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*भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी सरोज पाण्डेय पर सांसद ज्योत्सना महंत का बड़ा पलटवार, कई सवालों पर घेरा , पालक सांसद होकर भी कहती हैं जनता के प्रति मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं यह सवाल तो उठेंगे ही ना*

सरोज पाण्डेय पर सांसद ज्योत्सना महंत का बड़ा पलटवार, कई सवालों पर घेरा
0 पालक सांसद होकर भी कहती हैं जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं

कोरबा लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने भाजपा प्रत्याशी सुश्री सरोज पाण्डेय के बयानों पर पलटवार करते हुए सवालों में घेरा है। सांसद ने कहा कि वे झूठ पर झूठ का पुलिंदा बांधती जा रही हैं। कोरबा की पालक सांसद होने के नाते वे यह नहीं बताती कि उनका कर्तव्य कितना है? वे कहती हंै मेरा कोई क्षेत्र नहीं है फिर कहती हैं कि अपने क्षेत्र में चार गुना ज्यादा दौरा किया। वे कहती हंै कि पालक सांसद जनता के लिए नहीं अपनी पार्टी के प्रति जिम्मेदार होता है। ग्राम कनकी को उन्होंने गोद लिया लेकिन कभी गई नहीं और 70 लाख के विकास कार्य कराने का झूठ पर झूठ परोस रही हैं। कनकेश्वर महादेव की नगरी कनकी को भी उन्होंने नहीं छोड़ा।
सांसद ने कहा कि सरोज पाण्डेय 25 लाख रुपए हर पंचायत में देने की बात कहती हंै लेकिन वे यह नहीं बता रही हंै कि इतना पैसा वे कहां से लाएंगी? सांसद ने कहा कि पंचायतों को विकास कार्यों के लिए वित्त आयोग, मूलभूत मद, डीएमएफ के साथ-साथ विभिन्न मदों से राशि मिलती है और इतनी राशि मिलने के बाद भी सरोज पाण्डेय जो पैसे देने की बात कह रही है वह सिर्फ और सिर्फ भ्रम फैलाने की बात है। मुझे बाहरी कहने वाले सोनिया गांधी, राहुल गांधी, देवेन्द्र यादव, शिव डहरिया पर बाहरी होने की बात कहकर अपमान कर रही हंै। चाम्पा-जांजगीर से अलग हुए कोरबा को ये बाहरी बता रही है जो सारागांव, सक्ती, जांजगीर-चाम्पा जिलावासियों का अपमान है।
उन्होंने कहा कि कोरबा लोकसभा क्षेत्रवासियों की रेल संबंधी समस्याओं व यात्री सुविधाओं के प्रति सरोज पाण्डेय कभी पालक सांसद होने के नाते गंभीर नहीं रही और अभी चुनाव के समय कहतीं हैं कि काम चालू है, 6 माह बाद ट्रेन शुरू होगी। एक ओर उनके बड़े नेता 25 साल में विकास दिखाने की बात करते हैं तो उनकी राष्ट्रीय नेत्री 6 माह का चुनावी झांसा दे रहीं हैं। उनकी हवा-हवाई बातों और झांसे, बहकावे में कोरबा लोकसभा की जनता नहीं आने वाली।
सरोज पाण्डेय सवाल उठातीं हैं कि मेडिकल कॉलेज बिसाहूदास महंत के नाम पर ही क्यों आदिवासी नेता के नाम पर क्यों नहीं? तो उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं है कि बिसाहूदास महंत के नाम पर मेडिकल कॉलेज है और संबद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल का नामकरण स्व. प्यारेलाल कंवर के नाम पर करने की घोषणा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पहले ही कर चुकी है। साथ ही साथ वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे स्व. प्यारेलाल कंवर के नाम पर भैंसमा का शासकीय महाविद्यालय है। सरोज पाण्डेय द्वारा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल स्थापना को भी सांसद ने हवा-हवाई बताते हुए कहा कि 750 बिस्तरों वाले सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की परिकल्पना पहले ही हो चुकी है और इसके लिए जमीन चिन्हांकन/लेने के साथ-साथ व्यवस्था प्रक्रियाधीन है।
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