*कलेक्टर कोरबा अजीत कुमार वसंत के द्वारा अपने पद और पॉवर का खुला दुरूपयोग करते हुए मुझे मानसिक रूप से परेशान करते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दिए जाने पर उचित कार्यवाही करने की मांग को लेकर रायपुर के प्रेस क्लब में कॉन्फ्रेंस में पत्रकार रमेश कुमार राठौर ने कलेक्टर की हिटलर शाही को लेकर पत्रकारों से चर्चा किया कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से टारगेट बनाकर मेरे मकान को तोड़ा है विष्णु देव सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं है ब्यूरोक्रेट पूरी तरह से सरकार में हॉबी हो चुकी है, पत्रकार सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ में लागू होना चाहिए*
कलेक्टर कोरबा अजीत कुमार वसंत के द्वारा अपने पद और पॉवर का दुरूपयोग करते हुए मुझे मानसिक रूप से परेशान करते हुए झूठे केस में फंसाने की धमकी दिए जाने पर उचित कार्यवाही करने की मांग रायपुर के प्रेस क्लब में कॉन्फ्रेंस में पत्रकार रमेश कुमार राठौर ने कलेक्टर की हिटलर शाही को लेकर पत्रकारों से चर्चा किया कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से टारगेट बनाकर मेरे मकान को तोड़ा है विष्णु देव सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं है ब्यूरोक्रेट पूरी तरह से सरकार में हॉबी हो चुकी है
अजीत कुमार वसंत, कलेक्टर कोरबा छत्तीसगढ़ के द्वारा जिला स्तरीय पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना समिति की महत्वपूर्ण बैठक जिसमें लगभग 100-150 लोगों सहित संबंधित विभागीय अधिकारी / कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति में कुछ महत्वपूर्ण जनहित मुद्दों को लेकर तर्क-वितर्क हो गई, जिस दौरान कलेक्टर द्वारा मुझे तुम तेज आवाज में बात मत करो तुमको बात करने की तमीज नहीं है क्या, ऐसा बोलना ठीक था कलेक्टर महोदय का इस घटना के बाद से मुझे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक रूप से प्रताड़ित और परेशान किए जाने संबंधित कथनों को लेकर मेरे द्वारा छत्तीसगढ़ के जिला कोरबा प्रेस क्लब अध्यक्ष / सचिव को लिखित पत्र के माध्यम से उक्त घटनाक्रम की सूचना दी गई है, जिस संबंध में मेरे द्वारा आपकी ओर से सद्भावनापूर्वक कार्यवाही के संबंध में पत्र सादर संप्रेषित है।
मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपकी ओर मेरे द्वारा प्रेषित निवेदन पत्र पर सद्भावनापूर्वक विचार करते हुए न्याय की अपेक्षा करता हूँ।
मैं रमेश कुमार राठौर वर्तमान में स्वदेश ज्योति अखबार का ब्यूरो चीफ और संपादक आज का भारत पोर्टल न्यूज चलाता हूँ। मैं लगभग 25-26 वर्षों से निरंतर पत्रकारिता छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कर रहा हूँ। दिनांक 03.05.2025 को कोरबा कलेक्ट्रेट सभा गृह में जिला स्तरीय पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना समिति की ग्राम पंचायत हरदीबाजार से संबधित महत्वपूर्ण बैठक 11.30 बजे से आरंभ किया गया। चूंकि मैं भी ग्राम पंचायत हरदीबाजार का रहने वाला हूँ और मेरा घर एवं मेरी जमीन दीपका मेगा प्रोजेक्ट खदान में अर्जन होना है तो उस बैठक में मैं भी शामिल होने के लिए गया था, जिसकी अध्यक्षता कोरबा कलेक्टर अजीत कुमार वसंत के द्वारा किया जा रहा था। एसईसीएल के द्वारा वीडियो के माध्यम से अपना प्रेजेन्टेशन दिखाया गया इसके बाद ग्रामीणों के द्वारा बारी-बारी से अपनी समस्याएं रखी गई। मेरा बोलने का समय जब आया तो मैं अपनी बातों को सकरारात्मक ढंग से रख रहा था।
