*SECL प्रबंधन की वादाखिलाफी के खिलाफ ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, 12 दिसंबर से अनिश्चितकालीन गेट जाम, गेवरा खदान बंदी का ऐलान*





*गेवरा//कोरबा:-*
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) गेवरा क्षेत्र के अंतर्गत अधिग्रहित ग्राम नराईबोध के ग्रामीण अपने अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई के लिए एक बार फिर आर-पार के मूड में हैं पूर्व में हुए त्रिपक्षीय समझौतों के बावजूद रोजगार उचित मुआवजा और पुनर्वास जैसी मूलभूत मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने 12 दिसंबर 2025 से गेवरा खदान और संबंधित ठेका कंपनी (PNC इंफ्राटेक) के कार्यों को पूर्णतः ठप्प कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है ।
*प्रमुख मुद्दे और नाराजगी के कारण*
01. वादाखिलाफी:- जिला प्रशासन ग्रामीण और SECL प्रबंधन के बीच हुई त्रिपक्षीय बैठक में नौकरी, मुआवजा और वैकल्पिक रोजगार पर सहमति बनी थी, लेकिन धरातल पर अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है ।
02. स्थानीय रोजगार की अनदेखी:- ग्रामीणों का आरोप है कि ठेका कंपनियां अपनी मनमर्जी से भर्ती कर रही हैं जबकि जमीन देने वाले प्रभावित परिवारों के शिक्षित बेरोजगार दर-दर भटक रहे हैं ।
03. अपूर्ण विकास कार्य:- बसाहट स्थल पर विकास कार्य शून्य हैं जिससे विस्थापितों का जीवन कष्टप्रद हो गया है ।
*आंदोलन की नई रणनीति*
ग्रामीणों ने पहले 8 और 9 दिसंबर को तालाबंदी की चेतावनी दी थी हालांकि 7 दिसंबर को SECL प्रबंधन के साथ हुई चर्चा और आगामी पूजा कार्यक्रमों को देखते हुए ग्रामीणों ने प्रबंधन को 11 दिसंबर तक का अंतिम समय (अल्टीमेटम) दिया है ।
ग्राम नराईबोध की पार्षद अमिला पटेल ने स्पष्ट शब्दों में कहा
हमने अपनी जमीनें SECL को दीं लेकिन बदले में हमें सिर्फ आश्वासन मिला यदि 11 दिसंबर तक हमारी मांगों पर कोई ठोस आदेश पारित नहीं होता है तो 12 दिसंबर से पूरे गांव के लोग खदान और गेट बंदी करने के लिए बाध्य होंगे किसी भी अप्रिय स्थिति की समस्त जवाबदारी SECL प्रबंधन और जिला प्रशासन की होगी ।
*समर्थन और प्रतिलिपि*
इस आंदोलन की सूचना विधायक कटघोरा, जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, और SECL के उच्च अधिकारियों (CMD बिलासपुर को भी दी जा चुकी है ग्रामीण अब ‘करो या मरो’ की स्थिति में हैं और न्याय मिलने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं ।






