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*मनरेगा से आजीविका डबरी निर्माण हेतु तकनीकी गुणवत्ता पर दिया गया प्रशिक्षण,निर्माण कार्यों में पारदर्शिता के लिए सामुदायिक सहभागिता जरूरी*

कोरबा,

कोरबा/15 दिसंबर 2025/ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम,मनरेगा के तहत आजीविका डबरी निर्माण कार्यों में तकनीकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु चिर्रा क्लस्टर के 15 ग्रामों के रोजगार सहायकों एवं मेटों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह तकनीकी प्रशिक्षण जल सरंक्षण एवं जल संवर्धन के कार्यों को बढ़ावा देने बीआरएलएफ के सहयोग से संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मनरेगा अंतर्गत निर्मित की जा रही आजीविका डबरी के कार्यों में गुणवत्ता पूर्ण निर्माण करना तथा रोजगार सहायकों एवं मेटों को आवश्यक तकनीकी ज्ञान से सशक्त बनाना रहा। साथ ही निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत आवश्यक बताया गया।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान तकनीकी विश्लेषण आलोक ताम्रकार ने डबरी निर्माण की रूपरेखा, निर्धारित मापदंड, तकनीकी डिज़ाइन, जल संरक्षण की उपयोगिता, लागत अनुमान, कार्यस्थल प्रबंधन एवं गुणवत्ता नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि तकनीकी मानकों का सही अनुपालन करने से डबरी निर्माण टिकाऊ होगा और लंबे समय तक ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।

जिला परियोजना समन्वयक  कमल भारद्वाज ने बताया कि आजीविका डबरी के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को सिंचाई सुविधा, मछली पालन, सब्जी उत्पादन, सिंघाड़ा एवं मखाना उत्पादन सहित अन्य आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आत्मनिर्भरता सुदृढ़ होगी।

उल्लेखनीय है कि मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत जिले में बड़े पैमाने पर आजीविका डबरी का निर्माण किया जा रहा है। इससे एक ओर ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जल संरक्षण एवं स्थायी आजीविका के साधन भी विकसित हो रहे हैं।

प्रशिक्षण में चिर्रा क्लस्टर के 15 ग्रामों से आए रोजगार सहायकों एवं मेटों ने सक्रिय सहभागिता की और अपने फील्ड अनुभव साझा किए। प्रतिभागियों ने कहा कि इस तकनीकी प्रशिक्षण से उन्हें कार्यस्थल पर बेहतर योजना बनाने, गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने तथा समुदाय की भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी।