*कांग्रेस को लग रहा है झटके में झटका कांग्रेस की नैया पार होना काफी मुश्किल नजर आ रहा है, आपको बता दे कोरबा ,पाली तानाखार,कटघोरा, रामपुर,क्षेत्र से बड़े-बड़े दिग्गज कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं जिससे क्षेत्र में कांग्रेस जमीनी स्तर पर काफी कमजोर नजर आ रही है वैसे भी सांसद महोदिया का नुक्कड़ सभा को देखकर आप भली-भांति समझ सकते हैं अगर 5 वर्ष जनता के बीच निरंतर संवाद में रहती तो और उनकी समस्या को समझती और समाधान करती तो आज यह परिस्थिति निर्मित नहीं होती*
कोरबा,
कांग्रेस को लग रहा है झटके में झटका कांग्रेस की नैया पार होना काफी मुश्किल लग रहा है आपको बता दे पाली तानाखार कटघोरा कोरबा रामपुर क्षेत्र से बड़े-बड़े दिग्गज कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं जिससे क्षेत्र में कांग्रेस काफी कमजोर नजर आ रही है
वैसे भी सांसद महोदिया का नुक्कड़ सभा को देखकर आप भली-भांति समझ सकते हैं। सांसद महोदिया से एक चिट्ठीलिखने के लिए रायपुर उनके निवास का चक्कर लगानापढ़ता था।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे ही नेताओं की जुबान फिसलते जा रही है और एक दूसरों पर बर प्लट वर कर रहेे हैं।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है वैसे ही कांग्रेसके नेता एक-एक कर भारतीय जनता पार्टी का दमन थम रहे हैं पिछले वर्ष 2019 में कांग्रेस पार्टी में जो उत्साह और उमंग चुनाव के समय नजर आ रहा था वह इस वर्ष की चुनाव में नजर नहीं आ रहा है कैसे नैया पार लगा पाएगी कांग्रेस इस विकट परिस्थिति में यह समझ से परे है।
कोरबा की भौगोलिक गणित समीकरण कांग्रेस का बिगड़ा हुआ नजर आ रहा है जब अपने नेता और कार्यकर्ताओं को एकजुट नहीं कर पा रहे है कुछ तो वजह होगी कांग्रेस से दूर जाने की कोरबा लोकसभा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है आम लोगों के बीच में सांसद 5 वर्षों तक क्षेत्र का विकास के नाम पर कुछ नहीं कीया है सिर्फ और सिर्फ उसी कार्य को किया करती थी जिस कार्य में उनको फायदा होता था या उनके आजू-बाजू में रहने वाले लोग को फायदा हुआ करता था और 5 वर्ष में जनता के बीच से काफी दूरी बन गया जिससे अब जोड़ पाना काफी कठिन नजर आ रहा है जैसे कच्चे धागे को तोड़ना काफी आसान है मगर जोड़ना काफी कठिन होता है। अगर संसद महोदिया लोगों के बीच निरंतर संवाद करते रहती तो यह स्थिति वर्तमान में नजर नहीं आती।
कोरबा जिले में बड़े-बड़े घोटाले और बड़े-बड़े चोरीयां होती रही और सांसद महोदिया चुपचाप मौन साधे देखती रही एक शब्द भी कभी उन्होंने कोई स्टेटमेंट मीडिया के सामने नहीं दिया जिसे क्षेत्र की जनता बखूबी तरीके से समझ रही है जैसे कोयला चोरी जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के कोरबा जिले का यह मामला दर्ज हो चुका है डीएम एफ फंड (जिला खनिज न्याय मत ) CSR मद, घोटाला जो करोड़ों में है या तो कमीशन बराबर मिला करता था या तो नहीं बोलने की कसम सांसद महोदीया खा कर रखी थी ऐसा प्रतीत होता है।
