*जिला दण्डाधिकारी श्री संजीव झा ने 18 मामलों के कुसमुंडा निवासी आरोपी राजेंद्रपुरी को किया जिला बदर*
*जिला दण्डाधिकारी श्री झा ने 18 मामलों के आरोपी राजेंद्रपुरी को किया जिला बदर*
*आरोपी एक साल तक नहीं कर सकेगा कोरबा सहित सीमावर्ती जिलों में प्रवेश*
*आमजनों की परेशानियों और सुरक्षा को देखते हुए की गई कार्रवाई*
कोरबा 16 फरवरी 2023/जिला दण्डाधिकारी श्री संजीव झा ने जिले के आदतन अपराधी राजेंद्रपुरी को एक साल के लिए जिला बदर कर दिया है। शांति नगर कुसमुण्डा निवासी 43 वर्षीय राजेंद्रपुरी पिता लखेश्वरपुरी गोस्वामी के विरूद्ध थाने में अपराध के 18 मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं। आरोपी सन् 1995 से लगातार घर में घुसकर मारपीट, गाली गलौच, जान से मारने की धमकी, तोड़फोड़, प्रतिबंधित हथियार लेकर घुमने जैसी कई अपराधिक गतिविधियां करते आ रहा है। राजेंद्रपुरी के खिलाफ थानों में भारतीय दण्ड विधान की धारा 452, 427, 34, 341, 294, 506 बी, 323, 324, आम्र्स एक्ट धारा 25,26, आबकारी एक्ट धारा 34 एवं जुआ एक्ट धारा 13 अंतर्गत 18 अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया जा चुका है। आरोपी के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के तहत 107, 116 (3), 41(2), 110, 151, 117 के 15 प्रकरण भी दर्ज हैं। आरोपी के विरूद्ध जिला बदर की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक कोरबा के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी श्री संजीव झा ने आदेश भी जारी कर दिए है। अगले 24 घंटों में आरोपी राजेंद्रपुरी को कोरबा जिले और सीमावर्ती जिलों जांजगीर चांपा, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती, बिलासपुर, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सूरजपुर जिले की सीमाओं से बाहर जाने का आदेश जारी किया गया है। राजेंद्रपुरी को जिला दण्डाधिकारी न्यायालय कोरबा की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना इन जिलो की सीमाओं में अगले एक वर्ष की अवधि तक प्रवेश नहीं करने का भी आदेश दिया गया है।
राजेंद्रपुरी की अपराधिक प्रवृत्ति से आमजनों में भय का माहौल व्याप्त है। उसके खिलाफ 18 अपराधिक मामलों और 15 प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयों के बाद भी अपराधिक प्रवृत्तियों पर रोक नहीं लग पा रही है। आम जनता आरोपी के विरूद्ध छोटी-मोटी घटनाओं में पुलिस रिपोर्ट करने में भी असुरक्षित महसूस करती है। आरोपी के इस क्षेत्र में रहने से भविष्य में भी उसके अपराधों में संलग्न रहने और अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों को अंजाम देने की भी संभावना है। आरोपी की लगातार अपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहने की प्रवृत्ति से आम जनता में भय का माहौल है और जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए राजेंद्रपुरी को छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3 एवं 5 के प्रावधानों के तहत जिला बदर किया गया है।