*रोजगार दिवस में ग्रामीणों को दी गई क्यूआर कोड प्रणाली की जानकारी,ग्राम पंचायतों में मनाया गया रोजगार दिवस,मनरेगा में पारदर्शिता की दिशा में एक नई डिजिटल पहल : क्यूआर कोड प्रणाली*
कोरबा
जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 07 अक्टूबर को रोजगार दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत प्रारंभ की गई क्यूआर कोड प्रणाली की जानकारी दी गई। यह पहल योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और जनभागीदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक अभिनव कदम है।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को बताया गया कि अब कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड स्कैन कर अपने मोबाइल से पंचायत में पिछले तीन वर्षों के स्वीकृत कार्यों, व्यय राशि, प्रगतिरत योजनाओं, जॉब कार्डधारियों की संख्या एवं सृजित मानव दिवस की जानकारी तत्काल प्राप्त कर सकेगा। इस प्रणाली को कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। जिले की ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं।
सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे रोजगार दिवस के अवसर पर इस प्रणाली की जानकारी ग्रामीणों को दें और जनजागरूकता अभियान के रूप में इसका प्रसार करें।
सीईओ श्री नाग ने बताया कि यह डिजिटल पहल ग्रामीणों को योजनाओं की निगरानी का अधिकार देती है और शासन की पारदर्शिता को मजबूत बनाती है। अब ग्रामीण अपने मोबाइल से ही अपने गांव के विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति देख सकेंगे।
रोजगार दिवस में ग्रामीणों को क्यू आर कोड स्कैन सिस्टम का महत्व बताया गया कि यह पहल केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि ग्राम स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता का डिजिटल आंदोलन है। अब ग्रामीण यह भी जान सकेंगे कि उनके गांव में विकास कार्यों पर खर्च की गई प्रत्येक राशि का उपयोग किस प्रकार हो रहा है। इससे न केवल दोहराव पर अंकुश लगेगा, बल्कि योजनाओं के प्रति जनता का विश्वास और सहभागिता भी बढ़ेगी।
इस नवाचार से अब ग्रामीण केवल योजनाओं के दर्शक नहीं, बल्कि अपने गांव की विकास यात्रा के सशक्त सहभागी और निगरानीकर्ता बन रहे हैं।