*लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर, कल गेवरा ओपन कोल परियोजना का निरीक्षण करने आएंगे उनके साथ में 22 सांसदों की पूरी टीम साथ रहेंगे इसकी तैयारी गेवरा प्रबंधन द्वारा किया गया है कहीं एसईसीएल गेवरा को निजीकरण करने की तैयारी तो नहीं की जा रही है क्या भू स्थापितों के संबंध में चर्चा करेंगे, भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा केंद्र सरकार को कमेटी द्वारा की जाएगी उनकी चल- अचल संपत्ति को जांच करने के लिए या सिर्फ कोयला प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए कमेटी आ रही है यह सवाल उठाते रहेंगे पत्रकार सवाल पूछेंगे*
कोरबा,
लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर, कल गेवरा ओपन कोल परियोजना का निरीक्षण करने आएंगे उनके साथ में 22 सांसदों की पूरी टीम साथ रहेंगे इसकी तैयारी गेवरा प्रबंधन द्वारा किया गया है खदान के अंदर साफ सफाई,रंगाई,पुताई लाइट,सड़क की मरम्मत लाइटिंग की व्यवस्था की गई है गेवरा हाउस पूरी तरह से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है यहां तक की सोफा, पाल ग खिड़कियों में लगे हुए पर्दे सभी को नया लगाया गया है साथ ही रहवासी कॉलोनी के आसपास भी अच्छी व्यवस्था की गई है आखिर इतने सांसदों का गेवरा खदान का निरीक्षण करने के लिए आना क्यों पड़ रहा है यह एक बड़ा सवाल उठता है कहीं आने वाले दिनों में मोदी सरकार एसईसीएल गेवरा ओपन कोल परियोजना को कहीं निजीकरण करने की कोई साजिश तो नहीं की जा रही है क्योंकि एसईसीएल गेवरा का ओवरबडन (मिट्टी खुदाई), और कोयला खुदाई का कार्य पहले से निजी हाथों में दिया जा चुका है बचे हुए कुछ जो कार्य हैं उसको भी कहीं निजीकरण ना किया जाए यह चर्चा जोरो से पूरे एसईसीएल क्षेत्र में रहने वाले लोग कर्मचारी अधिकारी कर रहे हैं क्योंकि धीरे-धीरे निजीकरण की ओर सरकार का झुकाव नजर आ रहा है सूत्रों के मुताबिक कल दोपहर 3:00 के लगभग गेवरा हाउस कोरबा बाय रोड रायपुर से पहुंचेंगे इसके बाद गेवरा ओपन कोल परियोजना का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे इसके बाद कल ही शाम को रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे और रायपुर से गोवा सभी सांसद चले जाएंगे वहां पर बैठक आयोजित किया जाएगा जिसमें गेवरा खदान में निरीक्षण के दौरान क्या पाया गया क्या व्यवस्था में कमी है कैसे दूर किया जाएगा कैसे कोल प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जा सकता है खदान में हो रहे भ्रष्टाचार पर कैसे अंकुश लगाया जा सके और विभिन्न पहलुओं में विस्तार से चर्चा किया जाएगा इसकी रिपोर्ट को पीएमओ और कोल मंत्रालय को सौपा जाएगा।