उसी समय कलेक्टर साहब ने मुझे टोकते हुए कहा, तुम तेज आवाज में बात मत करो, तुम्हारा बात करने का लहजा ठीक नहीं है। मैंने उनसे निवेदन किया कि महोदय जी मेरी आवाज ऐसी ही है। अगर मैं किसी का सम्मान नहीं कर रहा हूँ या गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहा हूँ, या किसी के ऊपर दोषारोपण कर रहा हूँ या व्यक्तिगत रूप से आरोप / प्रत्यारोप कर रहा हूँ तो मुझे बताइए। इसी बीच थोड़ा हॉट टाक हो गया, उसी को लेकर कलेक्टर द्वारा मेरे घर में सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को भेजा गया था और मेरे घर का पूरा जायजा लिया गया। उनको शिकायत मिली थी कि आपके द्वारा अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है, जांच करने के बाद ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया, अधिकारी संतुष्ट होकर चले गए और इसके कुछ दिनों के बाद नोटिस जारी करने की धमकी दिया गया कि आपके घर में आपके द्वारा अवैध निर्माण कार्य हो रहा है जो कि गलत है, इस संबंध में स्पष्ट करना चाहता हूँ मैंने सालों पहले वाहन खड़ा करने के लिए एक टीने का शेड बनवाया था और एक छोटा सा स्टोर रूम। इसके अलावा कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया। सिंचाई कॉलोनी में लगभग दो ढाई सौ मकान है। हर मकान में रहने वाला व्यक्ति कुछ न कुछ अवैध निर्माण कराकर रह रहे है, लेकिन मुझे ही व्यक्तिगत रूप से टारगेट बनाया जा रहा है। कई लोग तो सिंचाई कॉलोनी के जमीन में बेजा कब्जा कर रह रहे हैं। इस कॉलोनी में रहने वाले किसी भी निवासी को नोटिस जारी नहीं किया गया है, सिर्फ मुझे नोटिस भेजा गया है, जिसे मेरे द्वारा लेने से इंकार कर दिया गया है। आपके विभाग द्वारा मुझे आप पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पत्र व्यवहार करें, तो मैं लूंगा और उस पत्र का जवाब वैधानिक तरीके से मैं आपको प्रमाणिकता के साथ आपके कार्यालय को भेज दूंगा। इससे साफ जाहिर है कि मुझे कलेक्टर एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने की मंशा से यह कार्य कुटिलतापूर्वक किया जा रहा है। इसकी सूचना मैं प्रेस क्लब कोरबा को लिखित रूप से दिया हूँ। अगर मुझसे कोई गलती हुई है तो कलेक्टर साहब मुझे बताएं कि मैंने कौन सा गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है। उस बैठक में एसईसीएल के अधिकारी और हरदीबाजार गांव के लगभग 100 से 150 महिला पुरूष शामिल थे। अगर कलेक्टर महोदय जी को मेरी बात अच्छी नहीं लगी तो मुझे बुलाकर अपने कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से बोल सकते थे कि आपने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। अगर मुझसे गलती हुई होगी तो मैं उनसे माफी भी मांग लेता। लेकिन जिस प्रकार से मुझे व्यक्तिगत रूप से टारगेट बनाकरं मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, यह न्याय उचित नहीं है मैं कोई गलत कार्य नहीं करता। कलेक्टर अजीत वसंत जी द्वारा