*कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल जब जिले में पदस्थ थी तब उन्होंने अपने कार्यकाल में डीएम एफ फंड .जिला खनिज न्याय मद. कोयला चोरी करने की रणनीति अपने जिला कलेक्टर ऑफिस में बनाई थीं उस समय के तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, भोजराम पटेल, खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग को पूरी जवाबदारी दी गई थी की कैसे अवैध पैसे की वसूली करना है, कब होगी ईडी की कार्रवाई किरण कौशल, अभिषेक मीणा, भोजराम पटेल, के ऊपर जनता पूछ रही है सवाल नई दिल्ली केंद्र में भाजपा की सरकार है और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की सरकार है विशेष सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट और कांग्रेस के दलाल नुमा नेता को छोड़ नहीं जाएगा उनको सलाखों के पीछे जाना ही होगा*
तत्कालीन कोरबा पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल
तत्कालीन कोरबा पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा
भ्रष्ट ब्यूरो कैट के ऊपर कारवाई कब होगी कांग्रेस के शासनकाल में खूब लूटे हैं श्रीमती रानू साहू जब से ईडी उठा कर ले गई है तब से उनका जमानत नहीं हो रहा है जेल की हवा खाना पड़ रहा था अभी कुछ महीने पहले जमानत पर बाहर आई है वह भी कोर्ट के शर्तों के हिसाब से ऐसे ही और कई ब्यूरोक्रेट हैं जिनको जेल की हवा खानी पड़ेगी और काली कमाई की संपत्ति को सरकार को बताना पड़ेगा उनकी संपत्ति जप्त होगी।
सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि भाजपा की सरकार पाई पाई की हिसाब लेने वाली है ऐसे भ्रष्ट ब्यूरो कैट से और राजनेताओं से जिन्होंने दोनों हाथ से जनता की गाड़ी कमाई को लूटा है और अवैध तरीके से भ्रष्टाचार करके संपत्ति अर्जित किए हैं उन पर कब करवाई होगी उसकी प्रतीक्षा कोरबा की जनता कर रही है।कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल जब जिले में पदस्थ थी तब उन्होंने अपने कार्यकाल में डीएम एफ फंड .जिला खनिज न्याय मद. कोयला चोरी रखड़ का खेल के के श्रीवास्तव के साथ मिलकर रणनीति अपने जिला कलेक्टर ऑफिस में बनाई थीं उस समय के तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग को पूरी जवाबदारी दी गई थी की कैसे पैसे की वसूली करना है सभी अवैध कार्यों से करनी है इसी के चक्कर में शिव शंकर नाग लंबे समय से जेल की हवा खा रहे थे अभी कुछ माह पहले उनकी भी जमानत कोर्ट के नियम शर्तें के तहत मिली है।
और कोयला के प्रत्येक वाहनों से प्रति टन ₹25 के हिसाब से पैसे की अवैध वसूली करना तय किया गया था बाद में इसे बढ़ाकर ₹35 प्रति टन के हिसाब से वसूला जा रहा था जो वर्तमान में ईडी की कार्रवाई के बाद लंबे समय तक जेल में बंद रहे है और उनको माननीय न्यायालय से जमानत अब मिल गई है इनके द्वारा पूरा पैसा वसूल कर तत्कालीन कलेक्टर को देने की बात उनके द्वारा की जाती रही कलेक्टर मैडम अपने पद और पावर का भरपूर दुरुपयोग और कमीशन खोरी भ्रष्टाचारी पैसे की अवैध वसूली में उनको महारत हासिल था और एक ही ध्यान रखते थे कि कमीशन का पैसा बराबर मिल रहा है या नहीं बिना पैसा लिए ,(कमीशन) लिए कोई भी चेक नहीं काटती थी अपने चाहते ठेकेदारों को चना मुर्रा की तरह जिला खनिज न्याय मद के पैसों का खुला खेल खेला गया सूत्र तो यह भी बताते हैं अवैध तरीके से पैसा कमा के रायपुर में एक आलीशान अस्पताल का निर्माण किया गया है जिसमें अवैध पैसा को उस अस्पताल में लगाया गया है ऐसा सूत्र बताते हैं वही स्कूल के बच्चों को पढ़ने के लिए लाखों रुपए के प्रोजेक्टर खरीदी की गई थी आज स्कूलों में जाकर देख सकते हैं कहीं भी प्रोजेक्टर नजर नहीं आएगी शिक्षा विभाग में सबसे अधिक सप्लाई एवं सामानों के नाम पर जिला खनिज न्यास की राशि का दुरुपयोग किया गया स्वास्थ्य विभाग में सप्लाई और सामान की खरीदी अंधाधुंध तरीके से किया गया ₹5 का सामान को हजारों रुपए में खरीदी की गई मधुमक्खी पालन के लिए 50.50 लख रुपए के जिला खनिज न्याय मद के माध्यम से अपने चाहते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए स्वीकृति दी गई थी आज पूरे जिले में कहीं भी मधुमक्खी पालन केंद्र आपको नजर नहीं आएंगे।
पर्यटन स्थल सतरेगा में करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई और जमकर भ्रष्टाचार किया गया।
