*कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल जब जिले में पदस्थ थी तब उन्होंने अपने कार्यकाल में डीएम एफ फंड .जिला खनिज न्याय मद. कोयला चोरी करने की रणनीति अपने जिला कलेक्टर ऑफिस में बनाई थीं उस समय के तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग को पूरी जवाबदारी दी गई थी की कैसे अवैध पैसे की वसूली करना है, कब होगी ईडी की कार्रवाई किरण कौशल के ऊपर जनता पूछ रही है सवाल अब तो भाजपा की सरकार भी छत्तीसगढ़ में बन गई है सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट और कांग्रेस के दलाल नुमा नेता को छोड़ नहीं जाएगा*
भ्रष्ट ब्यूरो कैट के ऊपर कारवाई कब होगी कांग्रेस के शासनकाल में खूब लूटे हैं श्रीमती रानू साहू जब से एडी उठा कर ले गई है तब से उनका जमानत नहीं हो रहा है जेल की हवा खाना पड़ रहा है ऐसे ही और कई ब्यूरोक्रेट हैं जिनको जेल की हवा खानी पड़ेगी और काली कमाई की संपत्ति को सरकार को बताना पड़ेगा।
सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि भाजपा की सरकार पाई पाई की हिसाब लेने वाली है ऐसे भ्रष्ट ब्यूरो कैट से और राजनेताओं से जिन्होंने दोनों हाथ से जनता की गाड़ी कमाई को लूटा है और अवैध तरीके से भ्रष्टाचार करके संपत्ति अर्जित किए हैंकोरबा के तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल जब जिले में पदस्थ थी तब उन्होंने अपने कार्यकाल में डीएम एफ फंड .जिला खनिज न्याय मद. कोयला चोरी करने की रणनीति अपने जिला कलेक्टर ऑफिस में बनाई थीं उसे समय के तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग को पूरी जवाबदारी दी गई थी की कैसे पैसे की वसूली करना है
और कोयला के प्रत्येक वाहनों से प्रति टन ₹25 के हिसाब से पैसे की अवैध वसूली करना तय किया गया था जो वर्तमान में ईडी की कार्रवाई के बाद जेल में बंद है और उनको माननीय न्यायालय से जमानत भी नहीं मिल रही है इनके द्वारा पूरा पैसा वसूल कर तत्कालीन कलेक्टर को देने की बात उनके द्वारा की जाती रही कलेक्टर मैडम अपने पद और पावर का भरपूर दुरुपयोग और कमीशन खोरी भ्रष्टाचारी पैसे की अवैध वसूली में उनको महारत हासिल था और एक ही ध्यान रखते थे कि कमीशन का पैसा बराबर मिल रहा है या नहीं बिना पैसा लिए ,(कमीशन) लिए कोई भी चेक नहीं काटती थी अपने चाहते ठेकेदारों को चना मुर्रा की तरह जिला खनिज न्याय मद के पैसों का खुला खेल खेला गया सूत्र तो यह भी बताते हैं अवैध तरीके से पैसा कमा के रायपुर में एक आलीशान अस्पताल का निर्माण किया गया है जिसमें अवैध पैसा को उस अस्पताल में लगाया गया है ऐसा सूत्र बताते हैं वही स्कूल के बच्चों को पढ़ने के लिए लाखों रुपए के प्रोजेक्टर खरीदी की गई थी आज स्कूलों में जाकर देख सकते हैं कहीं भी प्रोजेक्टर नजर नहीं आएगी शिक्षा विभाग में सबसे अधिक सप्लाई एवं सामानों के नाम पर जिला खनिज न्यास की राशि का दुरुपयोग किया गया स्वास्थ्य विभाग में सप्लाई और सामान की खरीदी अंधाधुंध तरीके से किया गया ₹5 का सामान को हजारों रुपए में खरीदी की गई मधुमक्खी पालन के लिए 50.50 लख रुपए के जिला खनिज न्याय मद के माध्यम से अपने चाहते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए स्वीकृति दी गई आज पूरे जिले में कहीं भी मधुमक्खी पालन केंद्र आपको नजर नहीं आएंगे
पर्यटन स्थल सतरेगा में करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई
वही कोरोना कल में सेनीटाइजर, वेंटिलेटर, दवाई मास्क की खरीदी की गई थी इसमें बड़ा घोटाला उनके द्वारा किया गया था।
उस समय तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार हुआ करते थे सभी जिला खनिज न्याय मद का फाइलफाइल कुंदन कुमार से होने के बाद कलेक्टर के पास फाइनल अप्रूवल होने के बाद पहुंचा करता था क्योंकि कुंदन कुमार उस कमेटी के सदस्य के रूप में थे कमीशन सभी जगह बटते हुए आता था इसमें कुंदन कुमार का काफी बड़ा योगदान और भूमिका रहा है जो वर्तमान में अंबिकापुर के कलेक्टर के रूप में पदस्थ हैं वही पूरा खेल में किरण कौशल का सबसे बड़ा सहयोगी के रूप में उनको माना जाता रहा है डीएम एफ का काम को बांटना और ठेकेदार, सप्लायर, से पैसा कलेक्शन करना उनका मुख्य काम था एक मशहूर कहावत आपने सुनी होगी .कंबल ओढ़ कर गी पीना. बस वही काम कुंदन कुमार किया करते थे
ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर ईडी को कार्रवाई करना चाहिए और उनकी संपत्ति धन दौलत पैसा चल अचल.संपत्ति को जप्त करने की आवश्यकता है जो करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से कमा कर रखे हैं जब तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल की तबादले के बाद जिले में रानू साहू पदस्थ हुई तो उन्होंने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग की फाइलों को बुलाकर जप्त कर ली और उसमें जांच बैठा दी जांच का आज तक को यह तक पता नहीं चला जब तक मैडम थी तब तक फाइल दबा हुआ था सूत्र तो यह भी बताते हैं कि इसमें मोटी रकम लेने का खुलासा हुआ था इसी का नतीजा है कि आज तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू सलाखों के पीछे जेल में सड़ने को मजबूर है जितना भ्रष्टाचार तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के द्वारा किया गया था उसमें आज तक ईडी या सीबीआई जांच नहीं कर रही है यह समझ से परे है। अगर जांच होती है तो करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की संपत्ति सामने आई जो कोरबा में अर्जित की है भ्रष्टाचार करके धन्यवाद