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दर्जनभर कलेक्टरों का ट्रांसफर थोक के भाव में होना या राजनीति का खेल है या सामान्य प्रक्रिया माननीय मुख्यमंत्री जी समझ सकते हैं अब विधानसभा चुनाव को लगभग डेढ़ वर्ष ही शेष रह गए हैं

अधिकारियों का ट्रांसफर होना एक सामान्य प्रक्रिया है ऐसा नेता मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं या शतरंज की चाल तो नहीं

मगर सवाल यहां पर यह उठता है

कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू पिछले वर्ष 5 जून 2021 को कोरबा जिले में पदस्थ हुई थी और आज 28 6 2022 को उनका तबादला रायगढ़ जिला हो गया है इतने कम समय अवधि में कोई कलेक्टर कैसे जिले के विकास की गति को आगे बढ़ा पाएगी सरकार ने उन्हें काम करने का पर्याप्त मौका ही नहीं दीया

इससे पहले रमन सिंह की 15 वर्ष की सरकार छत्तीसगढ़ में रही है जिस समय कलेक्टर एसपी को भरपूर काम करने का समय दिया जाता था और काम भी जिले में खूब हुआ करता था कलेक्टर 2 साल से ढाई साल 3 साल तक जिले में पदस्थ रहे हैं और काम का परफॉर्मेंस भी काफी बेहतर हुआ करता था तब की बात है अब

2018 जब से भूपेश की सरकार सत्ता में आई हैं तब से कलेक्टर एसपी का तबादला 1 साल डेढ़ साल में ही कर दिया जाता है जिससे कलेक्टर एसपी को काम करने का पूरा मौका सही ढंग से नहीं मिल पाता है जो सरकार के लिए ठीक नहीं है और क्षेत्र की जनता के लिए भी ठीक नहीं है जब कलेक्टर एसपी जिले को अच्छे से समझने लगते हैं और काम करने की गति को आगे बढ़ाने लगते हैं उसी बीच में कलेक्टर का तबादला कर दिया जाता है यह सिर्फ एक राजनीति खेल है जो राजनेता बखूबी से अपने हिसाब से खेलते हैं जिससे अधिकारी प्रभावित होते हैं

और इस खेल के शिकार वर्तमान कलेक्टर सहित बहुत से जिले के कलेक्टर प्रभावित हुए हैं ऐसा आम नागरिकों का मानना है भूपेश सरकार के पास काम करने के लिए मात्र डेढ़ वर्ष ही शेष रह गए हैं जो अब चुनावी समय माना जा रहा है डेढ़ वर्ष में भूपेश सरकार को जनता के बीच शासन से मिलने वाली महत्वकांक्षी योजना को सही ढंग से पहुंचाना और आम नागरिकों को सही लाभ योजना का मिल पा रहा है या नहीं आम नागरिक भूपेश सरकार की योजनाओं से कितने खुश है या नहीं या आम नागरिकों को सरकार से और क्या अपेक्षा है इस सब को टटोलने के लिए भूपेश सरकार स्वयं मैदानी क्षेत्र में वर्तमान में लोगों के बीच जाकर नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं और इसी बीच दर्जनों कलेक्टरों का तबादला थोक के भाव में किया जाता है अगर कोरबा जिले में माननीय मुख्यमंत्री जी आते और यहां के विकास की गति को देखते और इसके बाद कलेक्टर का तबादला करते तो लोगों को समझ में आता लेकिन राजनीति से प्रेरित होकर तबादला करना यह भूपेश सरकार के लिए ठीक नहीं होगा ऐसा आम नागरिक बोल रहे हैं वही वर्तमान कलेक्टर जिले के विकास के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही थी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र की दौरा कर रही थी और जगह-जगह शिविर लगाकर लोगों की समस्या सुनकर उनका का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा था कलेक्टर ऑफिस में भी जन दरबार लगाकर लोगों की समस्या का समाधान किया जाता रहा कोरबा जिले में कोई भी कलेक्टर आता है तो एक सबसे बड़ा अमाउंट जिसे जिला खनिज न्याय मत कहा जाता है उस पर ही नजर सभी नेता मंत्री और अधिकारियों का होता है कोई रायपुर मंत्री से फोन करा कर कोई सेक्रेटरी से फोन करा कर कोई नेता से फोन करा कर अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए जिला खनिज न्याय मद की राशि का काम लेने के लिए जीतोड़ गुड़ा भाग करने में लगे रहते हैं अमूमन यह दृश्य सभी जिलों में देखने को मिल जाएगा जो कोरबा जिले में जिला खनिज न्याय मद की राशि अधिक और बड़ा राशि होने के कारण यहां सभी नेता मंत्री अधिकारियों का नजर बना रहता है आपको ज्ञात होगा जब श्रीमती रानू साहू कलेक्टर कोरबा में पदस्थ हुई थी तब जिला शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की राशि से सामान खरीदी की गई थी जिस फाइल को कलेक्टर के द्वारा जप्त किया गया था जिसमें जांच करने के निर्देश दिए थे जिसका आज तक कोई अता पता नहीं चला कि आखिर उस मामले में आगे क्या जांच हुआ और क्या कार्रवाई हुई या मामले को दबा दिया गया यह एक रहस्य ही रह जाएगा

