फिर गई चीतल की जान
कोरबा। जिले के कोरबा एवं कटघोरा वनमंडल में बड़े पैमाने पर वन्य प्राणियों का बसेरा है। कटघोरा वनमंडल के पाली रेंज में सबसे अधिक बारहसिंघा जैसे वन प्राणी पाए जाते हैं। गर्मी के दिनों में वह पानी की तलाश में रिहायशी क्षेत्र में आते हैं। फिर या तो इन्हें कुत्ते नोच कर खा जाते हैं या फिर किसी हादसे के शिकार हो जाते हैं।
नया मामला पाली वनपरिक्षेत्र में सामने आया है जहां ग्राम हथखोजा तालाब के समीप एक चीतल की मौत हुई है। वन विभाग की ओर से वन्य प्राणियों को बचाने के लिए ठोस पहल नहीं की जा रही है, जिसके चलते हर साल वन्य प्राणियों के लगातार मौत हो रही है। वन विभाग के अधिकारी संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर नजर आ रहा है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में लेकर वन्य प्राणियों की जान बचाने के लिए सफल ठोस पहल करनी चाहिए न कि वन्य प्राणियों जान बचाने के नाम पर करोड़ों रुपये का वारा न्यारा करना चाहिए। मृत चीतल का अंतिम संस्कार वन विभाग द्वारा किया गया।