*नगर पालिका निगम द्वारा शहर के सड़कों को लीपा पोती कर ढकने का प्रयास किया जा रहा है 6mm गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है 25 एम एम का माल डालना है 20 एम एम का डाला जा रहा है ऊपर का सरफेस जो जितना होना चाहिए उतना नहीं है विश्वास सूत्रों से पता चला है कि कटघोरा से जो डामर की गाड़ी डामर प्लांट से निकल रही है उस समय पानी बहुत गिर रहा था गिरते पानी में माल भीगते हुए कोरबा आया है कटघोरा डामर प्लांट से कोरबा पहुंचने तक का पूरा माल का टेंपरेचर 120 डिग्री होना चाहिए था वह टेंपरेचर माल बिछाते समय मात्र 70, 80 के लगभग है ऐसा सूत्र बता रहे हैं जिससे डांगरीकरण होने के बाद पानी गिरने के बाद पानी उसके अंदर घुसकर फिर से वही हाल होगा जो पहले हो चुका है इसके बावजूद भी नगर पालिका निगम के अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं और गुणवत्ताहीन कार्य करने में लगे हैं लीपापोती करने में लगे हैं डब्ल्यू बीएम और बी सी 20 एम एस 6 एम एम जीरा गिट्टी एवं डस्ट मिलाया जाता है जिससे आपस में मजबूती पकड़ बना रहे जो नजर नहीं आ रही है एम एम 4:30 परसेंट डाला जा रहा है इसे ध्यान देने की आवश्यकता है शासन प्रशासन का पैसे का दुरुपयोग दोबारा ना हो सके और गुणवत्ताहीन कार्य न हो जिससे आम नागरिकों को आने-जाने में सड़क में कोई असुविधा या दिक्कत ना हो सके जिस समय डामर प्लांट से डामर लेकर ट्रक निकलती है क्या उसे समय वहां पर नगर पालिका निगम के इंजीनियर टेंपरेचर नापते हैं और जब डामर की गाड़ी निर्माण धीन सड़क में पहुंचती है उसे समय क्या उसका टेंपरेचर नाप कर माल को डंप किया जाता है यह बड़ा सुलगता हुआ सवाल है और इसी के कारण सड़क का गुणवत्ता को लेकर हमेशा से सवाल उठता रहा है*
नगर पालिका निगम द्वारा शहर के सड़कों को लीपा पोती कर ढकने का प्रयास किया जा रहा है 6mm गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है
25 एम एम का माल डालना है 20 एम एम का डाला जा रहा है
ऊपर का सरफेस जो जितना होना चाहिए उतना नहीं है
विश्वास सूत्रों से पता चला है कि कटघोरा से जो डामर की गाड़ी डामर प्लांट से निकल रही है उस समय पानी बहुत गिर रहा था गिरते पानी में माल भीगते हुए कोरबा आया है कटघोरा डामर प्लांट से कोरबा पहुंचने तक का पूरा माल का टेंपरेचर 120 डिग्री होना चाहिए था वह टेंपरेचर माल बिछाते समय मात्र 70, 80 के लगभग है ऐसा सूत्र बता रहे हैं जिससे डांगरीकरण होने के बाद पानी गिरने के बाद पानी उसके अंदर घुसकर फिर से वही हाल होगा जो पहले हो चुका है इसके बावजूद भी नगर पालिका निगम के अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं और गुणवत्ताहीन कार्य करने में लगे हैं लीपापोती करने में लगे हैं
डब्ल्यू बीएम और बी सी
20 एम एस 6 एम एम जीरा गिट्टी एवं डस्ट मिलाया जाता है जिससे आपस में मजबूती पकड़ बना रहे जो नजर नहीं आ रही है
एम एम 4:30 परसेंट डाला जा रहा है इसे ध्यान देने की आवश्यकता है शासन प्रशासन का पैसे का दुरुपयोग दोबारा ना हो सके और गुणवत्ताहीन कार्य न हो जिससे आम नागरिकों को आने-जाने में सड़क में कोई असुविधा या दिक्कत ना हो सके जिस समय डामर प्लांट से डामर लेकर ट्रक निकलती है क्या उसे समय वहां पर नगर पालिका निगम के इंजीनियर टेंपरेचर नापते हैं और जब डामर की गाड़ी निर्माण दिन सड़क में पहुंचती है उसे समय क्या उसका टेंपरेचर नाप कर माल को दम किया जाता है यह बड़ा सुलगता हुआ सवाल है और इसी के कारण सड़क का गुणवत्ता को लेकर हमेशा से सवाल उठता है
