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*भारत सरकार के वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल ने किया एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा ओपन परियोजना कोयला खदान क्षेत्र का निरीक्षण गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, खदानों का भी किया गया निरीक्षण देखकर हुए अभिभूत*

*भारत सरकार के वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल ने किया एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा ओपन परियोजना कोयला खदान क्षेत्र का निरीक्षण गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, खदानों का भी किया गया निरीक्षण *
*गेवरा दीपका*

0एस ई सीएल गेवरा क्षेत्र के गेवरा हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल ने कहा कि वह फॉरेस्ट लैंड पर मीनिंग एक्टिविटी की ग्राउंड रिपोर्ट को देखने के लिए यहां आए हुए हैं उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में अधिकांश माइनिंग  वन भूमि में संचालित होती है

0कोरबा जिले में एसईसीएल की खदानों का भविष्य क्या होगा,यहां की खदानों की उम्र कितनी होगी और भविष्य में खदानो का विस्तार कितना होगा इन्हीं कुछ विषयों पर विस्तार से जानकारी लेने और खदानों के लिए भू-अधिग्रहण के विषय पर विभागीय अधिकारियों से चर्चा करने की मंशा से वन महानिदेशक चंद्रप्रकाश गोयल और कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद कोरबा के गेवरा क्षेत्र में पहुंचे। दुनिया की सबसे बड़ी गेवरा खदान का निरिक्षण करने से पहले उन्होंने गेवरा जीएम कार्यालय में कुछ देर स्थानीय अधिकारियों से वार्तालाप किया जिसके बाद उन्होंने स्थानीय मीडिया से चर्चा की। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया,कि एसईसीएल कोल इंडिया की एक अनुषांगिक कंपनी है जिसकी कई खदान वन क्षेत्र में संचालित हो रही है। वहीं भविष्य में कई खदानों का विस्तारीकरण भी किया जाना है जिसकी कुछ जद में वन क्षेत्र में आ रही है। पर्यावरणीय स्वीकृति,बसाहट व मुआवजा राशि नौकरी में अंतर विवाद के कारण जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लटकी हुई है। जिसका पटाक्षेप करना उनकी प्राथमिकताओं में प्रमुखता से शामिल है।

0वन महानिदेशक के कोरबा दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके दौरे से कई परियोजनाओं के लिए लंबित जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जिनमें गेवरा,कुसमुंडा और दीपका परियोजनाएं शामिल है। बहराहल उनके द्वारा खदान का निरीक्षण किया जा रहा है जिसके बाद ही पता चल पाएगा,कि उनके दौरे के क्या परिणाम निकलकर सामने आते हैं।
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* ओपन परियोजना खदान क्षेत्र एवं आसपास के इलाकों मैं होने वाली वनों की कटाई का आंकड़ा राज्य सरकार के अधिकारियों के पास है जिसे हम नजर बनाए हुए हैं पूरी जानकारी लेने के लिए*

वन महानिदेशक चंद्र प्रकाश गोयल ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि औद्योगिक करण का विकास होने से औद्योगिक क्षेत्र में जो वन भूमि में वनों की कटाई होती है उसका आंकड़ा और आसपास के रिहासी इलाकों में बसने वाले आम नागरिकों की आबादी और उस आबादी से जो जंगल की कटाई होती है इन सब का आंकड़ा राज्य सरकार के फॉरेस्ट विभाग के पास सारे आंकड़े मौजूद रहते हैं उनका दायित्व होता है दस्त भेजो कुछ संभाल कर रखना और उसमें सभी बातों को उल्लेख करना जिससे भविष्य में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जिसमें वन की कटाई का कोई आंकड़ा ना हो।