*पीडब्ल्यूडी विभाग में चल रहा खुल्लम-खुल्ला भ्रष्टाचार प्रदेश के मुखिया को अंकुश लगाने की जरूरत *
पीडब्ल्यूडी विभाग में चल रहा है भरा साही मुख्य अभियंता एवं प्रमुख अभियंता के जानकारी होने के बावजूद भी ठेकेदार के ऊपर मेहरबानी क्यों
पूरा मामला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत 120 करोड़ रुपए का नया जिला जेल का निर्माण होना है जिसके लिए शासन स्तर पर 120 करोड़ रुपए राशि पीडब्ल्यूडी विभाग को एजेंसी के रूप में दी गई है वही ठेकेदार लोक निर्माण विभाग में जाली प्रमाणपत्र के दम में चल रहा है भ्रष्टाचार का बड़ा खेल जिसका खुलासा होने पर ठेकेदार सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों का पोल खुल जाएगा अगर राज्य शासन स्तर पर जांच होती है तो विगत 2 माह पूर्व जिला जेल के निर्माण के लिए शासन स्तर पर 2 करोड रुपए का राशि का निविदा बुलाई गई थी जिसमें दो ठेकेदार भगवती कंस्ट्रक्शन एवं मोहन पोद्दार का निविदा खोला गया था जिसमें भगवती कंस्ट्रक्शन बिलासपुर निवीतम दर पाया गया जोकि भगवती कंस्ट्रक्शन लोक निर्माण के बड़े अधिकारियों के पार्टनरशिप इस फार्म मे है जोकि गलत प्रमाण पत्र लगाकर निविदा ली गई है ऐसा सूत्र बताते हैं इस सभी मामले को लेकर पहले भी पीडब्ल्यूडी विभाग के वरिष्ठ अधिकारि कमलेश पिपरी प्रमुख अभियंता पीडब्ल्यूडी विभाग रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के पास लिखित शिकायत दिया गया था मगर उसे अनदेखा कर भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम देने की प्रक्रिया की जा रही है जो कि शासन के नियम कानून के अनुरूप नहीं है शासन स्तर जो गाइडलाइन बनाया है वह गाइडलाइन सभी ठेकेदारों के ऊपर लागू होता है अपने चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के लिए किसी प्रकार की कोई कार्रवाई विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं बल्कि उस ठेकेदार की पूरी मदद कर रहे हैं ठेकेदार के द्वारा पूर्व में श्रमोदय आवासीय विद्यालय जबलपुर मंगेली का सर्टिफिकेट भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा जो लगाया गया है उसका विभाग को इंटरनल रूप से जांच कराने की आवश्यकता थी जिससे पूरी सच्चाई सामने आ जाए मगर ऐसा नहीं हो रहा है और आप जब सर्टिफिकेट को पढ़ेंगे और देखेगे तो साफ जाहिर होता है कि यह सर्टिफिकेट में कुछ गंभीर गढ़बढ़िया है इस गंभीर गड़बड़ी की जांच होने तक शासन स्तर पर भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ अनुबंध न कराया जाए आपको बता दें भगवती कंस्ट्रक्शन द्वारा 6% बिलों में काम को लिया गया है वही मोहन पोद्दार द्वारा दो पर्सेंट एवब में लिया गया था लेकिन 6 परसेंट बिलो वाले ठेकेदार को अधिकारियों द्वारा काम दिया जा रहा है जिससे लगता है कि पूरा सेटिंग के माध्यम से पूरे कार्य को अंजाम बखूबी तरीके से दिया जा रहा है।
1 इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख अभियंता छत्तीसगढ़ शासन कमलेश पिपरी से फोन में बात करने पर उन्होंने कहा कि हम दस्तावेज मंगा लिए हैं पूरा जांच करने के बाद ही ठेकेदार भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी को काम आवंटन की प्रक्रिया की जाएगी अगर दस्तावेज में कोई गड़बड़ी होगी तो कार्रवाई की जाएगी कार्य आवंटन नहीं किया जाएगा।
2 वही बिलासपुर संभाग पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर विजय कोराम से बात करने पर उन्होंने कहा भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी के संबंध में हमारे प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग रायपुर छत्तीसगढ़ शासन कमलेश पिपरी सर ही कार्रवाई कर सकते हैं इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं आप कमलेश पिपरी सर से बात करिए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए यहां पर सवाल यह उठता है अगर चीफ इंजीनियर बिलासपुर संभाग के विजय कोराम के माध्यम से ही प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग रायपुर छत्तीसगढ़ कमलेश पिपरी के पास दस्तावेज बिलासपुर से ही भेजा गया होगा और ठेकेदार को बचाने के लिए अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं जो कि सरकार को गलत तरीके से गुमराह करते हुए टेंडर आवंटन कर अपने चाहते ठेकेदार को काम देने में बहुत बड़ी भूमिका है सूत्र तो यह भी बताते हैं इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के बड़े अधिकारियों द्वारा पैसा लगाया जा रहा है उन्हीं का पैसा ठेकेदार इस निर्माण कार्य में लगाएगा अगर राज्य शासन स्तर पर निष्पक्ष रूप से जांच होती है तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा कि गड़बड़ी आखिर कौन कर रहा है इस संबंध को लेकर राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के मुख्य सचिव कोमल परदेसी से फोन में बात करनी के लिए संपर्क किया गया मगर फोन नहीं लग पाया हम प्रयास करेंगे कि कोमल परदेसी से इस सभी मामले की निष्पक्ष रूप से जांच करने के संबंध में बात जरूर करेंगे धन्यवाद