मेरे घर में सिंचाई कॉलोनी के कर्मचारियों को भेजा गया और पूरे घर का निरीक्षण किया गया मैं घर में सोया हुआ था, मेरी धर्मपत्नि और मेरी बेटी घर में मौजूद थी क्या बात हो गई है। आप लोग घर का निरीक्षण क्यों कर रहे हैं यह सवाल पूछने पर उन्होनें कहा कि आपके पति को इसकी जानकारी दे देगें। जब मैंने सिंचाई विभाग के अधिकारी को शाम 6.30 बजे के लगभग फोन किया तो उस अधिकारी ने कहा की आपका राजस्व अधिकारी से कोई बातचीत हुई है क्या, बार-बार कलेक्टर ऑफिस से फोन आ रहा है। आपके द्वारा अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है, मैंने कहा आप निरीक्षण करने आए थे तो आप खुद देखे होंगे कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने मुझे यहां तक कहा कि तुम जैसे पत्रकारों की हैसियत क्या है। पत्रकार सरकार के बहुप्रतिक्षित योजनाओं को प्रकाशित करने और उस पर हो रहे कार्य की प्रगति को लोगों तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, जिससे आम लोगों को लाभ मिल सकें लेकिन कलेक्टर महोदय जी का पत्रकारों के प्रति ऐसी सोंच रखना उचित नहीं है। इस तरह कलेक्टर महोदय जी द्वारा पत्राकारिता के चौथे स्तम्भ पर टिप्पणी कर आघात पहुंचाया गया है। जो स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिये ठिक नहीं है।
महोदय जी. मैंने अपने गांव में एक इंच जमीन बेजा कब्जा नहीं किया है ना कोई मकान बनाया है, जो भी संपित्त है मेरे पूर्वजों का है उसके अलावा मेरे पास कुछ भी नहीं है। मेरा कोई अवैध रूप से कमाई का जरिया नहीं है और ना ही मेरा कोई बैंक बैलेंस है। मैं अपने परिवार का किसी तरह पालन-पोषण कर रहा हूँ, पत्रकारिता के अलावा मेरा जीविकोपार्जन करने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। मैं रामपुर सिंचाई कॉलोनी एच.बी.डी. एच /2 में निवास करता हूँ, जो मकान मेरे नाम से विभाग द्वारा विधिवत अलॉटमेंट है। इसके बावजूद भी मुझे बार-बार कलेक्टर महोदय जी के दबाव में सिंचाई विभाग द्वारा अवैध निर्माण किए जाने से संबंधित नोटिस मेरे नाम पर भेजकर मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जबकि संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा मौका स्थल का निरीक्षण किया जा चुका है. लेकिन कुछ भी अवैध निर्माण कार्य मेरे द्वारा किया जाना नहीं पाया गया, इसके बावजूद मुझे अनेक तरह से मेरे विरूद्ध षडयंत्र पूर्वक खामी निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे मै काफी पीड़ित और दुखित हूँ, मुझे न्याय दिलाया जावे। कलेक्टर महोदय जी के द्वारा अपने मतहश अधिकारियों कटघोरा एसडीम, तहसीलदार आर आई, पटवारी के द्वारा मेरे गांव हरदी बाजार स्थित मेरे और मेरे परिवार के बारे में 9 से 10 दिनों तक गोपनीय तौर पे जांच टीम गठित कर चल- अचल संपत्ति का जांच कराया गया। जांच कराने के बाद ऐसी कोई भी जानकारी मेरे खिलाफ नहीं मिला। अगर मेरे द्वारा किसी प्रकार का गलत कार्य किया गया होता तो मेरे या मेरे परिवार के खिलाफ अभी तक कलेक्टर महोदय जी के द्वारा कार्यवाही किया जा चुका होता।
*अगर भविष्य में किसी भी प्रकार की मेरे एवं मेरे परिवार के साथ कोई भी घटना दुर्घटना या अप्रिय घटना
घटती है तो उसका जवाबदार जिला प्रशासन एवं कलेक्टर श्री अजीत कुमार वसंत जी होगें :-*
