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*ग्राम हरदी बाजार के एसईसीएल दीपिका ओपन परियोजना के प्रभावित परिवार हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान जैसे बोर मकान क्षतिग्रस्त हुए है क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की मांग की है अन्यथा 27/07/2025 को खदान बंद करेगे*

ग्राम हरदी बाजार के एसईसीएल दीपिका ओपन परियोजना के प्रभावित परिवार हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान जैसे बोर मकान क्षतिग्रस्त हुए है क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की मांग की है अन्यथा 27/07/2025 को खदान बंद करेगे

जो वर्ष 2023 से जुलाई 2025 तक secl दीपका क्षेत्र के द्वारा हैवी ब्लास्टिंग से हुए नुकसान जैसे बोर मकान क्षतिग्रस्त हुई जिसकी आवेदन एसईसीएल दीपका कार्यालय में दिया गया हैं जिस पर एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा जांच कमेटी बनाकर जांच की सभी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गईं थीं । वो भी दो से तीन बार फिर भी जो क्षति एसईसीएल के ब्लास्टिंग से हुई हैं उसका भुगतान आज दिनांक 24/07/2025 तक नही किया गया है। इस संबंध में एसईसीएल प्रबंधन से सम्पर्क करने पर गोल मोल जवाब के अलावा कुछ नही दीया जा रहा हैं जिससे प्रभावित परिवार। अक्रोशित होकर एसईसीएल दीपका प्रबंधन को तीन दिन की मियाद देते हुए 26/07/2025 तक क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की मांग की है अन्यथा 27/07/2025 को खदान बंद करने की सूचना भी एसईसीएल दीपका प्रबंधन , हरदी बाजार तहसील, और थाना को दी गईं है। जिसकी सारी जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन दीपका की होगी।

दीपका प्रबन्धन हमेशा से अंग्रेजों जैसी व्यवहार प्रभावित परिवार से कर रही है।

आपको जानकारी होगी इससे पहले जबरदस्ती पुलिस प्रशासन के माध्यम से। मकान जमीन फल दार वृक्ष को बल पूर्वक तोड़ा गया था कलेक्टर ऑफिस में जब बैठक होती है तो बड़ी बड़ी बातें अधिकारी और एसई सी एल प्रबन्धन के अधिकारी करते हैं ऐसा लगता है कि प्रभावित परिवार को। बहुत सारी सुविधाएं प्रदान की जा रही है  जो कि जमीनी हकीकत  बिलकुल उलट है सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है सिर्फ एक दिखावा के अलावा ग्रामीण देश हित में अपना मकान जमीन सब कुछ एसई सी एल प्रबंधन को दे देती है लेकिन इनको सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता। अधिकारियों को कोई अपने पाकिट से या वेतन से प्रभावित परिवार के लोगों को क्षतिपूर्ति राशि देने की आवश्यकता नहीं है केंद्र सरकार एसई सी एल  कि राशी को  देंगे। उसमें भी देने के लिए आनाकानी करना ठीक नहीं है। सही प्रभावित परिवार के व्यक्तियों को क्षति पूर्ति  मुआवजा राशि मिलना चाहिए जो प्रभीत प्रभावित परिवार के हित के लिए जरूरी है  इसके लिए शासन प्रशासन को गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेने की आवश्यकता है। जिससे प्रभावित परिवार और  एसई सी एल प्रबंधन के बीच किसी प्रकार की वाद विवाद की स्थिति निर्मित न हो सके क्योंकि प्रभावित परिवार के लोगों को पता है कि खदान को आगे ही बढ़ना है। और आज नहीं तो कल हरदी बाज़ार एस ई सी एल दीपका परियोजना में अधिग्रहण होना है। अंग्रेजों की एक पुरानी कहावत है जो गाँव में एकजुटता होती है उस गाँव में  फूट करो और शासन करो यही स्थिति एसईसीएल दीपका प्रबंधन अपना रही है जो स्वस्थ लोकतन्त्र के लिए ठीक नहीं है।

समस्त प्रभावित ग्रामीण

सुरेन्द्र राठौर
प्रमोद जयसवाल
अरुण राठौर
तुलेश्वर राठौर
तेजप्रकाश
आदि ग्रामीण उपस्थित थे।