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*गेवरा ओपन परियोजना के सीजीएम एसके मोहंती की अचल संपत्ति और चल संपत्ति की जांच सीबीआई और ईडी को करना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके*

गेवरा ओपन परियोजना के सीजीएम एसके मोहंती की अचल संपत्ति और चल संपत्ति की जांच सीबीआई और ईडी को करना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके

गेवरा ओपन परियोजना एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा कोयला खदान में से एक है जहां रोजाना रेलवे के माध्यम से और रोड सेल ट्रैकों के माध्यम से कोयला का का परिवहन होता है जहां से लाखों टन कोयला अलग-अलग प्रदेश के पावर प्लांट और लघु उद्योग को रोजाना सप्लाई किया जाता है जिसके लिए एसईसीएल प्रबंधन के लगभग 2200 अधिकारी एवं कर्मचारी दिन और रात काम करते हैं सैकड़ो के तादाद में बड़ी-बड़ी हेवी मशीन 240 डंपर, शाबेल मशीन, डोजर मशीन, लोडर मशीन, कोयला काटने के लिए कटर मशीन हैवी ड्रिल मशीन ब्लास्टिंग के लिए जैसे बड़े-बड़े हैवी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है उन मशीनों का परमानेंट मेंटेनेंस भी किया जाता है जिसके लिए अलग से ठेके के माध्यम से एजेंसी नियुक्त किया जाता है उनका काम है मशीन का रखरखाव एवं रिपेयरिंग करना इसके बावजूद भी खदान के अंदर अधिकांश मशीन ब्रेक डाउन हो जाता है और घटना दुर्घटना घटते रहती है इसका सबसे बड़ा कारण सही ढंग से मशीनों का रखरखाव नहीं हो पाना जो कंपनी के द्वारा रिपेयरिंग के लिए एजेंसी नियुक्त किया गया है वह एजेंसी मशीनों में सही पार्ट्स समय रहते चेंज नहीं करना बताया जाता है वही एसईसीएल विभाग के अधिकारी ठेके एजेंसी से कमीशन लेते हैं जिससे अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करते हैं जिनकी संपत्ति गेवरा खदान में आने के बाद लाखों करोड़ों रुपए एकाएक बढ़ जाता है और गेवरा खदान से कोई भी अधिकारी कर्मचारी अन्य खदान में जाना नहीं चाहता है।

आपको बता दे रोड सेल के लिए कोयला खरीदने के लिए कोयला दलाल डीईओ बिलासपुर मुख्यालय से लेते हैं और उस डीईओ के माध्यम से ट्रक खदान के अंदर कोयला लेने के लिए जाता है गेवरा खदान के अंदर तीन बड़े-बड़े कोयले का डिस्पैच एईसीएल के द्वारा हजारों लाखों टन इकट्ठा किया जाता है वहां से डोजर कोयला भरने के बाद ट्रक एसईसीएल के कांटा घर में कांटा करने के बाद आगे की ओर बढ़ता है

पुष्ट सूत्रों के हवाले से

यहीं पर कमिश्नर का खेल चालू होता है और एसईसीएल के अधिकारी प्रत्येक टन के पीछे दो रुपए की राशि सीजीएम गेवरा के नाम से लेते हैं और प्रति ट्रक ₹10 की राशि एंट्री करने वाला अधिकारी लेता है आप अनुमान लगा सकते हैं की हर दिन 100 से 150 ट्रक कोयला लेकर ट्रक खदान से बाहर की ओर जाता है अभी वर्षा ऋतु होने के कारण ट्रैकों की संख्या इतनी है ठंडी और गर्मी मौसम के समय कोयले की प्रोडक्शन बढ़ जाती है उस समय डेढ़ से 200 ट्रक रोजाना खदान से कोयला लेकर बाहर निकलता है आप अनुमान लगाइए की रोज इतने पैसे की अवैध वसूली की जाती है महीने में लाखों करोड़ रुपए अवैध वसूली एसईसीएल गेवरा खदान के अंदर सीजीएम के नाम से वसूला जाता है वह पैसा आखिर कहां जाता है सूत्र तो बताते हैं गेवरा के सीजीएम के माध्यम से पैसा बिलासपुर बैठे बड़े अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है इसकी निष्पक्ष जांच सीबीआई और ईडी को करने की जरूरत है वैसे भी सीबीआई को इस कहानी के बारे में पूरा पता होगा क्योंकि सीबीआई के अधिकारी बीच-बीच में ऐसे एसईसीएल में आते रहते हैं अलग-अलग मामलों को लेकर और जांच करते रहते हैं वही एसईसीएल गेवरा के सीजीएम एसके मोहंती को लगभग 2 वर्ष गेवरा खदान में पदस्थ हुए हो गए होंगे आप अनुमान लगा सकते हैं कि आज के डेट में उनके पास अवैध रूप काली कमाई हुई लाख करोड़ों की संपत्ति होगी जिसकी चल और अचल संपत्ति की जांच करने की अति आवश्यकता है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और मामला पूरा दुनिया के सामने आ सके।

वही भू अर्जन मामले में लाखों करोड़ों रुपए का हेरा फेरी किया गया है उसकी भी जांच करने की आवश्यकता है सराईपाली, भठोरा, पोडी, बहनपाठ, आमगांव, रलिया, जितने वहां गांव में इंसान नहीं थे उससे अधिक वाह मकान अधिग्रहण किया गया है आखिर वह अवैध तरीके से बनाए गए मकान कहां से आए और उनको मौजा राशि गेवरा एसईसीएल प्रबंधन द्वारा क्यों दिया गया इसका सेटेलाइट के माध्यम से नक्शा और वीडियो निकालकर जांच सीबीआई और ईडी को करने की आवश्यकता है और फर्जी ढंग से जो मौजा राशि वितरण किया गया है उसको एसईसीएल के अधिकारियों से वसूलने की जरूरत है क्योंकि यह राशि केंद्र सरकार की है एसईसीएल गेवरा में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों का राशि नहीं है। आपको बता दें मेरे द्वारा इससे पहले भी भू अधिग्रहण को लेकर कई बार समाचार प्रकाशित किया जा चुका है और निरंतर एसईसीएल गेवरा में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर समाचार प्रकाशित करते रहेंगे धन्यवाद