कलेक्टर द्वारा जिला खनिज न्याय मद में गड़बड़ी की गई है वही सीएसआर मद जो पावर प्लांट उद्योग एवं खदानों से राशि जिले की विकास कार्यों के लिए दी जाती है, इसकी जांच अगर सी.बी.आई., प्रवर्तन निर्देशालय जांच करने पर ‘दुध का दूध और पानी का पानी’ सामने आ जायेगी। इससे पहले जिले में ऐसे बड़े-बड़े कई घोटाले कलेक्टरों के द्वारा किया जा चुका है, जिसमें कई कलेक्टर जेल की हवा खा रहे है और कुछ माननीय न्यायालय से जमानत से बाहर है।
*खनिज माफियाओं को कलेक्टर की खुली सहमति :-*
खनिज संसाधनों की खुलेआम चोरी की जा रही है जिसमें मुख्य रूप से रेत है क्योंकि जिले में बड़े-बड़े उद्योग पावर प्लांट कोल माइंस खदान में सबसे ज्यादा रेत की खपत होती है सबसे महत्वपूर्ण बात शासन की जो गाईडलाइन है उसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि पर्यावरण को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान रेत खुदाई में नहीं होना चाहिए या नदी का स्वरूप ना बदल जाए या ना मोड़ा जाए उसके लिए मानव रहित फावड़ा, बेलचा, गैति, तगाड़ी, के माध्यम से 3 मीटर से अधिक की गहराई नहीं कर सकते ट्रैक्टर या ट्रैकों में रेत लोड करना है, जो कि नदी नालों में खुलेआम चैन माउंटिंग मशीन, जेसीबी मशीन, जैसे हैवी और बड़ी-बड़ी मशीनों का खुले आम इस्तेमाल रेत खुदाई एवं भरने में किया जा रहा है। क्योंकि कोरबा जिले का भौगोलिक स्वरुप जंगल, नदी, नाले से भरा पड़ा हुआ है, ऐसे में मशीनों से रेत निकालने का कार्य किया जा रहा है, जो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिसे रोकने में कलेक्टर असफल साबित हो रहे है। 4 या 6 माह 2024-25 का सेटे लाईट विडियो ग्राफी या फोटो ग्राफी निकाल कर स्थान का जहां से नदी से रेत निकल गया उसे आप निकाल कर देख सकते है, सारा माजरा सामने आ जाएगा कि सत्यता क्या है। ठंडी, गर्मी के मौसम में रेत का अवैध उत्खनन जोरों से किया गया है। सी.एस.ई.बी. बी.आई.पी. कॉलोनी में जहां माईनिंग अधिकारी रहते हैं वहां रात्रि 08 बजे से 12 बजे के बीच बड़े-बड़े लक्जरी गाड़ीयों से दलाल और व्यापारी लोग आते है और पूरा सेटिंग वहीं होता है।
राखड़ सप्लाईयारों से सेटिंग माईनिंग विभाग के अधिकारी प्रमोद नायक अपने घर में रात्रि को सेंटिग करते है और सड़क निर्माण में और कहां-कहां राखड़ डम करना है इसकी पूरी जानकारी और रणनीति बनाई जाती है जरूरत पड़ने पर कहीं भी राखड डम्प कर दिया जाता है जहां भी शासकीय भूमि एवं वन भूमि खाली पड़ी हुई है आपको शहर के चारों तरफ नजर आएंगे यह सब सेटिंग से काम चल रहा है। जिसमें लाखों रुपये का लेन-देन का खेल चलता है। तभी तो खुले आम अधिकारियों के द्वारा संरक्षण प्रदान किया जाता है।
कोयला डी.ओ. होल्डर से सेटिंग माईनिंग विभाग के अधिकारी के माध्यम से चलता है और जितने भी सड़क निर्माण कार्य वर्तमान में हो रहे हैं भारतमाला प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे बड़े-बड़े भवनों का निर्माण उसके क्रियलेशन सर्टिफिकेट के लिए जो फाईल आता है उसमें बिना लिए दिए कोई काम नहीं होता है यह सब खेल कलेक्टर के इशारे में माइनिंग विभाग के अधिकारी करते है या उनकी मजबूरी समझें या खानापूर्ति के लिए कलेक्टर के निर्देश माइनिंग विभाग द्वारा बीच-बीच में छुटपुट कार्यवाही की जाती है। जिससे साफ जाहीर है दिखावा के अलावा कुछ भी नही है मीडिया में कवरेज मिल सके जिसे आम जनता को दिगभ्रमित कर सकें और अपनी पीठ थपथपा सकें।