कोरबा शहर का सड़क गड्डे में हुआ तबदिल शासन प्रशासन नेता मंत्री, सांसद, विधायक,बने मूकदर्शक इतनी दुर्दशा 25 साल की पत्रकारिता में मैं नहीं देखा है जो वर्तमान में कोरबा शहर का सड़क का हालत देखने को मिल रहा है यह काफी चिंतनीय विषय है
आपको बता दें चुनाव के पहले 2023 में अभिनव कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था जो पहली बारिश में सड़क से डामर निकल विटामिन, जीरा गिट्टी भी सड़क से बाहर निकल गए और वर्षा ऋतु में बहकर बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील होने लगे कोरबा शहर को ऊर्जा नगरी कहा जाता है करोड़ अरबो रुपए की रॉयल्टी केंद्र और राज्य सरकार को यहां से जाती है और करोड़ों रुपए की राशि जिला खनिज नए मद, सीएसआर मद, केंद्र सरकार से और उद्योग से जिले के विकास के लिए मिलता है उसके बावजूद भी सड़क की यह दुर्दशा बताती है कि कोरबा के नेताओं की सोच आम नागरिकों के लिए कैसी है किसी भी शहर को सड़कों से पहचाना जाता है कोरबा में यह परंपरा कुछ वर्षों से ही नजर आ रहा है। और सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई है
कोरबा जिला बनने से पहले जब सडा हुआ करता था तब रिकंडो ने कोरबा शहर का पूरा सड़क का निर्माण कार्य किया गया था जो वर्षों तक सड़क की क्वालिटी, और क्वांटिटी काफी अच्छा और मजबूत होने के कारण चला जिसकी गुणवत्ता को कोरबा जिले के हर व्यक्ति ने देखा है।
सड़क के मुख्य मार्ग की दुर्दशा
नगर पालिका निगम,
कलेक्टर ऑफिस, कोसाबाडी चौक, सुभाष चौक, निहरका टॉकीज, घंटाघर चौक, बुधवारी चौक, जैन चौक, रेलवे क्रॉसिंग, सीएसईबी चौकी, से होते हुए टीपी नगर चौक से सोनालियापुल, बुधवारी बाजार जैन चौक से वीआईपी रोड, सरस्वती शिशु मंदिर से इंदिरा चौक से आईटीआई चौक, नगर पालिका निगम, के सामने से एसपी ऑफिस के बाजू से होते हुए रामपुर, एसडीएम ऑफिस, पुराना कलेक्ट ऑफिस, शहर का पूरा मुख्य मार्ग से डामर और गिट्टी उखाड़ के सड़क से बाहर निकलने लगे हैं आए दिन इस वजह से दो पहिया और चार पहिया वाहनों का एक्सीडेंट होना आम हो गया है। और सड़क से निकलने वाली धूल डस्ट से आम लोग का जीना दूभर हो गया है स्वास्थ्य संबंधित और दमा संबंधित आंखों में प्रॉब्लम होना विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं।
शहर में अलग-अलग नगर पालिका निगम की जोन के अंतर्गत यह सड़क आते है जिस समय निर्माण कार्य हो रहा था उस समय के कार्यपालन अभियंता, एसडीओ, सब इंजीनियर, क्या कर रहे थे गुणवत्ता को ध्यान में अगर रख के निर्माण कार्य कराया जाता तो यह दुर्दशा आज देखने को नहीं मिलती सिर्फ कमीशन खाने के लिए बड़े-बड़े पदों में बैठे हुए हैं और शासन प्रशासन का करोड़ों रुपए बर्बाद नहीं होता इन अधिकारियों के खिलाफ पैसे के रिकवरी इनके पेमेंट से करना चाहिए और भ्रष्टाचार का मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एसीबी) में मामला दर्ज होना चाहिए इन अधिकारियों की चल अचल संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए जिसमें भविष्य में ऐसा भ्रष्टाचार करने में अंकुश लगाया जा सके इसकी पुर्नवृत्ति ना हो धन्यवाद