सांसद महोदिया बोलती है कि सरोज पांडे बाहर की प्रत्याशी है तो यहां पर यह सवाल उठता है कि आप लोकल जांजगीर सारा गांव की रहने वाली है इसके बावजूद भी कोरबा जिले के लिए उन्होंने ऐसा क्या कम कर दिया जिससे जनता आने वाले दिनों में उनको वोट दें यह तो बात सांसद महोदिया को क्षेत्र की जनता को बताना चाहिए, जब आम लोगों के बीच संसद महोदिया जाती है तो आम लोगों से चर्चा करना चाहिए कि मैं 5 वर्षों में कौन-कौन सा विकास कार्य क्षेत्र के लिए गए हैं कोरबा जिले की सबसे पुरानी और बड़ी समस्या भू स्थापितों की समस्या को लेकर सांसद महोदिया कभी गंभीर नहीं रही जो कोरबा जिले की सबसे बड़ी समस्या है जैसे-नौकरी,पुनर्वास, मुआवजा,पावर प्लांट से निकलने वाली राख, धूल, डस्ट, से पूरा कोरबा जिला हल्की सी हवा चलने पर पूरा शहर धूल से पट जाता है इस संबंध में कभी उन्होंने जिक्र नहीं किया सड़कों की हालत काफी खराब है मां सर्वमंगला मंदिर से महज 5 किलोमीटर की सड़क को लगभग 3 वर्ष हो गए जो अधूरा निर्माण कार्य पड़ा हुआ है कुसमुंडा से भिलाई बाजार हरदी बाजार मार्ग, यह सिर्फ एक उदाहरण है क्या उनको नजर नहीं आता है जो कोरबा जिले की सबसे बड़ी आबादी उस मार्ग से ही आना जाना करती है अभी वर्तमान में हैवी ब्लास्टिंग और खदान से प्रभावित क्षेत्र में पीने की शुद्ध पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है इस संबंध में सांसद महोदिया ने 5 वर्षों में ऐसा कौन सा काम कर दिया है जिसे भू स्थापितों के बीच में जाकर बता सके आए दिन कोरबा जिले में रोड एक्सीडेंट होने के कारण सैकड़ो के तादात में लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं इस पर भी कभी उन्होंने चर्चा नहीं की लिखने को तो बहुत कुछ है आगे के एपिसोड में विस्तार से लिखा जाएगा।
मीठा मीठा गप – गप कड़वा कड़वा थू-थू अब यह स्थिति कोरबा जिले में नहीं चलेगा जो जन प्रतिनिधि को जनता ने चुना है उसको 5 वर्षों के बाद हिसाब जनता के बीच में देना ही पड़ेगा की 5 वर्षों में सांसद महोदिया ने कोरबा जिले के विकास के लिए क्या-क्या काम किए हैं क्या धरातल में अमल हुआ है या नहीं तब क्षेत्र की जनता इसका आकलन कर अपना मतदान करेगी।
जो चाटुकारता है उसी की पूछ परख वहां होती है बहुत से नेता याह नहीं कर पाते इसलिए उनको कांग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है या 5 वर्षों में उनका कोई काम नहीं हुआ जनहित में,
पिछले 2019 लोकसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत से छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस की सरकार थी उस समय कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता दावा करते थे कि छत्तीसगढ़ में 11 सीट है और हम 11 सीट जीतेंगे लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य की जनता काफी चतुर और चालक निकली, विधानसभा चुनाव के ठीक 4 महीने बाद जब लोकसभा की चुनाव होती है तब कांग्रेस को 11 लोकसभा सीट में सिर्फ दो लोकसभा सीट मिलती है बस्तर और कोरबा और जो नौ, लोकसभा सीट भाजपा को मिलती है इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस बार कांग्रेस की सरकार राज्य में है और ना ही केंद्र में मुझे आम लोगों से चर्चा करने पर पता चलता है कि कांग्रेस कहीं जीरो में ही ऑल आउट ना हो जाए जो वर्तमान परिस्थितियां नजर आ रहा है क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद फिर से विस्तार से अपनी बातों को जनता के बीच लिख कर रखूंगा जिससे क्षेत्र की जनता को सही बातों का पता चल सके।
सिर्फ कोरबा जिले की बातों को मैं उल्लेख कर रहा हूं जो कि कोरबा लोकसभा क्रमांक 4 सीट में आता है चार विधानसभा सीट कोरिया जिला महेंद्रगढ़ जिला सोनहत बैकुंठपुर चार विधानसभा क्षेत्र की क्या समस्या है इस पर क्षेत्र वासियों की राय लेने के बाद प्रमुखता से लिखा जाएगा। इस बर चरण दास महंत जी की चालाकी धारी के धरी रह जएगी।
,,कलाम की ताकत देश की ताकत,, धन्यवाद।