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सीएमएचओ ने कटघोरा के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों व निजी क्लीनिकों का किया औचक निरीक्षण

कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केसरी ने कटघोरा विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं नर्सिंग होम एक्ट के तहत कटघोरा के प्राइवेट नर्सिंग होम, प्राइवेट क्लीनिक, प्राइवेट पैथोलॉजी, सोनोग्राफी सेंटर, कलेक्शन सेंटर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सभी केंद्रों में आवश्यक दस्तावेजों की जांच करते हुए संस्थानों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत संचालित करने एवं कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूद्रपाल सिह कंवर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अशरफ अंसारी तथा अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।


कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ ने अधिकारी-कर्मचारियों का उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन कर अनुपस्थित 3 चिकित्सक और 1 कर्मचारी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र के पंजीयन कक्ष, शिशु रोग, अस्थि रोग, प्रसूति विभाग, लेबर कक्ष एनसीडी क्लीनिक, पैथोलॉजी कक्ष, ऑपरेशन थिएटर, ईपीडी दवा भंडार कक्ष, वैक्सीनेशन कक्ष, ब्लड स्टोरेज कक्ष, मितानिन हेल्प डेस्क सहित पूरे परिसर का अवलोकन कर स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने एवं कमियों को दूर करने के निर्देश दिए।
सीएमएचओ ने अस्पताल के सभी अनुभागों के सुव्यवस्थित संचालन के लिए अनुभाग वार नोडल अधिकारी नियुक्त करने, सभी दस्तावेजों का व्यवस्थित संधारण करने तथा सभी विशेषज्ञ चिकित्सक/चिकित्सा अधिकारी तथा कर्मचारी को कार्यदिवस में समय पर केंद्र में उपस्थित रहकर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने दंत रोग विभाग के निरीक्षण के दौरान क्रियाशील नहीं होने पर व्यवस्था के तहत दीपका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दंत रोग चिकित्सक की सेवाएं सुनिश्चित करने की बात कही।


इस दौरान सीएमएचओ ने संस्था में पदस्थ स्त्री रोग चिकित्सकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ सप्ताह में 2 दिन दोनों पाली में ओपीडी में सेवायें अनिवार्य रूप से देंगे। इस हेतु उन्हें रोस्टर बनाकर ड्यूटी करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रसूता अनावश्यक रूप से संस्था से रेफर न हो। साथ ही किसी मेडिकल ऑफिसर द्वारा रिफरल मान्य नहीं होगा। इस हेतु रेफलर योग्य प्रकरण में 2 स्त्री रोग विशेषज्ञों का अभिमत आवश्यक रूप से उल्लेखित करने के निर्देश दिए।