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डॉ. अंबेडकर लोकप्रिय विधिवेत्ता और समाज सुधारक थे : राजकिशोर

0 कांग्रेस कार्यालय में मनाई गई जयंती
कोरबा। डॉ. भीमराव राम अंबेडकर बाबा साहेब लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उन्होंने दलित एवं बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के खिलाफ सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री एवं भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। उक्त कथन महापौर राजकिशोर प्रसाद ने डॉ. अंबेडकर की 132वीं जयंती अवसर पर जिला कांग्रेस कार्यालय टीपी नगर कोरबा में आयोजित कार्यक्रम में उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कही।
सभापति श्याम सुंदर सोनी ने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारंभिक कैरियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, मरणोपरांत उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन सामाजिक चिंतन पर आधारित था। सामाजिक समानता, मौलिक अधिकार, मानवीय न्याय, समाजवाद तथा देश की एकता के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र होते ही पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी सरकार में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री का पद संभाला था। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर पूरी शक्ति से जीवन भर सामाजिक उत्थान व विकास के लिए कार्य करते रहे। ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर ने कहा कि वे हर समाज के प्रेरक थे। उनका दर्शन सामाजिक चिंतन पर ही आधारित था। सामाजिक समानता, मौलिक अधिकार, मानवीय न्याय, समाजवाद तथा देश की एकता के लिए संघर्ष के पथ में उन्होने अपने प्राणों की आहूति भी दी। महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम द्विवेदी ने कहा कि सच्चे अर्थों में डॉ. अंबेडकर एक महामानव, सच्चे देश भक्त और महान मानवतावादी थे। सेवादल प्रमुख प्रदीप पुरायणे, कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नारायण कुर्रे, पार्षद राजेन्द्र सूर्यवंशी, पूर्व पार्षद रामगोपाल कुर्रे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि डॉ. साहब जहां भी सम्मेलनों व सभाओं को सम्बोधित करते जय भीम के ऊंचे नारों से गगन (आसमान) गूंज उठा था।

जिला कांग्रेस कार्यालय के बाद ओपन थियेटर पहुंचकर वहां स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया और जय भीम के नारे लगाये गये। इन दोनों मौके पर अवधेश सिंह, लक्ष्मीनारायण देवांगन, अनुज प्रसाद जायसवाल, अमरूदास महंत, रामगोपाल यादव, रेखा त्रिपाठी, गीता महंत, क्रांति सोनी, कु. शांता मंडावे, नफीसा हुसैन, रवि खुंटे, रूपा मिश्रा, भुनेश्वर राज, बच्चु मखवानी, संजू अग्रवाल, भुनेश्वर दुबे, लखनलाल सहीस, अभिनव तिवारी, विजय धीवर, के.एल. मिश्रा, सुनील कुमार, निजामुद्दीन, बन्नी पाहुजा, राजेश यादव, हाजी इकबाल दयाला, चन्द्र कुमार निर्णेजक, अश्वनी पटेल, रुकमणी श्याम, श्याम कुमार, राम कुमार चन्द्रा, किशन सागर, फिरोज अनंत, मुस्लिम खान, जागेन्द्र पुरी गोस्वामी आदि उपस्थित थे।