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*मीडिया की भूमिका मार्गदर्शक की तरह: आईपीएस राजेश कुकरेजा,प्रेस से मिला कार्यक्रम में शामिल हुए प्रभारी एसपी*

कोरबा। जिले के प्रभारी पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा आज कोरबा प्रेस क्लब के तिलक भवन में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से सीधे रूबरू हुए, जहां उन्होंने मीडिया की भूमिका को मार्गदर्शन की तरह बताते हुए कहा कि पत्रकार बहुत से मुद्दे को लिखते हैं जिसमें समाज की ऐसी समस्या भी होती है जो पुलिस विभाग से जुड़ी होती है, ऐसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पुलिस जरूरी कार्यवाही करती है जिससे मुद्दे गंभीर होने से पहले हल हो जाते हैं। कोरबा में 15 दिनों के दौरान मीडिया की भूमिका मैंने करीब से देखा, इस दौरान हर दिन अखबार व न्यूज़ चैनलों सोशल मडिया के  खबरों में जनता की आवाज नजर आई। मुझे नवरात्रि पर्व के दौरान कोरबा का प्रभार मिला इस दौरान इस दौरान में हर जगह मेला-गरबा का आयोजन हो रहा था। मैं मां दुर्गा पूजा पंडाल, मां सर्वमंगल, चैतुरगढ़ मां महिषासुर मर्दिनी दर्शन करने का अवसर मिला इन सभी दर्शनीय स्थल में  पहुंचा और लोगों से मुलाकात की। इस दौरान आम लोगों की सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैद दिखे।जिससे पूरे सीजन में किसी तरह की कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई। शहर में भी यातायात व्यवस्था सुगम बना रहा, इसके लिए अधिकारी कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं जिन्होंने सुबह से देर रात तक मुस्तैदी से ड्यूटी की। सोनालिया चौक शहर का व्यस्ततम मार्ग में से एक है जिसे सुचारू रूप से यातायातविभाग द्वारा कार्य किया गया।

कार्यक्रम के दौरान प्रेस क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने आईपीएस आईपीएस राजेश कुकरेजा का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा श्री कुकरेजा का स्मृति चिन्ह भेंट करके उनका सम्मान किया। इस दौरान नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का, नगर कोतवाल एम.बी. पटेल, यातायात एएसआई मनोज राठौर, एएसआई अजय सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

*ऐसा लगा जैसे त्यौहार में घूमने कोरबा पहुंचा*

आईपीएस राजेश कुकरेजा दो दशक पहले कोरबा सीएसपी के पद पर पदस्थ थे। प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान उन्होंने तब का अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोरबा के पत्रकार मेरे परिवार के सदस्य की तरह हैं। कोरबा बिल्कुल अपना जैसा लगता है। त्योहारी सीजन में जब आया तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसा कोई त्यौहार के समय बाहर से घर आता है वैसा ही मैं  आया हूं, यह बड़ा ही सुखद अनुभव रहा।