भ्रष्टाचार को रोकने में कोरबा कलेक्टर अजीत कुमार वसंत पूरी तरह से असफल साबित हो रहे हैं कैसे होगा कोरबा का विकास संजय नगर अंडरग्राउंड ब्रिज निर्माण में जितने भी अवैध बेजा कब्जाधारी बसे हुए थे उनको जिला खनिज न्याय मद के माध्यम से मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है जो कि जिला खनिज न्याय मद में ऐसा कोई शासन द्वारा स्पष्ट प्रावधान नहीं है इसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को करने की आवश्यकता है जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आएंगे।
छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी, सुशासन तिहार पूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जा रहा है और गांव-गांव, गली-गली चिलचिलाती धूप में लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या सुन रहे हैं, और पेड़ की नीचे खाट में बैठकर समस्याओं का तत्काल निराकरण कर रहे और मुख्यमंत्री जी बोल रहे है कि जनता ही हमारी सरकार है. जनता ही हमारी ताकत है, जनता है तो हम है, हम जनता की सेवक है, वहीं कोरबा के कलेक्टर अजीत कुमार वसंत जी अपने आप को सरकार समझते है और जनता को नौकर, यह फर्क है मुख्यमंत्री और कलेक्टर में।
देश के माननीय लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अक्सर आमसभा में जनता के बीच बोलते हुए नजर आ जाएंगे की कोई कितना भी पावरफुल हो चाहे वह ब्यूरोक्रेट आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, अधिकारी हो या राजनेता हो मंत्री या फिर बिजनेसमैन हो या कितना भी बड़ा पावरफुल व्यक्ति हो गलत करने वाले को सीबीआई सलाखों के पीछे डालेगी और प्रवर्तन निदेशालय उनकी संपत्ति को अटैक करेगी आपको बता दें कोरबा के कटघोरा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदी बाजार से लगा हुआ गांव मालगांव दीपिका मेगा प्रोजेक्ट खदान से लगा हुआ है जहां पर श्यामू जायसवाल पिता परमात्मा जायसवाल के द्वारा 18 करोड़ की राशि का मुआवजा राशि में भारी मात्रा में गड़बड़ी की गई है, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है उनके घर में सीबीआई का छापा पड़ा था जिसमें राजस्व विभाग दीपिका, कटघोरा, कोरबा, और एसईसीएल दीपिका के अधिकारी मिले हुए हैं। उन्हीं के मिली भगत से 18 करोड़ की राशि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड दीपका को अधिकारी चूना लगाने में लगे हुए है, ऐसे अधिकारी और ऐसे भ्रष्टाचार में लिप्त श्यामू जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और भू-विस्थापितों को उचित न्याय मिल सके। ऐसे जनहित के मुद्दों को उठाने में कोरबा कलेक्टर श्री अजीत कुमार वसंत जी को दिक्कत होती है और आवाज को दबाने का उनके द्वारा हमेशा से प्रयास किया जाता रहा है। सरकार बोलती है कि जीरो टोरलेंस की नीति डबल इंजन की सरकार प्रदेश में अपना रही है, तो कलेक्टर साहब ऐसे भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के ऊपर क्यों महेरबानी दिखा रहे है, कार्यवाही क्यों नहीं करते है।
