*ऊर्जाधानी संगठन के दूसरे चरण के आंदोलन में भूविस्थापितों ने दिखाई ताकत दीपिका खदान को रखा बंद*
*दीपका खदान दिनभर रहा ठप्प -एक धेला खुदायी न एक धेला परिवहन हो पाया*
*ऊर्जाधानी संगठन के दूसरे चरण के आंदोलन में भूविस्थापितों ने दिखाई ताकत*
*दीपका//कोरबा*
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने भूविस्थापित किसानों की रोजगार मुआवजा बसाहट और अन्य समस्याओं को लेकर 11 सूत्रीय मांगों पर दूसरे चरण के आंदोलन में आज दीपका खदान में सुबह 5 बजे से ही उत्पादन और परिवहन ठप्प करते हुए शाम 4 बजे के बाद आंदोलन को समाप्त किया गया ।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के तहत आज दीपका खदान में उत्पादन और परिवहन कार्य पूरे दिनभर पूरी तरह से बन्द करा दिया गया । इससे पहले विगत 25 मार्च को गेवरा खदान में सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक एसईसीएल गेवरा खदान को पूर्ण रूप से करीब 11 घंटे बंद कर के आंदोलन किया गया था किंतु अभी तक प्रबन्धन की ओर से किसी तरह का पहल नही किया गया जिससे आक्रोश और बढ़ता जा रहा है ।
ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि 11 सूत्रीय मांगों पर एसईसीएल गेवरा खदान को करीब 11 घंटे बंद कर प्रबंधन को चेताया गया था कि एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय सीएमडी और बोर्ड मेंबरों के साथ बैठक की पहल होनी चाहिए लेकिन इस पर अभी तक एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही कर बैठक की पहल नहीं किया गया है जिसके कारण मजबूरनवंश दूसरे चरण के आंदोलन की ओर जाने को बाध्य होना पड़ा और आज 5 अप्रैल 2023 दिन बुधवार को एसईसीएल की दीपका कोल माइंस को पूर्ण रूप से बंद करा दिया गया । उन्होंने बताया कि 5 चरणों मे आंदोलन की चेतावनी दी गयी है इसके बाद कुसमुंडा क्षेत्र में 16 अप्रैल को सम्पूर्ण खदान को बन्द किया जाएगा जिसमे जिले के सभी कोयला खदान प्रभावित भूविस्थापित हजारों की संख्या में शामिल होंगे ।
समर्थन दे रहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक ने भूविस्थापितों के समर्थन में दिन भर डटे रहे ।