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*नगर पालिका निगम द्वारा बनाए गए शहर के बीचो-बीच उद्यानों का हाल बेहाल कैसे शहर की सुंदरता को वापस दिला पाएंगे अधिकारी,कर्मचारी यह तो समय ही बताएगा या फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा*

स्मृति उद्यान की कूड़ा कचरा की तस्वीर है और लोग बोलते हैं की तस्वीर कभी झूठ नहीं बोलती

पुष्पलता उद्यान कि यह तस्वीर हैकोरबा,

नगर पालिका निगम शहर के बीचो-बीच स्थित स्मृति उद्यान जो घंटाघर के नजदीक में स्थित है उसका हाल बेहाल है चारों तरफ गंदगी पसरा हुआ है गार्डन के अंदर बड़े-बड़े घास के पौधे कुकुरमुत्ता की तरह उग चुके हैं जिसकी सफाई नहीं की जा रही है वहीं आम नागरिकों के लिए जो ओपन जिम लगाया गया है वह भी खस्ता हाल है पैर में रखने के लिए जो फुट पेयर्स लगे हुए हैं वह भी टूटकर पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं यहां महिला बच्चे बुजुर्ग युवा लोग अपने कीमती समय निकालकर इस गार्डन में स्वास्थ्य लाभ लेने पहुंचते हैं और उस गार्डन की स्थिति पूरी तरीके से खराब हो चुकी है ठेकेदार के आदमी और नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी इस समस्या को देखते हुए नजरअंदाज करते हैं यह बड़ा दुर्भाग्य जनक बात है वहां जितने भी पेड़ पौधे लगे हुए हैं उन पौधों में मिट्टी नुमा दियार पेड़ों को अपने आगोश में ले चुके हैं कई पेड़ देखरेख के अभाव में सुखने की स्थिति में है उन पेड़ों के जड़ों में छूने की पुताई कार्य किया जाए तो पौधे सुरक्षित हो सकते है

जगह-जगह कचरा का आलम देखने को मिल जाएगा यह कैसा नगर पालिका निगम का गार्डन है यह समझ से परे हैं सूत्र तो यह भी बताते हैं नगर निगम में साफ सफाई करने के लिए जो कर्मचारी लगाए जाते हैं वह कर्मचारी अधिकारियों के घर में जाकर झाड़ू पोछा और बर्तन मजाने का कार्य करते हैं ऐसे में कैसे गार्डन की देखरेख और साफ सफाई की व्यवस्था हो पाएगी गार्डन के अंदर एक अजीब श्री दुर्गंध की बदबू आती है लोग बताते हैं रवि स्वीट्स का गंदा पानी गार्डन के अंदर आता है उसकी दुर्गंध गार्डन में चारों तरफ फैल जाती है जो लोग सुबह उठकर स्वास्थ्य लाभ के लिए जाते हैं उन्हें दुर्गंध का सामना करना पड़ता है

वही बड़े-बड़े पानी का फुहारा लगा हुआ है जो पूरी तरीके से अपना अस्तित्व खो चुके हैं और कबाड़ में तब्दील होते जा रहा है उद्यान की देखरेख के लिए नगर पालिका निगम द्वारा एक मोटी रकम हर वर्ष स्वीकृत किया जाता है लेकिन जमीन में उतरना तो दूर कहीं भी नजर नहीं आती यह बातें एक दुर्भाग्य जनक है अब देखना है की स्मृति उद्यान की व्यवस्था सुधरती है या और बत से बतर स्तर होते हुए नजर आती है

अमूमन यही स्थिति सुभाष चौक स्थित पुष्प लता उद्यान का भी है बच्चों के झूलने के लिए या खेलने के लिए जो झूला सहित अन्य सामग्री लगाया गया है जो अधिकांश टूटे हुए पड़े हुए हैं उद्यान के अंदर कचरा फेंकने के लिए जो डस्टबिन लगाया गया है वह भी पूरे तरीके से क्षतिग्रस्त हो चुके है धन्यवाद