आपको पता ही होगा कोरबा में कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला बड़े स्तर पर हुआ था। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू, माइनिंग अधिकारी शिव शंकर नाग, सहायक आयुक्त माया वारिया, डी.एम.एफ. विभाग के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर तीन जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुनेश्वर राज, राधेश्याम निर्झा, वीरेंद्र कुमार राठौर जेल की हवा खा रहे हैं।
अतः माननीय महोदय जी से निवेदन है कि मुझे उपरोक्तानुसार न्याय दिलाया जाए।
मैं एवं मेरा पूरा परिवार सदैव आपका आभारी रहेगें।
दिनांक:- 20/9/2025
(रमेश कुमार राठौर)
पत्रकार
ब्यूरो चीफ स्वदेश ज्योति
संपादक-आज का भारत, पोर्टल न्यूज सी.-1, प्रेस काम्पलेक्टस, टी.पी नगर कोरबा मो.नं. 77710 27102
निवास स्थान-रामपुर सिंचाई कालोनी कोरबा, जिला-कोरबा (छ.ग)
कलेक्टर साहब के माध्यम से मुझे 17 सितंबर को नोटिस जारी किया था उसका जवाब मैंने 18 सितंबर को उनको लिखित में दिया था।
श्रीमान् कलेक्टर महोदय
कोरबा, जिला कोरबा (छ.ग.)
विषय
जल संसाधन विभाग के सरकारी आवास में अवैध निर्माण कार्य कराये जाने के संबंध में।
संदर्भ
अनुविभागीय अधिकारी, हसदेव बरॉज जल प्रबंध उपसंभाग दर्री ज्ञापन क. 749/ राजस्व/अ. कार्य दर्री / कोरबा दिनांक 17.01.2025
महोदय,
उपरोक्त विषयांतर्गत संदर्भित पत्र के माध्यम से आपके विभाग के द्वारा मेरे आवास क. एच.बी.डी. 02 में मेरे द्वारा अवैध निर्माण को हटाने की बात कहीं गई है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने अपने उक्त आवस में वाहन खड़ी करने के लिए एक सेड़ और मकान के पीछे एक छोटा सा स्टोर रूम का निर्माण वर्षों पूर्व कराया था उक्त निर्माण के लिए मैंने तत्कालीन कार्यपालन अभियंता श्रीमान राजेश धवनकर से मौखिक अनुमति लिया था एवं उनके कहे अनुसार ही निर्माण कार्य कराया था।
महोदय इस संबंध में आपको इस बात की जानकारी भी होगी की सिंचाई कॉलोनी रामपुर / कोरबा में लगभग 200-250 मकान है जिसमें से सभी 90 प्रतिशत मकान में इस तरह के निर्माण कार्य हुए है। इसके अतिरिक्त सिंचाई विभाग के 65 एकड़ के जमीन में अवैध कॉलोनी / मकान / दुकान एवं अन्य निर्माण कार्य हुए हैं। सभी पर जांच टीम का गठन कर कार्यवाही होनी चाहिए। आपके विभाग द्वारा मेरे अलावा और कितनों को नोटिस जारी किया गया है और कितने मकान के निर्माण कार्य को हटाया जायेगा। अगर मेरे निर्माण कार्य को हटाना है तो नियमतः पूरे कॉलोनी में बने सभी अवैध निर्माण को हटाने हेतु विधिवत तरीके से कार्यवाही की जाये जिसमें मुझे कोई अपत्ति नही होगी।
मुझे बार-बार आपके विभाग के द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है। इसका कारण 03.05.2025 को कोरबा कलेक्टर सभागृह में खदान दीपका क्षेत्र ग्राम पंचाय हरदीबाजार क्षेत्र का जिला पुनर्वास समिति की बैठक में मेरे द्वारा जनहित के मुद्दे उठाने पर कलेक्टर साहब के द्वारा तर्क वितर्क हो गया था। इसके बाद से आपके विभाग द्वारा मुझे बार-बार अवैध निर्माण को लेकर नोटिस दिया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि आपके द्वारा उक्त पत्राचार कलेक्टर साहब के दिशा-निर्देश पर किया जा रहा है और मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। अगर 19. 