वही कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष और लगभग काफी संख्या में ग्रामीण पुरुष महिला उस बैठक में उपस्थित थे वहां ग्रामीणों ने अपनी समस्या को लेकर बारी-बारी से विस्तार पूर्वक रखा और समस्या का समाधान करने की बात विनम्रता पूर्वक कलेक्टर से किया गया कलेक्टर ने कोई भी समस्या का समाधान नहीं किया शिवाय आश्वासन के उन्होंने कहा कि जो भी एसईसीएल द्वारा नियम कानून बनाया गया है उसी नियम कानून के तहत कार्य होगा और यहां जो बैठक हो रही है उसको हम एसईसीएल के कोल कमेटी की बैठक में भिजवाएंगे लेकिन आज 4 माह गुजर गए अभी तक कोई भी समस्या का समाधान कलेक्टर के द्वारा नहीं किया गया या बैठक का पहल नहीं हो पाया यह सब दर्शाता है कि शासन प्रशासन कितनी उदासीन है भू स्थापितों की समस्या को लेकर

आज विरोध दर्ज करने के लिए कटघोरा विधानसभा के पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर भी काफी सक्रिय नजर आए सरपंच लोकेश कंवर जनपद सदस्य नरेश टंडन अजय दुबे सुरेंद्र राठौर विजय जायसवाल डॉक्टर विजय राठौर भारी संख्या में महिला पुरुष शामिल थे अब देखना होगा कि आगे की क्या रणनीति हरदी बाजार के ग्रामीण बनाते हैं और एसईसीएल प्रबंधन क्या रणनीति बनती है हमारा इस समाचार को लेकर नजर बनी रहेगी और पूरे प्रमुखता के साथ समाचार को लिखते रहेंगे जनता के हित में धन्यवाद