वही कोरबा के मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल के द्वारा 2 मार्च 2022 को बोला जाता है कोरबा कलेक्टर भ्रष्ट कलेक्टर है यह जहां जहां जिस पद में रही है वहां भ्रष्टाचार इनके द्वारा किया गया है इनको जिले के विकास से कोई लेना देना नहीं है तब से लेकर अभी तक जयसिंह अग्रवाल जी 4 महीने से कलेक्टर का ट्रांसफर कराने का प्रयास में लगे हुए थे अब शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कलेक्टर का ट्रांसफर जयसिंह अग्रवाल जी के द्वारा कराया गया या माननीय मुख्यमंत्री जी एक सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत कलेक्टर का तबादला रायगढ़ जिला किया गया है मंत्री अपने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए कलेक्टर से लड़ाई हुई थी एसईसीएल द्वारा सीएसआर मत से 200 करोड़ रुपए की राशि तीन सड़क मार्ग के निर्माण के लिए जारी किया गया था हरदी बाजार तरदा 13 किलोमीटर मां सर्वमंगला से तरदा 9 किलोमीटर मां सर्वमंगला से इमली छापर 5 किलोमीटर जो टोटल 27 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य वर्तमान में चल रहा है जिसमें ₹400000000 की राशि कलेक्टर द्वारा एसईसीएल सीएसआर मत के माध्यम से जारी किया गया था वही मंत्री जी ₹550000000 राशि जारी करने के लिए कलेक्टर को दबाव बना रहे थे ऐसा स्वयं मुझे कलेक्टर के द्वारा बताया गया था और उस वक्त कलेक्टर मैडम ने सभी एमबी बुक को अपने पास जप्त करके रखी थी और ठेकेदार द्वारा सभी मामले को लेकर तत्काल सूचना अधिकार के तहत की जानकारी के लिए आवेदन भी लगाया गया था इस मामले को लेकर कलेक्टर पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता श्री अशोक वर्मा के ऊपर खूब जमकर बरस पड़ी थी कि आप मामले को लिक करते हो बाद में 30 मई को काम बंद करने का लिखित आवेदन पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता को ठेकेदार द्वारा दिया गया राशि जारी नहीं की जा रही है इसलिए निर्माण कार्य बंद किया जाएगा और 1 अप्रैल को कलेक्टर द्वारा सड़क निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण करने के लिए गई थी इसके कुछ दिन के बाद सड़क निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा बंद कर दिया गया था 9 अप्रैल को पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता को राशि जारी करने का आदेश कलेक्टर द्वारा दिया गया तब 11 अप्रैल को ₹27 करोड़ों रुपए की राशि जारी की गई थी इसके बाद भी ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया जा रहा था

तब कलेक्टर के द्वारा गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुए निर्माण कार्य आरंभ कराया गया वही 1 अप्रैल को निरीक्षण करने के लिए ध्यानचंद चौक से गोपालपुर से इमली छापर मां सर्वमंगला मार्ग का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को तेजी लाने के निर्देश दिए गए थे और आज ध्यानचंद चौक से 700 मीटर जो सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है वह कलेक्टर मैडम की संवेदनशीलता और प्रशासनिक कार्य क्षमता का परिणाम है जिससे वहां तक का सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है और आज आम नागरिकों को उस मार्ग से दो पहिया तीन पहिया व चार पहिया वाहनों के माध्यम से आवाजाही सामान्य रूप से आरंभ हो गया है जो कलेक्टर की उपलब्धि में से एक है नहीं तो आपको ज्ञात होगा पिछले वर्ष प्रतिपक्ष नेता और आम नागरिक और पार्षद इस सड़क की दुर्दशा को लेकर चक्का जाम भी किए थे

वही दर्री बराज के नीचे समानांतर पुल लागत राशि 24 करोड़ का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है जो नवंबर दिसंबर तक कंप्लीट होने के आसार हैं अभी वर्तमान में पुल के ऊपर बेरिंग कोड जिसे सरल भाषा में (ढलाई कार्य ) किया जा रहा है

लिखने को तो बहुत कुछ था मगर रात काफी हो चुकी है फिर कभी समय मिलने पर लिखा जाएगा यह पहला एपिसोड है धन्यवाद