वही कोरोना कल में सेनीटाइजर, वेंटिलेटर, दवाई मास्क की ईस्टरहीन सामग्री की खरीदी गई थी इसमें बड़ा घोटाला उनके द्वारा किया गया था। आज वह सभी सामान कबाड़ में पड़े हुए हैं।
उस समय तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार हुआ करते थे जो वर्तमान में मुंगेली के कलेक्टर हैं सभी जिला खनिज न्याय मद का फाइलफाइल कुंदन कुमार से होने के बाद कलेक्टर के पास फाइनल अप्रूवल होने के बाद पहुंचा करता था क्योंकि कुंदन कुमार उस कमेटी के सदस्य के रूप में थे कमीशन सभी जगह बटते हुए आता था इसमें कुंदन कुमार का काफी बड़ा योगदान और भूमिका रहा है जो अंबिकापुर कलेक्टर रह चुके हैं इसके बाद उनका ट्रांसफर मंत्रालय में हुआ था अभी वर्तमान में मुंगेली के कलेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं वही पूरा खेल में किरण कौशल का सबसे बड़ा सहयोगी के रूप में उनको माना जाता रहा है डीएम एफ का काम को बांटना और ठेकेदार, सप्लायर, से पैसा कलेक्शन करना उनका मुख्य काम था एक मशहूर कहावत आपने सुनी होगी .कंबल ओढ़ कर गी पीना. बस वही काम कुंदन कुमार किया करते थे।
ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर ईडी को कार्रवाई करना चाहिए और उनकी संपत्ति धन दौलत पैसा चल अचल.संपत्ति को जप्त करने की आवश्यकता है जो करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से कमा कर रखे हैं जब तत्कालीन कलेक्टर किरण कौशल के तबादले होने के बाद जिले में रानू साहू पदस्थ हुई तो उन्होंने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग की फाइलों को बुलाकर जप्त कर ली और उसमें जांच बैठा दी जांच का आज तक को यह तक पता नहीं चला जब तक मैडम थी तब तक फाइल दबा हुआ था सूत्र तो यह भी बताते हैं कि इसमें मोटी रकम लेने का खुलासा हुआ था हुआ था तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे ने बताया था कि कलेक्टर मैडम बहुत अधिक दबाव बना रही है मोटी रकम मांग रही है अभी मामला सेटिंग करने में लगा हुआ हूं उस समय उनका तबादला कोरबा जिले से मुंगेली जिला हो गया था इसके बावजूद भी उनसे करोड़ों रुपए देने का दबाव डाल गया था यह बात उन्होंने मुझे स्वयं बताए थे इसी का नतीजा है कि आज तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू सलाखों के पीछे जेल में सड़ने को मजबूर थी जितना भ्रष्टाचार तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, भोज राम पटेल के द्वारा किया गया था उसमें आज तक ईडी या सीबीआई जांच नहीं कर रही है यह समझ से परे है। अगर जांच होती है तो करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की संपत्ति सामने आएगी जो कोरबा जिले से अवैध तरीके से अर्जित की है तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा जयपुर में आलीशान बांग्ला का निर्माण किया जा रहा है ऐसा हमारे विशेष सूत्रों से जानकारी मिला है अभी कुछ दिन पहले रायपुर दुर्ग भिलाई बिलासपुर सहित कई ठिकानों में ईङी की छापा मार कार्रवाई की गई है अभी कोरबा जिले में बहुत से अधिकारी हैं जो राखड़ में कोयला, रेत जिला खनिज न्याय मद मैं लाखों करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार कर के बैठे हुए हैं इन पर भी ईडी को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
वही आपको बता दें इस पूरे खेल कांग्रेस के शासनकाल मे हुआ था जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हुआ करते थे पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल, सौम्या चौरसिया, मेडिएटर सूर्यकांत तिवारी, के के श्रीवास्तव, आदिवासी सहायक आयुक्त माया वरिया, जिला माइनिंग अधिकारी शिव शंकर नाग जिला खनिज न्याय मध्य के नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर जैसे एक दर्जन से अधिक लोग जेल की हवा खा रहे हैं कुछ को माननीय न्यायालय से जमानत मिली है और कुछ अभी भी जेल की हवा खा रहे हैं इन सभी भ्रष्टाचार में लिफ्ट अधिकारी और दलालों की पूरी संपत्ति को सरकार को जप्त करना चाहिए जिससे स्वस्थ समाज में शासन प्रशासन की छवि मजबूती के साथ सामने आए।
केंद्र और राज्य की सरकार बोलती है कि जीरो टॉलरेंस की नीति में काम करना है तो इन अधिकारी और दलालों के ऊपर मेहरबानी क्यों यह प्रश्न चिन्ह सरकार पर उठाता रहेगा।
हम समाचार को लगातार प्रकाशित करते रहेंगे जब तक इन अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय परिवर्तन निदेशालय,सीबीआई जांच कर कार्रवाई नहीं कर लेती है। धन्यवाद