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*एसईसीएल गेवरा मेगा प्रोजेक्ट के सीजीएम एसके मोहंती के झूठे वादों को लेकर आज 11.03.2025 भठोरा ग्राम वासियों के द्वारा खदान में काम बंद कराया गया खदान में चलने वाली बड़ी-बड़ी मशीन ट्रकों को रोका गया था, ताकि एसईसीएल प्रबन्धन के धूर्त्तता पूर्ण रवैये को बंद कराते हुए गांव के मूलभूत आवश्यकताओं और सुविधाओं को जैसे पानी, बिजली, सड़क, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, बाजार, स्कूल, मुक्तिधाम और लम्बित सभी नौकरी – रोजगार, बसाहट का पट्टा आदि मांगो को शीघ्रता पूर्वक पूरा कराया जा सके नहीं तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे जिसमें खदान के कोयला उत्पादन में बड़ा नुकसान प्रबंधन को उठाना पड़ेगा*

एसईसीएल गेवरा मेगा प्रोजेक्ट के सीजीएम एसके मोहंती के झूठे वादों को लेकर आज 11.03.2025 भठोरा ग्राम वासियों के द्वारा खदान में काम बंद कराया गया खदान में चलने वाली बड़ी-बड़ी मशीन ट्रकों को रोका गया था। ताकि एसईसीएल प्रबन्धन के धूर्त्तता पूर्ण रवैये को बंद कराते हुए गांव के मूलभूत आवश्यकताओं और सुविधाओं को जैसे पानी, बिजली, सड़क, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवन, बाजार, स्कूल, मुक्तिधाम और लम्बित सभी नौकरी – रोजगार, बसाहट का पट्टा आदि मांगो को शीघ्रता पूर्वक पूरा कराया जा सके नहीं तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे आपको बता दें 2016-17 में भठोरा सहित आसपास गांव के लोग मिलकर सबसे बड़ा मेगा आंदोलन किए थे जिसमें एसईसीएल गेवरा मेगा प्रोजेक्ट का उत्पादन को पूरी तरह से बंद कर दिए थे प्रबंधन अगर हल्के में ले रही है तो उनको यह बातें समझ में आनी चाहिए। एसईसीएल का नियम है सीएसआर मत के माध्यम से पुनर्वास गांव का समुचित विकास हो सके वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मंत्री, सांसद, विधायक, को भी इस समस्या को लेकर गंभीर होने की आवश्यकता है जनप्रतिनिधि सिर्फ पैसा कमाने के लिए या भ्रष्टाचार करने के लिए नहीं बने हैं क्षेत्र की चाहू मुखी विकास और आम लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए बने हैं जनता ने उनको वोट दिया है अगर इस विकट समस्या को लेकर जन प्रतिनिधि समाधान नहीं करते हैं तो आने वाले 5 वर्षों के बाद उनको उनकी औकात क्षेत्र की जनता दिखाएंगी।

गेवरा सीजीएम एसके मोहंती जैसे झूठा अधिकारी आज तक एसईसीएल में पदस्थ नहीं हुआ है झूठ के अलावा कभी सच बात नहीं बोलते वह कभी भूविस्थापितों की पीड़ा को नहीं समझते उनको सिर्फ कोयला प्रोडक्शन कैसे बढ़े इसके बारे में सोचते हैं लेकिन उनको मालूम होना चाहिए की इन्हीं भू स्थापितों की जमीन में एसईसीएल गेवरा खदान वर्तमान में संचालित है अगर भू स्थापित नाराज हो जाते हैं और खदान का उत्पादन को बंद करते हैं तो इनको बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा वर्तमान में गेवरा खदान को 70 मिलियन टन का लक्ष्य कोल इंडिया के द्वारा दिया गया है उस लक्ष्य को अगर यही स्थिति रहेगी तो किसी भी हाल में पूरा नहीं कर पाएंगे आए दिन ग्रामीण खदान का उत्पादन को बंद करते रहेंगे बाधित करते रहेंगे तो कैसे खदान का लक्ष्य पूरा हो पाएगा ग्रामीण देशहित में अपनी भूमि घर मकान सब कुछ खदान को दिए थे उसे समय एसईसीएल के अधिकारी बड़ी-बड़ी बातें करते थे कि आप लोग को पुनर्वास, नौकरी, मुआवजा सभी दिया जाएगा आज दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हैं लेकिन उन भू विस्थापितों के साथ बहुत बड़ा धोखा ऐसी रूम में बैठे अधिकारी कर रहे हैं जिसका परिणाम आने वाले कल में उनको भुगतना पड़ेगा।