09.2005 को मेरे आवास को किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही होती है तो मैं छ.ग. मुख्यमंत्री निवास रायपुर में धरना दूंगा साथ ही रायपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बातों को विस्तार से रखूंगा जिससे मुझे न्याय मिल सकें। जिसके लिए कोरबा जिला प्रशासन कलेक्टर अजीत कुमार बसंत जवाबदार होगे एवं आपका विभाग जवाबदार होगा। अगर कार्यवाही करना है तो सभी अवैध निर्माण में कार्यवाही की जाए व्यक्ति का चेहरा देखकर कार्यवाही करना उचित नहीं है। अन्यथा माननीय न्यायालय के समक्ष जाने को मजबूर होना पड़ेगा सारे विषय को लेकर।
इस भारत देश में हर व्यक्ति को भारत के संविधान ने पूरा बराबर का अधिकार दिया है। चाहे देश के बड़े पदों में बैठे माननीय न्यायाधीश हो, राष्ट्रपति हो, प्रधानमंत्री हो, मुख्यमंत्री हो, राज्यपाल हो, या राजनेता, मंत्री, आई.ई.एस., आई.पी.एस. उतना ही अधिकार एक भारत का आम नागरिक को है अपनी बातों को रखने के लिए बोलने के लिए लिखने, पढ़ने के लिए हर देशवाशी स्वतंत्र है। कलेक्टर साहब द्वारा मेरा गांव हरदीबाजार में मेरा चल व अचल संपत्ति सहित सभी प्रकार का जांच अपने मतहस अधिकारियों से करवा चुके हैं उनको जांच करने के बाद कुछ नहीं मिला इसके बाद शासकीय भवन में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया गया जो निर्माण किया गया है वह उस आवास कैंपस के अंदर है इसमें किसी भी व्यक्त्ति को कोई तकलीफ नहीं है। सारे शासकीय आवास में वाहन खड़ा करने के लिए टिन शेड का निर्माण कराया गया है और जरूरत पड़ने पर स्टोर रूम का निर्माण कराया जाता है। सभी शासकीय आवास को आपदेख सकते हैं। अगर मैं गलत हूं तो जितने लोगों के द्वारा अवैध निर्माण कराया गया है वह सभी गलत है कार्यवाही सभी के खिलाफ विधिवत तरीके से होना चाहिए।
धन्यवाद
दिनांक
18.09.2025
भवदीय
रमेश कुमार राठौर
पत्रकार
संपादक आज का भारत पोर्टल न्यूज सिंचाई कॉलोनी रामपुर, क्वा.नं. एच.बी.डी. एच/2
जिला कोरबा
मो. 7771027102
महोदय जी कल दिनांक 19.09.2025 को मेरे घर के मेन गेट मे और स्टोर रूम में ताला लगा था, को तोड़कर मेरे मकान में बने स्टोर रूम को पूरी तरीके से तोड़कर स्टोर रूम में रखे बेसकिमती समान मेरे और मेरे बच्चों का जरूरी कागजात (बच्चों के प्रमाणपत्र), 4500/-रुपय नगद, दो नग चांदी के अंगुठी और एक नग सोने का अंगुन जब्ती कर लिया गया है।
यह बर्बरता पूर्वक अन्याय जो पत्रकारों के साथ किया जा रहा है, वह स्वस्थ्य समाज के लिए ठिक नहीं है। इससे शासन-प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। कृपया दोषी अधिकारी के ऊपर कार्यवाई कर मुझे न्याय दिलाने की कृपा करें।
20/9/2025 यह पत्र माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी को उनके निवास में दिया गया है साथी विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी को भी यह पत्र उनके निवास में दिया गया है और साथ ही उनके द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आपको न्याय जरूर मिलेगा इस विषय को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई के लिए उन्होंने बात कही है धन्यवाद