*पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हरदी बाजार दौरे से पहले शासन-प्रशासन और दीपका प्रबंधन में मची खलबली*
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दौरे से पहले शासन प्रशासन और दीपका प्रबंधन में मची खलबली
कोरबा 26 सितंबर को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कोरबा-पश्चिम क्षेत्र हरदीबाजार आगमन तय होते ही शासन प्रशासन और एसईसीएल दीपका प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा हैं की माटीपुत्र भू-विस्थापितों की आवाज़ और आंदोलनों को लंबे समय से नजरअंदाज कर रहे प्रबंधन के लिए अब यह दौरा किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं माना जा रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ग्रामीण अपनी पुरानी शिकायतों का पुलिंदा खोलने की तैयारी में हैं। रोजगार न देने, मुआवजा में भारी कटौती, पुनर्वास योजना ठप्प पड़ने और आउटसोर्सिंग कंपनियों में प्रभावितों को काम न मिलने जैसी आने को समस्याओं से ग्रामीण भारी आक्रोशित हैं। इतना ही नहीं, काम कर रहे मजदूरों को वेतन, भत्ते, मेडिकल और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखे जाने का आरोप लगाया जा रहा हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी आवाज़ उठाने पर जिला प्रशासन और प्रबंधन मिलकर दमनकारी नीति के तहत कार्यवाही कर रहे हैं। अब जबकि पूर्व मुख्यमंत्री खुद हरदीबाजार पहुंचकर सभा और संवाद करने वाले हैं, जिला प्रशासन एवं दीपका प्रबंधन पर सवालों की बौछार होना तय है।बताया जा रहा हैं की अधिकारियों की पूरी कोशिश है कि दौरे से पहले किसी तरह हालात को नियंत्रित दिखाया जाए। इसके लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन ने बहुत कोशिश किया मगर गांव वाले के सामने बीफल हो गए बहुत दबाव बनाया गया सर्वे करने के लिए पुलिस फोर्स और सीआईएसएफ फोर्स को लेकर हरदी बाजार आए थे एसडीएम तहसीलदार लेकिन सफलता हासिल नहीं लगी उनको खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह दौरा भू-विस्थापितो द्वारा किये जा रहे आंदोलन को नई धार देगा और जिला प्रशासन एवं प्रबंधन के लिए जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि वे बड़ी संख्या में सभा में पहुंचकर अपनी पीड़ा सामने रखेंगे और दीपका प्रबंधन की मनमानी उजागर करेंगे। अब देखना है कि आगे क्या होता है धन्यवाद