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*आज 14 9 2024 एसईसीएल बिलासपुर के सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने गेवरा ओपन परियोजना कोयला खदान का निरीक्षण किया और गेवरा के सीजीएम एसके मोहंती को खूब खरी खोटी सुनते हुए लापरवाही बरतने पर फटकार लगाई*

आज 14 9 2024 एसईसीएल बिलासपुर के सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने गेवरा ओपन परियोजना कोयला खदान का निरीक्षण किया और गेवरा के सीजीएम एसके मोहंती को खूब खरी खोटी सुनते हुए लापरवाही बरतने पर फटकार लगाई

एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय के सीएमडी डॉक्टर प्रेम सागर मिश्रा कोरबा जिले के एसईसीएल गेवरा ओपन परियोजना का निरीक्षण करने के लिए सुबह लगभग 8 से 9:00 बजे के बीच खदान पहुंचे उन्होंने खदान का निरीक्षण किया और कोयला डिस्पैच खुसरूडीह कोयला स्टॉक, आनंद वाटिका कोयला स्टॉक, ओल्ड दीपिका कोयला स्टॉक, रेलवे कोल साइडिंग के बारे में सीजीएम गेवरा से जानकारी उन्होंने लिया साथ ही पुष्ट सूत्रों के हवाले से एनटीपीसी को जरूरत और गुणवत्ता के हिसाब से सही कोयला नहीं मिल पा रहा है इस पर सीएमडी ने गेवरा के सीजीएम को खूब लताड़ लगाई और उन्होंने कोयला प्रोडक्शन करने पर सुझाव दिया जिससे एनटीपीसी को समय सीमा के भीतर गुणवत्ता के हिसाब से कोयला आपूर्ति किया जा सके साथ ही उन्होंने ट्रैकों के माध्यम से रोड सेल में कोल परिवहन के संबंध में भी जानकारी लिया आपको बता दें अभी वर्षा ऋतु के समय कोयला प्रोडक्शन का कार्य काफी बाधित हुआ है कुछ दिनों पहले एसईसीएल गेवरा में भारी वर्षा के कारण पानी खदान के अंदर आ गया था जिसे भी कोल प्रोडक्शन में एसईसीएल को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा वैसे जानकार बताते हैं एसईसीएल के गेवरा सीजीएम की घोर लापरवाही के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है वर्षा ऋतु के पहले खदान के ऊपर नाली का निर्माण कार्य नहीं किया गया था खदान में पूरा खेत का पानी बाहकर आ गया था जिससे खदान के एक हिस्से को प्रभावित किया इस पर अभी तक बिलासपुर के तकनीकी विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है।

दिल्ली कोल मंत्रालय के द्वारा एसईसीएल बिलासपुर सीएमडी को कोयला प्रोडक्शन डिस्पैच करने का काफी दबाव बना हुआ है जिससे सीएमडी को बार-बार खदान का दौरा करना पड़ रहा है आज सुबह खदान का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी लिया और अधिकारियों को खूब फटकार लगाई और दो टूक उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में कोयल का प्रोडक्शन को बढ़ाया जाए जिससे समय सीमा के भीतर कोयला का सप्लाई हो सके आपको बता दें एसईसीएल गेवरा ओपन परियोजना में जी 11 कोयला का मानक दर माना जाता है जब एसईसीएल प्रबंधन द्वारा ट्रेन में कोयला की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं तो रोड सेल में ट्रैकों के माध्यम 100 से 150 गाड़ियां कैसे रोजाना खदान से बाहर कोयला लेकर जा रही है यह एक गंभीर विषय है जिसमें जांच होनी चाहिए इससे साफ जाहिर है कि प्रति टन दो रुपए के हिसाब से कमिश्नर गेवरा सीजीएम के नाम से जाता है और ₹10 प्रति ट्रक एंट्री करने वाले अधिकारी वसूलते हैं यह खेल एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा खदान के अंदर खेला जा रहा है जो प्रमाणित होता है ऐसा सूत्र बताते हैं वही जानकारी के अनुसार जो ट्रक या ट्रेलर  खदान के अंदर प्रवेश करते हैं उनका एंट्री सीआईएसफ गेट में किया जाता है‌ इसके बावजूद भी गेटपास किसी और चालक का होता है और चालक कोई और होता है ऐसे बहुत से उदाहरण है कोयला दलाल बिलासपुर मुख्यालय से कोयला का डीईओ खरीदते हैं और खदान में आकर अपना कोयला डीईओ के हिसाब से कोयला उठते हैं लेकिन इसमें भी बड़ा भ्रष्टाचार और बेईमानी खुले तौर पर खदान के अंदर किया जाता है कोयला दलाल का प्राइवेट मुंशी खदान में जाकर कोल डिस्पैच में खड़ा होकर अच्छा कोयला जिसको आम भाषा में स्टीम कोयला कहा जाता है उसे छटवा कर अपने ट्रैकों में डलवाते हैं जो कि नियम के विपरीत है खदान के अंदर जब खाली ट्रक कांटा होने के बाद कोलस्टॉक में जाता है तो उसे डोजर के माध्यम कोयला ट्रक में भरना चाहिए यह एसईसीएल का नियम है जिसका खुला उल्लंघन किया जाता है और अधिकारी मुख्य दर्शक बन देखते रहते हैं इसका भी कमीशन एसईसीएल के अधिकारियों को बराबर मात्रा में देते हैं जो प्राइवेट मुंशी खदान के अंदर प्रवेश होता है उसका कोई रिकॉर्ड एसईसीएल प्रबंधन के पास नहीं होता और ना ही उनका कोई सिक्योरिटी पास उनका नहीं होता और ना ही भविष्य निधि या आई कार्ड नहीं होता है वह आनघृत तरीके से खदान के अंदर प्रवेश करते हैं समझ से परे है जब इतनी बड़ी सीआईएसएफ का फोर्स गेट सहित खदान के चारों ओर में तैनाती होती है इसके बावजूद भी कोयला दलाल के मुंशी और आनघृत तरीके से उनके लोग खदान के अंदर कैसे प्रवेश कर पाते हैं ना उनके पास कोई सेफ्टी का सामान नहीं होता जैसे सर में टोपी जूता या मुंह में मास्क इस पर कोल मंत्रालय को जांच करने की आवश्यकता है जब गांव का आम नागरिक या कोई भी आम इंसान खदान के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता तो यह लोग कैसे प्रवेश कर लेते हैं यहां भी सेटिंग का खेल खुले दौर पे खेला जा रहा है इन सभी गंभीर विषयों पर देश के स्वतंत्रता एजेंसी सीबीआई और ईडी को जांच करने की आवश्यकता है जिससे पूरा मामले का पर्दाफाश हो सके और खुले तौर पर हो रहे भ्रष्टाचार में लगाम लग सके आपको बता दें कोयला घोटाले के मामले में कोरबा के तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती रानू साहू पूर्व मुख्यमंत्री के नजदीकी सलाहकार श्रीमती चौरसिया तत्कालीन मायनिंग अधिकारी शिव शंकर नाग सहित काफी लोग जेल की हवा खा रहे हैं इस बात को एसईसीएल के अधिकारियों को भूलना नहीं चाहिए जिनको जमानत भी माननीय न्यायालय से नहीं मिल रहा है धन्यवाद।