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निर्यात प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को दूर करते हुए उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दी गई जानकारी

0 एक दिवसीय निर्यात आउटरीच कार्यशाला का आयोजन
कोरबा। जिले में निर्यात के संवर्धन एवं निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, भारत सरकार के मंशानुसार डायरेक्टर ऑफ जनरल फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) नागपुर द्वारा कलेक्टर के मार्गदर्शन में बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष कोरबा में निर्यात आउटरीच कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में टी.आर. कश्यप महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कोरबा, अश्वनी कुमार मिश्रा उपप्रबंधक वनमण्डल कटघोरा, अखिलेश मिश्रा उद्यानिकी, जी.आर. देवांगन डाक विभाग, मानवेन्द्र प्रताप सिंह बैंक ऑफ महाराष्ट्र, तोमेश यादव सीपेट, सुक्रिता लारिया आईटीआई उपस्थित रहे। साथ ही कोरबा जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया, एस.के. खरे महासचिव, एम.डी. मखीजा उद्योगपति, चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश जैन के अलावा जिले के उद्योगपति, व्यवसायी, सीपेट के अंतिम वर्ष में प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षणार्थी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षणार्थी एवं अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।

कार्यशाला के प्रारंभ में महाप्रबंधक टी.आर. कश्यप द्वारा कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों, जिले के उद्योगपतियों एवं उपस्थित अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के संबंध में जानकारी दी गई। तत्पश्चात् डायरेक्टर ऑफ जनरल फारेन ट्रेड के गौरव सहारे, प्रदीप गजभिये एवं प्रणय कुमार द्वारा पीपीटी के माध्यम से निर्यात संवर्धन के लिये निर्यात वित विकल्पों, कस्टम प्रक्रिया, एमएसएमई, ऋण-ई कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग सहित विभिन्न तरीकों से जिले के उत्पादों और सेवाओं की व्यापक और वैश्विक स्तर पर पहुंच बनाने के लिये एक मंच प्रदान करने संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। जिले के उत्पादों को देश के बाहर कैसे निर्यात कर सकते हैं, निर्यात प्रक्रिया में किन किन चरणों पर कैसी कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती है एवं उनका निराकरण किस स्तर पर और किनके द्वारा किया जा सकता है, इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि निर्यात से संबंधित किसी भी प्रकार की कठिनाइयां आने पर ऑनलाइन के माध्यम से सीधे उनसे जुड़कर आने वाले कठिनाइयों का निराकरण तुरंत किया जा सकता है।

कार्यशाला में डाक विभाग के देवांगन द्वारा निर्यात प्रक्रिया में डाक विभाग की भूमिका एवं निर्यात से संबंधित प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। मानवेन्द्र प्रताप सिंह बैंक ऑफ महाराष्ट्र के द्वारा निर्यात प्रक्रिया में उनके बैंक की भूमिका क्या होती है एवं क्रेता-विक्रेता के मध्य रुपये की गारंटी संबंधी विस्तृत जानकारी दी गयी। कार्यशाला में उपस्थित उद्योगपतियों एवं प्रतिभागियों द्वारा निर्यात के संबंध में विभिन्न प्रकार के शंकाओं संबंधी प्रश्न पूछे गये जिसका समाधान डीजीएफटी के अधिकारियों द्वारा किया गया तथा उपस्थित उद्योगपतियों को सुझाव दिया कि निर्यात के संबंध में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही सीधे नागपुर कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है। कार्यशाला के अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला समापन की घोषण की गई।